‘जी७’ की पृष्ठभूमि पर ब्रिटेन और यूरोपिय महासंघ में ब्रेक्जिट के मुद्दे पर विवाद

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरपैरिस – ब्रिटेन यूरोपीय महासंघ के साथ बिना किसी प्रस्ताव के बाहर निकला तो ब्रिटिश सरकार महासंघ को ३९ अरब पाउंडस् की रकम नहीं देगी, ऐसी चेतावनी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ‘बोरिस जॉन्सन’ ने दी हैं| जॉन्सन की चेतावनी को महासंघ ने उत्तर देते हुए ब्रिटेन ने मुआवजा देने से इंकार किया तो यूरोप और ब्रिटेन में व्यापारी समझौता नहीं होगा, ऐसा घोषित किया हैं| इस पृष्ठभूमि पर अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की प्रशंसा करते हुए ‘ब्रेक्जिट’ के बाद अमरिका और ब्रिटेन में जल्द ही बड़ा व्यापारी समझौता हो सकता हैं, ऐसे संकेत दिए हैं|

फ्रान्स में हुई ‘जी७’ की बैठक में ईरान, व्यापार युद्ध और रशिया के साथ ही ‘ब्रेक्जिट’ का मुद्दा भी काफी चर्चित होता दिखाई देता हैं| ‘जी७’ बैठक के कुछ दिनों पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने जर्मनी तथा फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष से मुलाकात की थीं| इस मुलाकात में उन्होंने ‘आयरिश बैकस्टॉप’ का मुद्दा प्रस्ताव से निकालने की आग्रही भूमिका रखी थीं| प्रधानमंत्री जॉन्सन की भूमिका पर जर्मनी और फ्रान्स के साथ महासंघ से भी तीव्र प्रतिक्रिया उमड़ी थीं|

‘जी७’ की बैठक की पृष्ठभूमि पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने फिर जर्मनी और फ्रान्स के नेताओं से मुलाकात की हैं| उसी समय यूरोपीय महासंघ के प्रमुख डोनाल्ड टस्क से भी जॉन्सन ने चर्चा की हैं| इस चर्चा में ‘ब्रेक्जिट’ के मुद्दे पर दोनों नेताओं में तीव्र मतभेद दिखाई दिए हैं| जॉन्सन ने ‘ब्रेक्जिट’ के मुद्दे पर अपनी भूमिका शुरुआत से ही कायम रखते हुए ‘नो-डील ब्रेक्जिट’ यही प्रमुख विकल्प होगा, ऐसा स्पष्ट किया हैं|

लेकिन ब्रिटेन में जॉन्सन के विरोधक और महासंघ के गुट ब्रिटेन और महासंघ के दरमियान हुए समझौते से बाहर निकले, इसके लिए आग्रही हैं| यह गुट ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पर दबाव लाने का प्रयत्न करने के दावे कुछ दिन पहले समाचार माध्यमों में किए जा रहे थे| इस पृष्ठभूमि पर ‘जी७’ में क्या होगा इस ओर सभी का ध्यान लगा रहा हैं|

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉन्सन ने किसी भी परिस्थिति में ब्रिटिश महासंघ से बाहर निकलेगा, ऐसा घोषित करते हुए ३९ अरब पाउंडस् का मुद्दा प्रस्तुत किया हैं| ब्रिटेन किसी भी प्रस्ताव के बिना बाहर निकलने वाला हैं तो यह रकम भरने का सवाल ही पैदा नहीं होता, ऐसी भूमिका ब्रिटन के प्रधानमंत्री ने रखी हैं| उसके बदले ब्रिटेन सिर्फ सात से नौ अरब पाउंडस् की रकम अदा करेगा, ऐसा जॉन्सन ने कहा हैं|

ब्रिटिश प्रधानमंत्री के इस कथन को महासंघ ने जोरदार विरोध दर्शाते हुए यह कथन लापरवाही भरा होने का आरोप किया हैं| साथ ही ब्रिटेन ने महासंघ की रकम नहीं चुकाई तो ‘ब्रेक्जिट’ के बाद ब्रिटेन और महासंघ में व्यापारी समझौता नहीं होने दिया जाएगा, ऐसा महासंघ ने धमकाया हैं|

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