अफ़गानिस्तान में अमरिकी सैनिकों पर हमला करने के लिए चीन ने किया था इनाम का ऐलान – अमरिकी वेबसाईट का दावा

वर्जीनिया – चीन ने ‘नॉन-स्टेट ऐक्टर्स’ को आर्थिक सहायता प्रदान करके अफ़गानिस्तान में तैनात अमरिकी सैनिकों को लक्ष्य करने का ‘ऑफर’ दिया था। अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओब्रायन ने राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प से यह जानकारी साझा की थी। एक अमरिकी वेबसाईट ने गोपनीय जानकारी के दाखिले से यह समाचार प्रसिद्ध किया, लेकिन अभी इस खबर की पुष्टी करना मुमकिन नही हुआ है।

अफ़गानिस्तान में अमरिकी सैनिकों पर हमला करने के लिए चीन ने किया था इनाम का ऐलान - अमरिकी वेबसाईट का दावा१७ दिसंबर के दिन राष्ट्राध्यक्ष के सामने रखी जानकारी के बीच अफ़गानिस्तान में चीन की शुरू हरकतों की जुबानी जानकारी प्रदान की गई थी। अफ़गानिस्तान में तैनात अमरिकी सैनिकों को लक्ष्य करने के लिए चीन ‘नॉन-स्टेट ऐक्सटर्स’ को इनाम दे रहा हैं, ऐसी यह जानकारी थी। ट्रम्प प्रशासन अपनी गुप्तचर यंत्रणा की सहायता से इस गोपनीय जानकारी की पुष्टी करनेवाले सबुत जुटाने की कोशिश में होने की जानकारी भी एक अधिकारी ने वर्णित वेबसाईट को प्रदान की है।

अमरिकी वेबसाईट ने प्रसिद्ध की हुई खबर को लेकर व्हाईट हाऊस एवं वॉशिंग्टन स्थित चीन के दूतावास ने अभी प्रतिक्रिया दर्ज़ नही की है। लेकिन, राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प का कार्यकाल पुरा होने को महज़ तीन सप्ताह शेष होने के बीच यह जानकारी सामने आने की ओर इस वेबसाईट ने ध्यान आकर्षित किया हैं। यह जानकारी सच साबित हुई तो अमरीका और चीन के बीच तनाव बढ़ सकता हैं। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प भावी राष्ट्राध्यक्ष बायडेन के हाथों में सरकार सौपने से पहले चीन पर नई कार्रवाई करेंगे, ऐसी संभावना भी व्यक्त की जा रही हैं।

कुछ हफ्ते पहले ही रशिया ने अफ़गानिस्तान में तैनात अमरिकी सैनिकों पर हमला करने के लिए तालिबानी आतंकियों की आर्थिक सहायता करने की खबरें भी सामने आयी थी। रशिया ने यह आरोप ठुकराए थे। इससे पहले ईरान ने भी अमरिकी सैनिकों को लक्ष्य करने के लिए अफ़गानिस्तान में मौजूद आतंकियों को मोहरा बनाया था, ऐसे आरोप हुए थे।

इसी बीच, कुछ दिन पहले चीन की ‘पिपल्स लिब्रेशनआर्मी’ के जासूस अफ़गानिस्तान में आतंकियों का केंद्र चलाने में शामिल होने की बात सामने आयी थी। इस मामले में अफ़गानिस्तान की सुरक्षा यंत्रणा ने कम से कम दस चीनी जासूसों को गिरफ्तार किया था। बीना लायसेन्स हथियार रखनें के आरोपों के तहत इन चीनी जासूसों को गिरफ्तार किया गया था। चीन के इन जासूसों ने तालिबान से संबंधित पाकिस्तान की आतंकी हक्कानी नेटवर्क संगठन से संपर्क स्थापीत करने की बात भी स्पष्ट हुई थी। इसके बाद क्रोधित हुई अफ़गानिस्तान की सरकारने यह माँग की थी कि, अफ़गान जनता का विश्‍वासघात करनेवाला चीन माँफी माँगे।

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