‘ ‘अझहर’ मामलें में चीन की भूमिका बदलेगी’ : केंद्रीय गृहमंत्री का भरोसा

नवी दिल्ली, दि. ३ : ‘संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षापरिषद में लाया गया, मसूद अझहर पर की कार्रवाई का प्रस्ताव रोकनेवाला चीन आगे चलकर भारत को अनुकूल भूमिका लेकर इस प्रस्ताव का समर्थन करेगा’ ऐसा भरोसा केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंग ने जताया| इस संदर्भ में भारत चीन के साथ चर्चा करेगा, ऐसा कहते हुए गृहमंत्री ने, ‘चीन की भूमिका में बदलाव होगा’ ऐसी उम्मीद जतायी है| वहीं, चीन के पूर्व राजनैतिक अधिकारी माओ सिवेई ने, चीन को ‘अझहर’ का बचाव कर भारत के साथ संबंध बिगाड़ने नहीं चाहिए, ऐसा मत प्रदर्शित किया|

azharचीन ने मसूद अझहर पर की जा रही सुरक्षापरिषद की कार्रवाई पर रोक लगा दी| यह आतंकवादविरोधी कार्रवाई को लगा झटका है, जिससे आंतर्राष्ट्रीय समुदाय की दुर्बलता सामने आयी है’ ऐसा कहते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने इसपर गंभीर चिंता जतायी| साथ ही, ‘चीन की यह भूमिका यानी आतंकवादविरोधी जंग में प्रदर्शित हो रहा दोमुंहापन दिखायी दे रहा है| लेकिन भारत यह मसला चीन के सामने उपस्थित करेगा’ ऐसे राजनाथ सिंग ने आगे कहा| लेकिन भविष्य में चीन इस संदर्भ में रहनेवाली अपनी भूमिका बदलकर भारत के अझहरविरोधी प्रस्ताव का समर्थन करेगा, ऐसा भरोसा राजनाथ सिंग ने जताया है|

अब तक तीन बार अझहर पर होने जा रही सुरक्षापरिषद की कार्रवाई पर रोक लगानेवाले चीन की भूमिका में, भविष्य में बदलाव संभव नहीं| चीन का विदेश मंत्रालय लगातार इसकी जानकारी दे रहा होकर, उसके लिए तकनिकी कारण दे रहा है| वास्तव में, पाकिस्तान में खुलेआम घुमनेवाले इस आतंकी नेता पर सुरक्षापरिषद की कार्रवाई न हों, ऐसी चीन की इच्छा है| इसके लिए चीन अपने नकाराधिकार (वेटो) का इस्तेमाल करते हुए भारत का प्रस्ताव ठुकरा रहा है| चीन के इस फैसले को पाकिस्तान से बढ़ता समर्थन मिल रहा है|

लेकिन चीन के पूर्व राजनीतिक अधिकारी माओ सिवेई ने, अपने देश की अझहर मामले में रहनेवाली भूमिका पर नाराज़गी जतायी| ‘चीन पाकिस्तान के साथ सामरिक संबंध अधिक से अधिक दृढ़ करता जा रहा है| लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता कि भारत के साथ संबंध बिगाडने चाहिए| सन २०१६ में भारत और चीन के बीच तनाव पैदा हुआ था| चीन ने अझहर को बचाने के लिए अपनायी भूमिका इसके लिए बडी मात्रा में ज़िम्मेदार साबित हुई| लेकिन चीन अझहर पर की कार्रवाई का भारत का प्रस्ताव इसके आगे न रोकें, ऐसी सलाह सिवेई ने दी|

सन १९९९ में चीन ने, अमरीका पर आतंकी हमले करनेवाले ‘अल कायदा’ और ‘तालिबान’ के खिलाफ भूमिका अपनाते हुए, उनके खिलाफ की जानेवाली कार्रवाई के प्रस्ताव को समर्थन दिया था| इसकी याद भी सिवेई ने दिलायी| इस वक्त भी चीन ने अझहर पर हो रही कार्रवाई को समर्थन देने की ज़रूरत है, ऐसे सिवेई ने कहा है|

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