‘ब्रेक्जिट’ और चुनाव के मुद्दे पर हुई हार के बाद प्रधानमंत्री जॉन्सन ने संसद का काम स्थगित किया

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरलंदन: ‘नो डील ब्रेक्जिट’ और चुनाव इन दोनों मुद्दों पर संसद में प्रस्तुत किए गए प्रस्तावों पर प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन के साथ सत्ताधारी ‘कॉन्झर्व्हेटिव्ह’ पक्ष को हार अपनानी पड़ी हैं| इस हार के बाद देर रात को ब्रिटेन के संसद का कामकाज अगले एक महीने तक स्थगित करने का जाहिर किया गया हैं| प्रधानमंत्री जॉन्सन ने पिछले महीने में की घोषणा के अनुसार १२ अक्टूबर तक संसद का कामकाज स्थगित रहते हुए उस पर सियासी दायरे में तीव्र प्रतिक्रिया उमड़ी हैं|

पिछले महीने से ‘ब्रेक्झिट’ के मुद्दे पर ब्रिटेन में सियासी माहौल में काफी उथल-पुथल हुई है| सत्ताधारी ‘कॉन्झर्व्हेटिव्ह’ पक्ष के नेता के रूप में बोरिस जॉन्सन ने प्रधानमंत्री पद स्वीकार ने के बाद ३१ अक्टूबर अथवा उससे पहले ब्रिटेन महासंघ से बाहर निकलेगा, ऐसी घोषणा की थीं| लेकिन उस के लिए ‘नो डील ब्रेक्झिट’ के विकल्प को ही प्राथमिकता देने का प्रधानमंत्री जॉन्सन का निर्णय उनके विरोधियों को पसंद नहीं आया था| इसमें उनके पक्ष के विरोधी भी शामिल हैं|

इस विरोध का बड़ा झटका प्रधानमंत्री जॉन्सन को पिछले सात दिनों में लगा हैं| विरोधी ‘लेबर’ पक्ष ने ‘ब्रेक्जिट’ के लिए अधिक समय देने के बारे में प्रस्तुत किया प्रस्ताव पिछले सप्ताह में संसद में मंजूर किया गया हैं| इस समय सत्ताधारी ‘कॉन्झर्व्हेटिव्ह’ पक्ष के २० से अधिक सांसदों ने विरोधियों का साथ दिया था| इसके बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने दो बार संसद बरखास्त करते हुए चुनाव लेने का प्रस्ताव पेश किया था| लेकिन यह दोनों प्रस्ताव संसद में पारित नही हो सके हैं|

सोमवार के संसद के सत्र में विरोधी दलों ने संसद स्थगित करने के मुद्दे पर बहुत गड़बड़ी मचाई थी| विरोधी पक्ष के सदस्यों ने सभापति के स्थान के निकट जाकर ‘सायलेंन्सड्’ और ‘शेम ऑन यू’ लिखा हुआ पैनल प्रदर्शित किया था| कुछ सांसदों ने सरकार द्वारा संसद की स्थगिती और ‘ब्रेक्जिट’ के लिए शुरू तैयारी की सभी जानकारी तुरंत खुली करने की मांग भी की थी| इसी गड़बड़ी में सभापति ने संसद स्थगित होते हुए भी उस समय होने वाली प्रक्रिया लोकशाही के विरोध में होने का आरोप किया|

प्रधानमंत्री जॉन्सन ने ब्रिटेन की रानी को पेश किए प्रस्ताव के अनुसार १२ अक्टूबर तक संसद का कामकाज बंद रहने वाला हैं| उसके बाद १४ अक्टूबर के रोज ब्रिटेन की महारानी एलिझाबेथ के भाषण से संसद का नया सत्र शुरू होने वाला हैं| ब्रिटिश संविधान के अनुसार रानी के भाषण के पहले कुछ दिन संसद को छुट्टी देने की प्रथा हैं| लेकिन इस समय ब्रेक्झिट की अनिश्चितता की पृष्ठभूमि पर प्रधानमंत्री जॉन्सन ने लगभग एक महीने से अधिक अवधि के लिए प्राप्त की मंजूरी विवादास्पद साबित हुई हैं|

संसद की इस स्थगिती के विरोध में ब्रिटेन के न्यायालय में मुकदमा भी दर्ज किया गया हैं| इस पर १७ सितंबर के रोज उच्चतम न्यायालय में सुनवाई होने वाली हैं| लेकिन विरोधी पक्ष तथा प्रधानमंत्री जॉन्सन के पक्ष के विरोधियों ने इससे पहले ही वातावरण भड़काने की शुरुआत की हैं| देश के विभिन्न भागों में जॉन्सन का निर्णय लोकशाही के विरोध में होने का चित्र निर्माण करते हुए फिर प्रदर्शन करने के संकेत दिए गए हैं| उसी समय ब्रिटेन में किए गए कुछ सर्वेक्षणों में प्रधानमंत्री जॉन्सन को ‘नो डील ब्रेक्जिट’ और चुनाव के मुद्दे पर बढ़ता समर्थन मिलने का चित्र भी सामने आ रहा हैं|

‘ब्रेक्जिट’ के बारे में अनिश्चितता और राजनीतिक स्तर पर बनी गड़बड़ी के कारण ब्रिटेन अराजकता की स्थिति की ओर धकेला जाने का डर कुछ विशेषज्ञों ने व्यक्त किया हैं|

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