रक्षामंत्री ने किया उपग्रह विरोधी ‘मिशन शक्ति’ के मॉड़ेल का अनावरण

नई दिल्ली – अंतरिक्ष में स्थित उपग्रह को नष्ट करके भारत के रक्षा सामर्थ्य का प्रदर्शन करनेवाले ‘मिशन शक्ति’ मिसाइल के मॉड़ेल का सोमवार के दिन अनावरण किया गया। राजधानी नई दिल्ली स्थित ‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन’ (डीआरडीओ) भवन में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के हाथों इसका अनावरण हुआ। इस मिसाईल यंत्रणा की ओर रक्षा तकनीक में भारत की प्रगति के प्रतिक के तौर पर देखा जा रहा है। भारत की सीमा पर तनाव बना होते समय, उपग्रह विरोधी मिसाइल के मॉड़ेल का अनावरण करके भारत ने चीन को उचित संदेश दिया हुआ दिखाई दे रहा है।

india-sat-missile-model‘डीआरडीओ’ भवन के प्रांगण में सोमवार के दिन केंद्रीय परिवहन मंत्री नितीन गडकरी और ‘डीआरडीओ’ के अध्यक्ष सतीश रेड्डी की मौजुदगी में यह समारोह हुआ। ‘मिशन शक्ति’ मुहिम में इस्तेमाल किये गए उपग्रह विरोधी मिसाइल की नकल का ‘डीआरडीओ’ भवन में निर्माण किया गया हैं। भविष्य में ऐसी और भी चुनौतियों से भरी मुहिमों का आयोजन करने के लिए ‘डीआरडीओ’ के वैज्ञानिकों को एवं युवा पीढ़ी को नई प्रेरणा प्राप्त होगी, यह विश्‍वास रेड्डी ने व्यक्त किया। ‘मिशन शक्ति’ का परीक्षण सफल होने की वजह से अंतरिक्ष में स्थित अपनी संपत्ति की रक्षा क्षमता प्राप्त करनेवाला भारत दुनिया का चौथा देश बना है।

पिछले वर्ष मार्च महीने में ‘डीआरडीओ’ ने ओड़िशा के डॉ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम द्विप से उपग्रहविरोधी यानी ‘एंटी सैटेलाइट मिसाइल’ का परीक्षण किया था। ‘लो अर्थ ऑर्बिट’ (लिओ) में भ्रमण कर रहें गतिमान उपग्रह को सटिकता के साथ लक्ष्य करके, भारतीय यंत्रणाओं ने अपनी लष्करी तकनीक के सामर्थ्य का प्रदर्शन किया था। यह काफी जटिल परीक्षण था और भारतीय यंत्रणा ने सटिकता से बहुत ही गतिमान मिसाइल के ज़रिये अंतरिक्ष में स्थित उपग्रह को लक्ष्य किया था। उपग्रहविरोधी मिसाइल का निर्माण एवं परीक्षण पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित था और इस परीक्षण के साथ, जटिल और गंभीर मुहिम को अंजाम देने की क्षमता भारत ने साबित की थी।

पिछले दो महीनों में भारत ने अपने रक्षा सामर्थ्य का जोरदार प्रदर्शन किया है। इसमें भारत ने सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल के साथ ही रुद्रम, स्मार्ट, एचएसटीडीव्ही, अग्नी, नाग इन मिसाइलों का परीक्षण किया था। इसके साथ ही इन मिसाइलों की क्षमता बढ़ाकर भारत ने अपने पड़ोसी देशों को चेतावनी दी है, यह दावा भी किया जा रहा है। इन मिसाइल परीक्षणों के साथ ही, भारतीय वायुसेना की हवाई कसरतें एवं समुद्री क्षेत्र में नौसेना ने किया युद्धाभ्यास चीन की आलोचना का लक्ष्य बना था। ऐसी स्थिति में ‘मिशन शक्ति’ के मॉड़ेल का अनावरण करके भारतीय रक्षा यंत्रणा ने आवश्‍यक संदेश दिया हुआ दिख रहा है।

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