‘डीआरडीओ’ ने किया ‘एटीजीएम’ और ‘अभ्यास’ का सफल परीक्षण

अहमदनगर/बालासोर – रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ‘लेज़र गाईडेड ऐंटी टैंक मिसाइल’ (एटीजीएम) का परीक्षण किया। अर्जुन टैंक से यह मिसाइल छोड़ी गई और इसने तीन किलोमीटर दूरी पर स्थित तय लक्ष्य को बड़ी सटिकता से नष्ट किया। गतिमान लक्ष्य ध्वस्त करने की क्षमता वाले इस मिसाइल के सफल परीक्षण पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने वैज्ञानिकों का अभिनंदन किया। इसके अलावा ‘डीआरडीओ’ ने बालासोर के अड्डे पर ‘हाय स्पीड एक्सपांडेबल एरियल टार्गेट’ (हिट) का सफल परीक्षण किया।

drdo-agtmभारत अपनी रक्षा की तैयारी में लगातार बढ़ोतरी कर रहा है। चीन और पाकिस्तान इन दो पड़ोसी देशों से बन रहा खतरा पहचानकर रक्षाबलों को प्रगत हथियार प्रदान करके अधिक मज़बूत किया जा रहा है। इसके अलावा भविष्य की सोच में ‘डीआरडीओ’ जैसे संगठन देश में प्रगत हथियारों का निर्माण करने में व्यस्त हैं। ‘डीआरडीओ’ ने विकसित किए हुए इन्हीं में से एक मिसाइल का मंगलवार को परीक्षण किया गया।

अहमदनगर ज़िले में के.के.रेंज नामक सेना के ठिकाने पर अर्जुन टैंक से ‘लेज़र गाईडेड ऐंटी टैंक मिसाइल’ का परीक्षण किया गया। ‘डीआरडीओ’ ने अपनी ‘आर्मामेंट रिसर्च ऐण्ड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट’ की जारी ‘कैनॉन लौंच मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम’ के तहत इस मिसाइल का निर्माण किया। करीबन, चार किलोमीटर मारक क्षमता की यह मिसाइल गतिमान लक्ष्य को भी बड़ी सटिकता से निशाना कर सकती है।

अलग अलग प्लैटफॉर्म से छोड़े जाने की संभवता वाली यह मिसाइल पाकिस्तान और चीन की सीमा पर लक्ष्य को निशाना करने के लिए काफ़ी प्रभावी साबित हो सकती है। इसी नज़रिए से इस मिसाईल का निर्माण किया गया है। इस मिसाइल के ज़रिए ज़मीन से ज़मीन के लक्ष्य को निशाना करने के साथ ही काफी कम ऊंचाई पर उड़ान भर रहे शत्रु के हेलिकॉप्टर को निशाना करने के लिए भी यह मिसाइल प्रभावी साबित हो सकती है।

drdo-agtmडीआरडीओ ने किए इस सफल परीक्षण पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ का अभिनंदन करते समय भारत डीआरडीओ पर गर्व करता है, यह बयान किया। साथ ही देश में निर्माण हो रहे अलग अलग हथियारों की वजह से भविष्य में विदेशी रक्षा सामान पर निर्भरता कम होगी, यह विश्‍वास भी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने व्यक्त किया।

इसी बीच अर्जुन टैंक से ‘लेज़र गाईडेड ऐंटी टैंक मिसाइल’ का परीक्षण करने से कुछ घंटे पहले ओडिशा के बालासोर में स्थित डीआरडीओ के अड्डे पर ‘हाय स्पीड एक्स्पांडेबल एरियल टार्गेट’ का परीक्षण किया गया। यह एक ‘ड्रोन’ है और इसे ‘अभ्यास’ नाम से भी जाना जाता है। इसका उपयग अलग अलग तरह के मिसाइलों का परीक्षण करने के लिए हो सकता है। इससे पहले बीते वर्ष के मई महीने में इसका परीक्षण किया गया था।

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