‘डोकलाम’ के निकट चिनी सेना की गतिविधियों में बढोतरी

नई दिल्ली – भारत-भूटान की सीमा पर होनेवाले डोकलाम में फिर एक बार चीन की सेना ने गतिविधियां शुरू की है| इस सरहदी क्षेत्र में चीन की सेना महामार्ग एवं हेलीपैड विकसित कर रही है| कई हफ्तों पहले चीन ने पाकिस्तान के सिंध प्रांत में भारत से केवल ९० किलोमीटर दूरी पर सेना तैनात करने की खबरें प्रसिद्ध हुई थी| तथा संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद की मसूद अजहर पर कार्रवाई रोककर चीन ने भारत को चेतावनी दी थी| एवं राजनैतिक अग्रणी पर भी भारत को चुनौती दी थी| यह सारी घटनाएं देखते हुए भारत-चीन संघर्ष का नया अध्याय शुरू होने के संकेत मिल रहे हैं|

वर्ष २०१७ में जून १६ से २८ अगस्त तक डोकलाम में भारत एवं चीन की सेना एक दूसरों के सामने खड़ी थी| डोकलाम के इस भाग में चीन ने रास्ते निर्माण का काम हाथ लिया था| पर भारतीय सेना ने चीनी लष्कर का यह काम रोका था| जिसकी वजह से दोनों देशों में लष्करी संघर्ष का भड़का उड़ने की स्थिति निर्माण हुई थी| उस समय चीन से भारत को १९६२ में हुए युद्ध की याद दिलाई थी| इस युद्ध में जो हुआ है उससे अधिक मानहानिकारक हार भारत को स्वीकारनी होगी, ऐसी चेतावनी चीन से दी जा रही थी| पर भारत ने चीन के धमकियों की परवाह न करते हुए, इस जगह तैनाती बढ़ाई थी| जिसकी वजह से चीन को इस जगह से वापसी करनी पड़ी थी| इसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन को झटका लगा था एवं इसकी वजह से भारत की प्रतिष्ठा अधिक बढ़ी थी|

इसकी वजह से चीन आज नहीं तो कल, इस अपमान का बदला लेने का प्रयत्न करेगा एवं फिर से डोकलाम का विवाद निर्माण करेगा ऐसी चेतावनी विश्‍लेषक दे रहे थे| चीन ने यह चेतावनी वास्तव में उतारने की गतिविधियां शुरू करने के संकेत इससे पहले भी मिल रहे थे| फिलहाल चीन का लष्कर डोकलाम के पास अपने यातोंग और तोना में रास्ते विकसित कर रहा है और इस जगह हेलीपैड बना रहा है| तथा वहां वाहनों की पार्किंग के लिए एवं भंडार के लिए भवन निर्माण शुरू किया जा रहा है| यह तैयारी फिर एक बार भारत को चुनौती देने के लिए होती दिखाई दे रही है| डोकलाम से लगभग २ किलोमीटर अंतर पर चीन के लष्कर के १०० वाहन और लष्कर के तंबू तैयार होने की खबर मिली है|

भारतीय लष्कर डोकलाम के बाद चीन की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखे हुए हैं| कुछ दिनों पहले पाकिस्तान के सिंध प्रांत में भारत की सीमा से केवल ९० किलोमीटर अंतर पर चीन ने अपने जवान तैनात करने की खबरें आई थी| यह तैनाती चीन एवं भारत में इकोनॉमिक कॉरिडोर प्रकल्प की सुरक्षा के लिए होने का खुलासा चीन दे रहा है|

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