कोरोना का नया ‘डेल्टा प्लस’ वेरियंट मिला

‘डेल्टा प्लस’नई दिल्ली – भारत में कोरोना की दूसरी लहर के लिए ज़िम्मेदार कोरोना के ‘बी.१.६१७.२’ (डेल्टा) वेरियंट से निर्माण हुआ एक नया ‘स्ट्रेन’ मिला है। ‘डेल्टा’ वेरियंट से म्युटेट हुए इस नए प्रकार के विषाणु को ‘डेल्टा प्लस’ या ‘एवाय.१’ यह नाम दिया गया है। लेकिन, फिलहाल कोरोना के इस नए प्रकार से ड़रने की आवश्‍यकता नहीं है। क्योंकि, देश में फिलहाल डेल्टा प्लस के संक्रमण के काफी कम मामले सामने आए हैं, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है।

कोरोना वायरस के विषाणु का लगातार म्यूटेशन हो रहा है और नया स्ट्रेन तैयार हो रहा है। भारत में अब फिर से कोरोना का नया स्ट्रेन मिला है। इससे पहले बीते वर्ष भारत में पहली बार देखे गए ‘कोरोना’ के ‘डेल्टा वेरियंट’ की वजह से बीते चार महीनों में संक्रमण तेज़ हुआ था। कोरोना का ‘डेल्टा’ प्रकार अधिक लोगों को संक्रमित करनेवाला होने की बात सामने आयी थी। फिलहाल कोरोना की दूसरी लहर खत्म हो रही है। मई के शुरू में देश में रोज़ाना कोरोना के चार लाख से अधिक नए मामले सामने आ रहे थे। यही संख्या अब कम होकर ७० हज़ार हुई है।

सोमवार सुबह तक के चौबीस घंटों के दौरान देश में कोरोना के ७०,४२१ नए मामले पाए गए एवं ३,९२१ संक्रमितों की मृत्यू हुई। देश में रोज़ाना पाए जा रहे कोरोना के मृतकों के आंकड़े अभी भी ज्यादा हैं। यह बात चिंता बढ़ा रही है। इसी के साथ नए मामलों की तुलना में रोज़ाना स्वस्थ हो रहे संक्रमितों की संख्या भी अधिक हुई है। इस वजह से देश में कोरोना का रिकवरी रेट लगातार सुधर रहा है। देश में मौजूद एक्टिव मामलों की संख्या अब ९.७३ लाख से भी कम हुई है। दो महीनों में पहली बार कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या १० लाख से कम हुई है। मई के शुरू में यही संख्या बढ़कर ३७ लाख तक जा पहुँची थी। इससे स्वास्थ्य यंत्रणाओं पर काफी भार पड़ा था। ऐसी स्थिति में अब कोरोना का रिकवरी रेट बढ़कर ९५.४३ प्रतिशत हुआ है। साथ ही कोरोना का ‘पॉज़िटिव रेट’ अब गिरकर ४.७२ प्रतिशत हुआ है।

ऐसे में डेल्टा वेरियंट से तैयार हुआ ‘डेल्टा प्लस’ यानी ‘एवाय.१’ नामक कोरोना का नया वेरियंट देखा गया है। दिल्ली की ‘सीएसआयआर इन्स्टिट्यूट ऑफ जिनोम ऐण्ड इंटिग्रेटिव बायोलॉजी’ (आयजीआयबी) के वैज्ञानिक विनोद स्कारीया ने इस नए वेरियंट की जानकारी प्रदान की है। ‘डेल्टा वायरस’ के स्पाईक प्रोटीन में बदलाव होने से नया वेरियंट तैयार हुआ है। लेकिन, यह वेरियंट डेल्टा की तुलना में अधिक तेज़ संक्रमित होनेवाला होने की बात फिलहाल प्राप्त नहीं हुई है। इस नए वेरियंट से संक्रमितों के अधिक मामले भी अब तक दर्ज़ नहीं हुए हैं। इसी तरह के ‘जिनोम सिक्वेन्स’ के वेरियंट के मामले सामने आने की मात्रा यूरोप और अमरीका में ज्यादा है। मार्च के अन्त में यूरोप में इस जिनोम सिक्वेन्स का स्ट्रेन पहली बार देखा गया था, ऐसा स्कारीया ने कहा है।

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