म्यानमार की सेना और अराकन आतंकियों के बीच संघर्ष शुरू

सित्वे – बीते ४८ घंटों से म्यानमार की सेना और अराकन के आतंकी गुटों के बीच जोरदार संघर्ष हो रहा है। राखिन प्रांत के पहाड़ी इलाके में शुरू हुए इस संघर्ष के दौरान म्यानमार ने अपनी सेना, वायुसेना और नौसेना को भी उतारा है। म्यानमार के रक्षाबल इन आतंकियों के विरोध में संयुक्त कार्रवाई कर रहे हैं, यह जानकारी स्थानीय लोग साझा कर रहे हैं। तभी अराकन के आतंकियों ने राखिन प्रांत में तीन नेताओं का अपहरण करने के समाचार भी सामने आए हैं। अराकन आतंकियों से भारत-म्यानमार सीमा पर भी खतरा बन सकता है और इन आतंकियों को चीन से हथियारों की आपूर्ति होने की बात पहले ही सामने आयी है।

myanmar-arakan-terrorवर्ष २०१८ से म्यानमार की सेना और अराकन के आतंकियों के बीच संघर्ष हो रहा है। म्यानमार की सरकार ने राखिन प्रांत को हटाकर पूरे देश में युद्धविराम घोषित किया है। अराकन आतंकियों की म्यानमार की सरकार के विरोध में जारी गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर यह निर्णय किया गया था। इन आतंकियों को ख़त्म करके राखिन प्रांत मुक्त करने का ऐलान म्यानमार की सरकार ने पहले ही किया है। इस पृष्ठभूमि पर बीते दो सप्ताहों से म्यानमार की सेना ने अराकन के आतंकियों पर हमले शुरू किए हैं और मंगलवार से इन हमलों की तीव्रता बढ़ने का दावा स्थानीय लोग कर रहे हैं।

राखिन प्रांत के आँगथार्झी गांव में यह हमले हो रहे हैं। म्यानमार की सेना ने अराकन आतंकियों की चौकियां एवं छुपने के ठिकानों पर छापे मारना शुरू किया है। तभी म्यानमार की वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने अराकन के अड्डों पर हमले किए है। अब तक म्यानमार ने इन आतंकियों के विरोध में हेलिकॉप्टर्स का इस्तेमाल किया था। लेकिन, पहली बार लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल करके म्यानमार की सेना ने इस कार्रवाई की गंभीरता रेखांकित की है। इसके अलावा म्यानमार की नौसेना के गश्‍तीपोत यहां की नदियों के रास्ते अराकन आतंकियों पर स्वतंत्र कार्रवाई कर रही हैं। इस कार्रवाई के दौरान अराकन को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है, यह दावा भी एक स्थानीय नागरिक ने किया है।

myanmar-arakan-terrorअराकन आतंकियों से अपनी सीमा की सुरक्षा के लिए भी खतरा होने का इशारा भारतीय सेना ने पहले ही दिया था। अराकन के इन आतंकियों को चीन से हथियारों की आपूर्ति होती है, यह बात जुलाई महीने में स्पष्ट हुई ती। तभी म्यानमार की सेना इन आतंकियों पर कार्रवाई करे, यह माँग भारत ने म्यानमार के सामने रखी थी। दस दिन पहले भारत के सेनाप्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे और विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने म्यानमार का दौरा किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published.