कोरोना के महामारी की शुरूआत ‘वुहान लैब’ के कर्मचारी से हुई

– ‘डब्ल्यूएचओके वैज्ञानिक ने कियावुहान लैब थिअरीका समर्थन

कोपनहेगन/बीजिंग – कोरोना वायरस का पहला मरीज़ (पेशंट ज़ीरो) चीन के वुहान लैब का ही कर्मचारी होगा, इससे यह महामारी वुहान लैब से ही शुरू होने की संभावना अधिक है, ऐसा दावा ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन’ (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख वैज्ञानिक पीटर बेन एम्बारेक ने किया है। एम्बारेक कोरोना की जाँच करने के लिए चीन भेजे गए दल के प्रमुख थे। इस वजह से उनका बयान ध्यान आकर्षित करनेवाला साबित हुआ है। डेन्मार्क के सरकारी टीवी पर प्रसारित हुए एक कार्यक्रम के दौरान एम्बारेक ने ‘वुहान लैब थिअरी’ का समर्थन करके चीनी यंत्रणा लगातार दबाव ड़ाल रही थी, यह दावा भी किया है।

corona-wuhan-lab-employeeवर्ष २०१९ में कोरोना वायरस का संक्रमण शुरू होने के साथ ही इस मुद्दे पर चीन की भूमिका संदिग्ध रही है। अपने खिलाफ लगाए जा रहे आरोपों से बचने के लिए चीन ने कोरोना वायरस की जानकारी लगातार छुपाकर रखी। साथ ही इसका उद्गम अन्य देशों में होने के खोखले दावे भी प्रसिद्ध किए। कोरोना की महामारी पर बोलनेवाले चीनी वैज्ञानिकों की जुबान बंद की गई थी। कई पत्रकारों को गायब भी किया गया था। इस वर्ष के शुरू में ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन’ ने जारी रपट में ‘वुहान लैब’ के संबंधों से इन्कार किया था। उस समय ‘डब्ल्यूएचओ’ के प्रमुख टेड्रॉस घेब्रेस्यूस ने भी इसका समर्थन किया था।

लेकिन, चीन की इन कोशिशों की पृष्ठभूमि पर अमरीका और यूरोपिय देशों समेत विश्‍व के अन्य प्रमुख देशों ने कोरोना का उद्गम चीन से ही होने का आरोप लगाया था। अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने बीते वर्ष कोरोना का उद्गम चीन के वुहान लैब से ही होने का सरेआम आरोप लगाया था। इसके बाद अमरीका के कई वरिष्ठ नेता, अधिकारी एवं वैज्ञानिकों ने वुहान लैब की ओर ही इशारा किया था।

चीन से बाहर निकली एक महिला वैज्ञानिक ने भी इससे संबंधित सबूत होने का ऐलान किया था। इसके बाद अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने अमरिकी यंत्रणाओं को ‘वुहान लैब लीक’ की जाँच करके रपट पेश करने के आदेश दिए थे। इसके बाद ‘वुहान लैब लीक थिअरी’ का मुद्दा फिर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाया गया है। ‘डब्ल्यूएचओ’ ने चीन को इससे संबंधित जाँच में सहयोग के लिए दो बार निवेदन किया था। लेकिन, चीन ने दोनों बार यह माँग ठुकराई है। इस पृष्ठभूमि पर डैनिश वैज्ञानिकों ने साझा की हुई जानकारी चीन की घेरनेवाली साबित हुई है।

‘टीवी २’ नामक चैनल पर प्रसिद्ध हुए एक कार्यक्रम में वैज्ञानिक पीटर बेन एम्बारेक ने यह दावा किया है कि, वुहान लैब के एक कर्मचारी को कोरोना के नमूने इकठ्ठा करते सयम संक्रमण हुआ और इससे ही यह संक्रमण बाहर फैला। चीनी यंत्रणाओं ने जांच में उचित सहयोग नहीं किया और आवश्‍यक कागज़ात और जानकारी भी प्रदान नहीं की, यह बयान भी एम्बारेक ने किया है। चीनी अफसरों ने रपट में ‘वुहान लैब’ का ज़िक्र ना करने के लिए लगातार दबाव ड़ाला था, यह आरोप भी उन्होंने लगाया। ‘डब्ल्यूएचओ’ के प्रमुख वैज्ञानिकों ने ही ‘वुहान लैब थिअरी’ का समर्थन करना चीन को अधिक मुश्‍किल में फंसानेवाली बात साबित हुई है।

एक अमरिकी वेबसाईट ने कुछ दिन पहले ही यह खबर जारी की थी कि, चीन के शीर्ष अनुसंधान संगठन का एक वैज्ञानिक कोरोना संक्रमित हुआ था। चीन की ‘नैशनल इन्स्टिट्यूट फॉर वायरल डिसिज कंट्रोल ऐण्ड प्रिवेन्शन’ (एनआयवीडीसी) के वरिष्ठ वैज्ञानिक वर्ष २०२० के शुरू में ही कोरोना संक्रमित हुए थे। चीन के कुछ वैज्ञानिकों के ई-मेल्स से यह जानकारी स्पष्ट होने की बात अमरिकी वेबसाईट ने कही थी।

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