विएतनाम द्वारा ‘साऊथ चायना सी’ में चीन के खिलाफ़ रॉकेट लॉंचर्स तैनात

हाँगकाँग, दि. ११ (वृत्तसंस्था) – पश्‍चिमी देशों के अधिकारियों ने दी जानकारी के अनुसार, विवादास्पद ‘साऊथ चायना सी’ के स्प्रार्टले द्वीपसमूहों पर विएतनाम द्वारा रॉकेट लॉंचर्स तैनात किये गए हैं| इस समुद्री क्षेत्र में चीन ने निर्माण किए अप्राकृतिक द्वीपों पर चीन ने बनाये हुए लड़ाकू प्लेन के ‘रन-वे’ और रक्षासंबंधी उपकरण, इनको ध्वस्त करने की क्षमता इन ऍड्वान्स रॉकेट लाँचर्स में है, ऐसी जानकारी इन अधिकारियों ने दी|

विएतनामपिछले कुछ सप्ताहों में, विएतनाम ने ‘साऊथ चायना सी’ में रहनेवाले अपने द्वीपों की सुरक्षा के लिए सावधानी से कदम उठाना शुरू कर दिया है, ऐसी जानकारी पश्‍चिमी देशों के अधिकारियों ने एक समाचार एजन्सी को दी| विएतनाम के रक्षादलों ने, स्प्रार्टले द्वीपसमूहों के पाँच द्वीपों पर मोबाईल रॉकेट लॉंचर्स तैनात किए हैं| फिलहाल ये लाँचर्स रॉकेट्स से लैस नहीं हैं| लेकिन आनेवाले कुछ ही दिनों में ये लाँचर्स सक्रिय किये जाएँगे, ऐसा विश्‍वास भी इन अधिकारियों ने जताया|

विएतनाम की इन सैनिकी गतिविधियों से जुड़े तीन अधिकारियों ने इस तैनाती के बारे में जानकारी दी| हवाई निगरानी में ये रॉकेटलाँचर्स दिखायी न दें, इसलिए उन्हें छिपाया गया है। लेकिन विएतनाम से ये रॉकेट लाँचर्स स्प्रार्टले द्वीपसमूहों के लिए निकल चुके है, ऐसी पक्की जानकारी हमारे पास है, ऐसा इन अधिकारियों ने स्पष्ट किया| स्प्रार्टले के कौनसे द्वीपों पर इन्हें तैनात किया गया है, इसकी जानकारी नहीं हैं| लेकिन विएतनाम के विदेश मंत्रालय ने, यह जानकारी झूठी है, इतना कहते हुए आगे इस बारे में कुछ भी कहना टाल दिया है|

‘साऊथ चायना सी’ के क्षेत्र में अधिकार जतानेवालों में, चीन के साथ विएतनाम, फिलिपाईन्स, मलेशिया, ब्रुनेई और तैवान ये देश भी शामिल हैं| इनमें से विएतनाम ने पहले ही, ‘साऊथ चायना सी’ के अपने हितसंबंधो की रक्षा करने के लिए कदम उठाने की चेतावनी दी थी| ‘स्पार्टले’ द्वीपसमूह क्षेत्र के कुछ द्वीपों पर और समुद्री क्षेत्र पर विएतनाम अपना हक जता रहा है|

इस पृष्ठभूमि पर, जून महीने में सिंगापूर में आयोजित ‘शंघरी-ला’ बैठक में विएतनाम के उपरक्षामंत्री लेफ्टनंट जनरल ‘नूयेन ची विन्ह’ ने चीन को चेतावनी दी थी| ‘विएतनाम को अपने संप्रभूत क्षेत्र की रखवाली के लिए कोई भी शस्त्र किसी भी इलाक़े में तैनात करने का अधिकार है’ ऐसा कहते हुए, ‘विएतनाम स्पर्टले द्वीपसमूहों में रॉकेट लाँचर्स तैनात कर सकता है, ऐसे संकेत ‘नूयेन ची विन्ह’ ने दिये थे|

विएतनाम की सेना के पास फ़िलहाल रशियन बनावट के दीर्घ पहुँचवाले रॉकेट लाँचर्स तथा अमरीका की बोईंग कंपनी के ‘हार्पून’ रॉकेट लाँचिंग यंत्रणा है| सेना के मोबाईल लाँचर्स तथा नौदल के युद्धपोतों पर ये मिसाईल्स तैनात किए जाते हैं| वहीं, कुछ ही महीनों पहले विएतनाम ने इस्रायल से ‘एक्स्ट्रा’ रॉकेट लाँचर्स की भी ख़रीदारी की है| १५० किलोमीटर दूरी पर के लक्ष्य को भेद सकनेवाले इन लाँचर्स में १५० किलो विस्फोटकों का वहन करने की क्षमता है| ये लाँचर्स एकही समय हवाई निगरानी करनेवाले ड्रोन्स, युद्धपोत और जमीन के टार्गेट्स पर निशाना साध सकते हैं|

विएतनामी लाँचर्स की पहुँच में ‘फेरी क्रॉस रीफ’, ‘सुबि’ और ‘मिसचिफ रीफ’ इन चिनी अप्राकृतिक द्वीपसमूह के ‘रन-वे’, रडार और सैनिकी उपकरण आ सकते हैं| इन्हीं द्वीपों पर चीन ने लड़ाकू विमानों के लिए खुफ़िया हँगर्स बनाये हैं, ऐसी ख़बर चार दिन पहले ही अमरीका के अभ्यासगुट द्वारा प्रकाशित की गयी थी| इन हँगर्स का निर्माण करके चीन ने अमरीका के खिलाफ़ जंग की तैयारी के संकेत दिये हैं, ऐसा दावा अमरिकी गुट ने किया था| इस पृष्ठभूमि पर, चीन के इन द्वीपों को टार्गेट करते हुए विएतनाम ने रॉकेट लॉंचर्स को तैनात कर चीन की मग़रूरी को मुँहतोड़ जवाब दिया है, ऐसा सामने आ रहा है|

विएतनाम तथा अन्य साऊथ-ईस्ट एशियाई देशों को अमरीका, जापान तथा ऑस्ट्रेलिया का समर्थन प्राप्त है और इसी कारण विएतनाम जैसे आक्रामक देश का आत्मविश्वास बढ़ चुका है, यही इस तैनाती से स्पष्ट हो रहा है।

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