अमरीका के प्रतिबंधों की वजह से चीन की ‘बेल्ट ऐण्ड रोड़ इनिशिएटिव’ को झटका

usa-chinaवॉशिंग्टन/कोलंबो – अमरीका ने बीते सप्ताह के दौरान साउथ चायना सी के मुद्दे पर चीन की कुछ बड़ी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था। इस दौरान साउथ चायना सी में किए गए कृत्रिम निर्माण कार्यों का भी ज़िक्र था, फिर भी असल में जारी किए गए प्रतिबंधों से सबसे ज्यादा झटका चीन की महत्वाकांक्षी ‘बेल्ट ऐण्ड रोड़ इनिशिएटिव’ (बीआरआय) को लगेगा, यह जानकारी सामने आ रही है। प्रतिबंधों का लक्ष्य बनी चाना कम्युनिकेशन्स कन्स्ट्रक्शन कंपनी (सीसीसीसी) और सहयोगी कंपनियों का बीआरआय में बड़ा निवेश है। इसकी वजह से चीन ने श्रीलंका के साथ म्यानमार, थायलैण्ड, मलेशिया और फिलिपाईन्स में शुरू किए प्रकल्पों के लिए भी खतरा निर्माण होने की बात समझी जा रही है।

usa-chinaअमरिकी वाणिज्य विभाग ने घोषित किए इन प्रतिबंधों में २४ कंपनियों को लक्ष्य किया गया है और इसमें निर्माण क्षेत्र की सबसे बड़ी ‘सीसीसीसी’ कंपनी से जुड़ी पांच कंपनियों का भी समावेश है। इन पांचों कंपनियों के साथ अमरीका की कोई भी कंपनी किसी भी तरह का व्यवहार नहीं कर सकेगी, यह बात वाणिज्य विभाग के निवेदन में स्पष्ट की गई है। ‘सीसीसीसी’ ने इस पर प्रतिक्रिया दर्ज़ करते समय प्रतिबंध लगाई कंपनियों के अमरीका में या अमरिकी कंपनियों के साथ व्यवहार नहीं होने की बात स्पष्ट की है। लेकिन, अमरीका में या अमरिकी कंपनी से व्यवहार नहीं होने के बावजूद विश्‍व के अन्य देशों में और परियोजनाओं में सीसीसीसी से जुड़ी कंपनियों का बड़ा निवेश है। इसमें प्रमुखता से चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट ऐण्ड रोड़ इनिशिएटिव की परियोजनाओं का समावेश है।

इन परियोजनाओं में भारत के पड़ोसी श्रीलंका और म्यानमार के बंदरगाह एवं शहर निर्माण की परियजनाओं का समावेश है। सीसीसीसी से संबंधित कंपनियों ने श्रीलंका में कोलंबो न्यू पोर्ट सिटी का निर्माण शुरू किया है और यह प्रकल्प करीबन डेढ़ अरब डॉलर्स का है। साथ ही म्यानमार में ‘डीपवॉटर पोर्ट’ विकसित किया जा रहा है और इस प्रकल्प की लागत पांच अरब डॉलर्स से भी अधिक है। हिंद महासागर क्षेत्र में निर्माण हो रहे यह प्रकल्प भारत और अमरीका के नज़रिए से रणनीतिक स्तर पर चिंता का विषय बने हैं।

Port_dredgerइसके अलावा फिलिपाईन्स, मलेशिया और थायलैण्ड समेत कई देशों में ‘बीआरआय’ के तहत शुरू विभिन्न प्रकल्पों के मुद्दे पर भी अमरीका ने जोरदार आलोचना की है। कर्ज देकर शुरू किए गए यह प्रकल्प चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने कसा हुआ कर्ज का शिकंजा है, यह आरोप अमरिकी प्रशासन ने लगाया है। अमरीका के अलावा भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपिय देशों ने भी चीन की ‘बेल्ट ऐण्ड रोड़ इनिशिएटिव’ को लक्ष्य किया हैं। चीन की इस परियोजना को झटका देने के लिए अमरीका के साथ जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत ने विभिन्न स्तरों पर पहल करके गतिविधियां शुरू की हैं।

इस पृष्ठभूमि पर अमरीका ने प्रतिबंधों का हथ्यार चलाना ध्यान आकर्षित करता हैं। अमरीका की यह कार्रवाई कोरोना की महामारी के दौरान राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के खिलाफ़ शुरू किए संघर्ष की तीव्रता और भी बढ़ाने की बात दिखानेवाली साबित होती है।

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