‘एफएटीएफ’ की बैठक के चार दिन पहले पाकिस्तान ने न्यायालय ने हफिज सईद को सुनाई ११ वर्ष जेल की सजा

लाहोर – हफिज सईद को ११ वर्ष जेल की सजा सुनवाकर पाकिस्तान ने चार दिनों बाद हो रही ‘फायनान्शिअल एक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) की बैठक की बडी तैयारी की है| मुंबई पर हुए २६/११ के आतंकी हमले का मास्टरमाईंड रहे हफिज सईद के विरोध में पाकिस्तान में इस तरह की कार्रवाई होना पहली घटना है| ‘एफएटीएफ’ की ब्लैक लिस्ट में शामिल होने के डर से पाकिस्तान ने यह कार्रवाई करने की बात स्पष्ट हुई है| पर, इस पर पाकिस्तान में मौजूद चरमपंथी कडी प्रतिक्रिया दर्ज कर सकते है|

चार दिनों बाद फ्रान्स की राजधानी पैरिस में ‘एफएटीएफ’ की बैठक होगी| इसमें पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट करना है या नही, इसपर निर्णय होने की संभावना है| आतंकियों की आर्थिक सहायता करनेवालों पर कडी कार्रवाई करने से इन्कार करनेवाले देशों को ‘एफएटीएफ’ की ब्लैक लिस्ट में शामिल किया जाता है| इस बारे में पाकिस्तान का इतिहास काफी मलिन होने की बात ध्यान में रखकर इश देश को फिलहाल ग्रे लिस्ट में शामिल किया गया था| इसके बाद भी पाकिस्तान ने आतंकियों की आर्थिक सहायता करनेवालों पर कडी कार्रवाई नही की तो इस देश को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा, यह धमकी ‘एफएटीएफ’ ने दी थी|

इसके बाद पाकिस्तान ने एफएटीएप ने जताई आपत्ति दूर करने के लिए जरूरी कार्रवाई करने का वादा किया था| इसी पृष्ठभूमि पर लाहोर के आतंकवाद विरोधी अदालत ने हफिज सईद और उसका नजदिकी सहयोगी जफर इक्बाल को भी जेल की सजा सुनाई| आतंकियों की आर्थिक सहायता करने के आरोप साबित होकर यह सजा सुनाई गई है, ऐसा अदालत ने कहा है| इस मामले में पिछले वर्ष के १७ जुलाई के रोज हफिज सईद को गिरफ्तार किया गया था और वह लाहोर के कोट लखपत जेल में बंद किया गया था|

एफएटीएफ’ की कार्रवाई की डर से ही पाकिस्तान ने हफिज सईद को गिरफ्तार करने की बात स्पष्ट हुई थी| मुंबई पर हुए आतंकी हमले की साजिश हफिज सईद ने ही की थी, यह कहकर भारत ने पुख्ता सबुत भी पाकिस्तान के हाथ में रखें थे| पर, हफिज सईद यह समाज सुधारक होने की बात कहकर पाकिस्तान ने यह आरोप इस मामले में भारत ने पेश किए सबुत भी ठुकराए थे| पर, अब ‘एफएटीएफ’ के कारण पाकिस्तान की सरकार यह कार्रवाई करने के लिए विवश हुई है और अगले दिनों में इसके परिणाम इम्रान खान की सरकार को भुगतने होंगे, यह आसार भी दिखाई दे रहे है|

हफिज सईद के एक सहयोगी को एफएटीएफ के मंत्रिमंडल के सदस्य ने खुलेआम समर्थन दिया था| कुछ भी हो पर हफिज सईद और उसके सहयोगियों पर कार्रवाई नही होगी, यह वादा इस मंत्री ने किया था| इस वजह से पाकिस्तान की सरकार यह कार्रवाई करके अपने देश में मौजूद आतंकी और चरमपंथियों को दुखाने के लिए तैयार ना होने की बात स्पष्ट हुई थी|

पर, एफएटीएफ की कार्रवाई होने की कडी संभावना बनने से पाकिस्तान की सरकार अपनी नीति में बदलाव करने के लिए मजबूर हुई है| पाकिस्तान के अदालत की निष्पक्षाता पर कई बार सवाल किए गए थे| पाकिस्तान में न्यायव्यवस्था स्वतंत्र है और इसपर सरकार का नियंत्रण ना होने के आरोप लगातार होते रहे है| हफिज सईद के मामले में दिए निर्णय से यह बात फिर एक बार स्पष्ट हुई है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.