अमरीका की आपत्ति नज़रअंदाज करके चीन ने यूएई में सैन्य अड्डे का निर्माण शुरू किया है – अमरिकी अखबार की जानकारी

वॉशिंग्टन – खाड़ी में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रहे चीन ने यूएई में अपने सैन्य अड्डे का निर्माण शुरू किया है। अमरीका ने आपत्ति जताने के बावजूद चीन ने यह कदम उठाया है। अमरीका के शीर्ष अखबार ने यह जानकारी सार्वजनिक की है। पिछले महीने चीन ने सौदी अरब और ईरान के बीच मध्यस्थता की थी। यह गतिविधियां अमरीका के प्रभाव को झटका देने वाली होने की आलोचना बायडेन के विरोधियों ने की थी। ऐसे में अब यूएई में चीन की शुरू सैन्य गतिविधियां अमरीका के लिए बड़ी चेतावनी साबित हो रही है। 

सैन्य अड्डे का निर्माणचीन की शासक कम्युनिस्ट पार्टी और पिपल्स लिबरेशन आर्मी ने ‘प्रोजेक्ट १४१’ का कार्यान्वयन शुरू किया हैं। चीन के इस महत्वाकांक्षी वैश्विक सैन्य नेटवर्क में सामान की आपूर्ति करने वाले १० ठिकाने और पांच सैन्य अड्डों का समावेश है। इसके तहत चीन आग्नेय एशिया के साथ खाड़ी और अफ्रीकी देशों के बंदरगाहों पर सैन्य अड्डों का निर्माण कर रहा हैं। वर्ष २०३० तक इस ‘प्रोजेक्ट १४१’ को पूरा करने के इरादे से चीन संबंधित देशों में तेजी से सैन्य अड्डों का निर्माण कर रहा हैं।

अमरीका की गुप्तचर यंत्रणा को चीन के इस योजना की जानकारी थी। वर्ष २०२१ में चीन ने ‘संयुक्त अरब अमीरात’ (यूएई) के अल-खलिफा बंदरगाह में सैन्य अड्डा बनाने की गतिविधियां शुरू की थी। लेकिन, अमरीका ने आपत्ति जताने के बाद चीन ने वहां का निर्माण कार्य रोक दिया था। इसके लगभग एक साल बाद तक चीन ने वहां पर किसी भी तरह की गतिविधि नहीं की थी। लेकिन, पिछले वर्ष दिसंबर महीने में चीन ने अल-खलिफा बंदरगाह में फिर से निर्माण कार्य शुरू किया हैं। 

सैन्य अड्डे का निर्माणअमरीका के शीर्ष अखबार ने यह जानकारी प्रसिद्ध की हैं। यूएई की राजधानी अबू धाबी से करीबी इस बंदरगाह में चीन बड़े पिलर्स खड़े कर रहा हैं। इससे संबंधित कागज़ात वरिष्ठ अधिकारियों के साक्षात्कार से यह बात सामने आयी थी। यूएई में चीन की जारी इन गतिविधियों की जानकारी बायडेन प्रशासन को थी। चीन के इस निर्माण कार्य को लेकर चिंता भी जताई गई थी। पिछले महीने गुप्तचर यंत्रणा के ‘पेपल लिक्स’ से यह जानकारी सामने आयी है।

‘यूएई देश अमरीका के सहयोग के लिए प्रतिबद्ध हैं, यह विचार प्रशासन के कुछ अधिकारी रखते हैं। लेकिन, ऐसा बिल्कुल भी नहीं हैं’, ऐसी स्पष्ट आलोचना इस पेपर लीक्स में की गई हैं। इसके बजाय खाड़ी में अपना प्रभाव बढ़ा रहा चीन अब यूएई के नेताओं को काफी अहम लगने लगा हैं, इसका अहसास अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा की रपट से कराया गया हैं। सीधा ज़िक्र ना किया हो, फिर भी यूएई के लिए खाड़ी में अमरीका की अहमियत कम हुई हैं, ऐसे संकेत इससे दिए गए हैं।

एक महीने पहले चीन ने सौदी अरब और ईरान के बीच मध्यस्थता की थी। इसके बाद सौदी और ईरान का सहयोग स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ाया जा रहा है। पिछले महीने सौदी ने ईंधन उत्पादन में कटौती करने का निर्णय घोषित किया था। इसके अलावा सौदी ने रशिया-चीन के प्रभाव के ‘एससीओ’ की सदस्यता पाने की गतिविधियां भी शुरू की हैं। सौदी के यह तीनों निर्णय खाड़ी में अमरीका के प्रभाव को झटका देने वाले थे। ऐसे में अब यूएई के नेताओं को खाड़ी में अपना प्रभाव बढ़ाने का इरादा रखने वाला चीन काफी अहम लगने लगा हैं, अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा ने दी हुई यह चेतावनी बायडेन प्रशासन के लिए तमाचा साबित हो रहा हैं। 

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