चीन की आक्रामकता के कारण ही भारत के साथ संघर्ष उद्भवित हुआ – लष्करप्रमुख जनरल नरवणे

नई दिल्ली – भारतीय लष्कर हालाँकि भविष्यकालीन चुनौतियों का सामना करने की तैयारी कर रहा है, देश की सीमा पर फिलहाल निर्माण हुए खतरों को अनदेखा नहीं किया जा सकता, ऐसा लष्करप्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा है। लद्दाख की एलएसी से सेना वापसी करने पर भारत और चीन की सहमति हुई है। ऐसे समय में लष्कर प्रमुख ने यह बयान करके, चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता, ऐसा संदेश दिया है। उसी समय, चीन की आक्रामक हरकतों के कारण ही भारत के साथ संघर्ष उद्भवित हुआ, ऐसी आलोचना लष्करप्रमुख ने की।

जनरल नरवणेगुरुवार को एक लष्करी अभ्यासगुट ने आयोजित किये कार्यक्रम में बात करते समय लष्करप्रमुख ने, ईशान्य ओर की सीमा की सुरक्षा को चीन द्वारा दी जा रही चुनौतियों का एहसास कराया। भारत की ईशान्य सीमा पर चीन आक्रामक लष्करी गतिविधियॉं कर रहा है। उसी समय इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के छोटे देशों को अपने निवेश और बुनियादी सुविधाओं के प्रोजेक्ट्स के जाल में फंसा रहा है। इसके जरिए छोटे देशों की चीन पर होने वाली निर्भरता को बढ़ाकर, चीन इस क्षेत्र में असंतोष पैदा कर रहा है। उसी समय, अमरीका और चीन की होड़ के कारण भी इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर असमतोल निर्माण हुआ है, ऐसा जनरल नरवणे ने कहा।

भारत के पड़ोसी देशों में बढ़ रहे चीन के प्रभाव के कारण और एलएसी पर इकतरफा बदलाव करने की आक्रामक मानसिकता के कारण चीन के भारत के साथ संबंध तनावग्रस्त हुए हैं। इस कारण दोनों देशों में संघर्ष का वातावरण पैदा हुआ है, ऐसा बताकर, उसके लिए चीन की अतिमहत्वाकांक्षा जिम्मेदार होने का दोषारोपण जनरल नरवणे ने किया। नेपाल, भूटान इन भारत के पड़ोसी देशों में बड़े पैमाने पर निवेश करके चीन अपना वर्चस्व स्थापित करने की कोशिश कर रहा है, इस पर भी जनरल नरवणे ने गौर फरमाया। चीन की ‘बीआरआय’ परियोजना के पीछे भी यही हेतु होने का यकीन भारत के लष्करप्रमुख ने दिलाया।

इसी बीच, लद्दाख की एलएसी से चीन का लष्कर पीछे हटने की तैयारी कर रहा है। ऐसा होने के बावजूद भी यह संघर्ष यहीं पर रुकने वाला नहीं है। चीन फिर से भारत की सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश किए बगैर नहीं रहेगा, ऐसा सामरिक विश्लेषक जता रहे हैं। भारतीय रक्षा बलों को भी इसका एहसास होकर, लष्करप्रमुख जनरल नरवणे ने चीन के बारे में किए बयान इसका प्रमाण दे रहे हैं। आने वाले समय में भी भारतीय लष्कर चीन की घुसपैठ तथा अन्य आक्रामक हरकतों का उतना ही मुंहतोड़ जवाब देगा, ऐसा संदेश जनरल नरवणे के बयानों द्वारा चीन को दिया जा रहा है।

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