‘जी-२०’ बैठक के लिए आये अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष को चीन ने ‘रेड कार्पेट’ नकारा

हांगझो, दि. ४ (वृत्तसंस्था) – ‘जी-२०’ बैठक के लिए चीन में दाखिल हुए अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष का राजशिष्टाचार के अनुसार स्वागत ना करते हुए चीन ने नया विवाद पैदा किया है| राष्ट्राध्यक्ष ओबामा को ‘रेड कार्पेट’ नकारना, अमरीका की राष्ट्रीय रक्षा सलाहकार सुसान राईस को रोक़ना और राष्ट्राध्यक्षों समेत आए हुए अमरिकी मीडिया के प्रतिनिधियों के साथ दुय्यम दर्ज़े का बर्ताव करने का फ़ैसला कर चीन ने अपनी नाराज़गी जताई| अमरीका ने हालाँकि इसपर अधिकृत स्तर पर प्रतिक्रिया दर्ज़ ना की है, लेकिन अमरिकी मीडिया ने इसकी गंभीरता से दखल लेते हुए चीन की कड़ी आलोचना की है| इस कारण, ‘जी-२०’ बैठक संघर्षपूर्ण होने के संकेत मिल रहे हैं|

‘रेड कार्पेट’ ‘पॅरिस’ में हुई ‘जागतिक जलवायु परिवर्तन’ परिषद के संदर्भ में अमरीका और चीन के बीच समझौते पर सहमति होने की खबरें प्रकाशित हुई हैं| ‘साऊथ चायना सी’ के मसले पर एक-दूसरे के खिलाफ़ खड़े हुए अमरीका और चीन में हुई यह सहमति दोनों देशों के बीच का तनाव कुछ हद तक कम करनेवाली है, ऐसे संकेत दे रही थी| लेकिन अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष का ‘एअर फोर्स वन’ चीन के हवाईअड्डे पर उतरने के बाद, दोनों देश के बीच के तनाव और भी उग्र हो चुके हैं| अपने विमान के मुख्य दरवाज़े से उतरने के बजाय, राष्ट्राध्यक्ष ओबामा को ‘इमर्जन्सी एक्झिट’ से उतरने की सलाह चिनी अधिकारीयों ने दी| अमरिकी मीडिया ने ये आरोप किए है, लेकिन चीन, इसके लिए अमरिकी अधिकारियों की ज़िद जिम्मेदार होने का दावा कर रहा है|

राष्ट्राध्यक्ष ओबामा के साथ जाने की कोशिश करनेवालीं, अमरीका की राष्ट्रीय रक्षा सलाहकार सुसान राईस को भी चिनी अधिकारियों ने रोका| इस घटना से राईस नाराज हुई हैं| उनके साथी अमरिकी उच्चाधिकारियों ने इसपर चीन के अधिकारियों को फटकार लगाई| लेकिन चीन के अधिकारियों पर इसका कोई असर नहीं हुआ| उस वक्त दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बहस शुरू हुई, ऐसी जानकारी अमरिकी अखबारों के प्रतिनिधियों ने दी है| ‘यहाँ पर मौजूद संवाददाताओं के सामने तमाशा मत कीजिए’ ऐसा कहते हुए चिनी अधिकारियों ने इस विवाद को मिटाने की कोशिश की| लेकिन चीन ने राजशिष्टाचार का उल्लंघन किया, ऐसा कहते हुए अमरिकी अधिकारी नाराज़ हुए, ऐसी जानकारी अमरिकी अखबारों ने दी है|

अमरिकी मीडिया को चीन की नाराज़गी का अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है| उन्हें चिनी रक्षाकर्मियों द्वारा बारबार रोका जा रहा हैं| चीन के रक्षा अधिकारी, अमरिकी राजनीतिक अधिकारियों और मीडियाकर्मियों को बता रहे हैं कि ‘यह हमारा देश है और हमारे रिवाजों के अनुसार सभी चीज़े होंगी|’ वहीं, ‘तुम्हारे रिवाज़ों में बारबार बदलाव हो रहे हैं’ ऐसी फटकार अमरिकी राजनीतिक अधिकारियों ने चिनी रक्षाकर्मियों को लगायी|

इस प्रकार से रोकने की कार्रवाई हमने इससे पहले देखी नहीं थी, ऐसा कुछ पत्रकारों का कहना है| वहीं, चीन ने इससे पहले भी इसी प्रकार से अमरीका को उक़साने की कोशिश की थी, उन घटनाओं की याद पत्रकारों ने दिलायी|

जी-२० बैठक में ‘साऊथ चायना सी’ का मसला उपस्थित करने की तैयारी अमरीका ने कर ली है| दोनों देश इस मसले पर समझौता करने के लिए तैयार नहीं है| इसीका परिणाम राष्ट्राध्यक्ष ओबामा के चीन में हुए स्वागत पर हुआ, यह स्पष्ट हो रहा है। इससे अमरीका की भूमिका और भी तीव्र होगी, ऐसे संकेत मिल रहे हैं|

अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष को, राजशिष्टाचार के अनुसार स्वागत नकारा जाना, यह बात महज़ नज़रअंदाज़ी से नहीं हो सकती। उसकेपीछे कुछ निश्चित ऐसी योजना होनी चाहिए। क्योंकि दूसरे देश के राष्ट्रप्रमुख का स्वागत किस तरह करना है, इसके बारे में निर्णय मेजवान देश के वरिष्ठ स्तर पर किया जाता है। चीन ने अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के संदर्भ में जानबूझकर ऐसा किया है, ऐसा इल्ज़ाम चीन में उपस्थित मेक्सिको के पूर्व राजदूत ने लगाया है। वहीं, चीन की मग़रूरी का यह नया अध्याय होने की आलोचना पूर्व राजदूत जॉर्ज गोआर्दो ने की है।

 जिनपिंग के लिए पुतिन का ख़ास तोहफ़ा

हांगझो, दि. ४ (वृत्तसंस्था) – अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष का राजशिष्टाचार के अनुसार स्वागत न करनेवाले चीन के, रशिया के साथ रहनेवाले संबंध और भी मज़बूत होते जा रहे हैं, ऐसा दिखायी दे रहा है| रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने चीन के राष्ट्राध्यक्ष के लिए लाया हुआ ख़ास तोहफ़ा, दोनों देशों में बढ़ते मित्रतापूर्ण संबंधों की गवाही दे रहा है|

chian-jinping-चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग जब रशिया दौरे पर थे, तब उन्होंने रशियन आइस्क्रीम का लुफ़्त उठाया था और उन्हें यह आइस्क्रीम काफ़ी पसंद आया था| रशियन राष्ट्राध्यक्ष, ‘जी-२०’ के लिए चीन में आते समय, इस आइस्क्रीम का टब साथ लेकर ही आए हैं|

अपने पसंदीदा ‘आइस्क्रीम’ का तोहफ़ा ले आने पर, जिनपिंग ने पुतिन का शुक्रिया अदा किया है| राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के लिए लाया हुआ यह तोहफ़ा आंतर्राष्ट्रीय मीडिया का ध्यान आकर्षित कर रहा है| एक तरफ़ अमरीका और चीन में तनाब बढ़ रहा है; वहीं, दूसरी तरफ़ चीन और रशिया के संबंध उसी प्रमाण में दृढ होते जाने के संकेत इस आइस्क्रीम के तोहफ़े में से मिल रहे हैं|

 

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