लष्करी सामर्थ्य तेज करने के लिए चीन ने किया तैवान की सीमा से नजदिकी क्षेत्र में युद्धाभ्यास

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बीजिंग/तैपेई – ‘अपनी लष्करी क्षमता की जांच करके इसे अधिक तेज करने के लिए चीन ने तैवान की सीमा के नजदिकी क्षेत्र में युद्धाभ्यास शुरू किया है’, यह ऐलान चीन के ‘पिपल्स लिबरेशन आर्मी’ ने किया| कुछ घंटे पहले तैवान के हवाई क्षेत्र से निकट काफी खतरनाक तरीके से उडान भर रहे चीन के लडाकू विमानों को रोकने के लिए तैवान ने अपने विमान भेजे थे| इसके बाद चीन ने यह ऐलान किया|

चीन ने सोमवार से ही तैवान के समुद्री क्षेत्र से निकट युद्धाभ्यास शुरू किया है| ‘पिपल्स लिबरेशन आर्मी इस्टर्न थिएटर कमांड’ की सेना इस युद्धाभ्यास में शामिल है| चीन का यह युद्धाभ्यास अपनी सार्वभूमता को चुनौती दे रहा है, यह आलोचना तैवान कर रहा है| पर, चीन ने अपने इस युद्धाभ्यास का समर्थन किया| ‘सेना, नौसेना और वायुसेना को शामिल करके इस युद्धाभ्यास के जरिए चीन अपनी क्षमता की जांच कर रहा है’, यह भी चीन ने स्पष्ट किया| साथ ही तैवान की ‘त्साई ईंग वेन’ की सरकार को चीन ने चेतावनी भी दी है|

‘चीन की बेईज्जती करके तैवान के गुटों ने आजागी की कोशिश जारी रखी है| इसी वजह से अपनी सेना को चौकन्ना रखने के लिए और तैवान की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए यह युद्धाभ्यास आवश्यक है’, यह बात चीन की सेना ने कही है| इस युद्धाभ्यास की शुरूआत होने से पहले रविवार के दिन चीन के लडाकू विमान ‘जे-११’ और ‘एच-६ बॉम्बर’ ने तैवान के हवाई क्षेत्र से नजदिकी क्षेत्र में गश्त की थी|

तैवान के दक्षिणी हिस्से के बाशी की खाडी से चीन के इन विमानों ने उडान भरी थी| चीन की इस हरकत पर जवाबी कार्रवाई करने के लिए तैवान ने भी अपनी वायुसेना के ‘एफ-१६’ लडाकू विमान भेजे थे| तैवान की सरकारी समाचार संस्था ने साझा की जानकारी के अनुसार, तैवान के एफ-१६ विमानों ने चीन के ‘एच-६ बॉम्बर्स’ के साथ उडान भरी| तैवान के ‘एफ १६’ विमान ने चीन के विमानों की दिशा में उडान भरी थी|

चीन की घुसपैठ को इशारा देने के लिए हमें अपने विमान भेजने पडे, यह बयान तैवान के रक्षा मंत्रालय ने किया है| साथ ही चीन की घुसपैठ रोकने के लिए तैवान ने हमेशा ही निगरानी एवं हवाई सुरक्षा यंत्रणा का इस्तेमाल किया है| इस बार भी तैवान ने चीन को अपनी लष्करी तैयारी दिखाई है’, यह बात तैवान के रक्षामंत्रालय ने कही है|

साथ ही तैवान की समुद्री एवं हवाई सीमा में विध्वंसक और विमान भेजकर चीन ने तैवान की रक्षा, स्थिरता और शांति के लिए खतरा बनाने की कोशिश शुरू की है, ह आरोप तैवान के रक्षा मंत्रालय ने किया है| पर, तैवान के यह आरोप चीन ने ठुकराए है| तैवान पुरी तरह से चीन का ही सार्वभूम हिस्सा है और इस क्षेत्र में चीन के विमानों ने की गश्त चीन के नियमों के दायरे में होने की बात चीन की सेना ने कही है|

इसी बीच, वर्ष २०१६ में त्साई ईंग वेन तैवान की राष्ट्राध्यक्ष बनी| त्साई पुरी तरह से स्वतंत्र तैवान की समर्थक एवं सख्त चीन विरोधी नेता के तौर पर जानी जाती है| उन्होंने चीन का नियंत्रण हाथ में लेने से चीन की बेचैनी में बढोतरी होती रही है| ‘त्साई’ की सरकार का तख्ता पलट करने के लिए भी चीन ने कोशिश की है, यह आरोप तैवान के सत्तापक्ष ने किया है|

पिछले महीने में ‘त्साई’ का दल ने फिर से तैवान में सरकार बनाई है| इसके बाद अपने देश पर दबाव बढाने के लिए चीन अपने क्षेत्र के निकट युद्धाभ्यास कर रहा है, यह आरोप तैवान की सरकार कर रही है|

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