अफ़ग़ानिस्तान के चीन के पासवाले सीमा इलाके में अमरिका के लगातार चार दिनों तक हवाई हमले

काबुल: अमरिका ने तालिबान के खिलाफ सबसे बड़ी मुहीम हाथों में ली है और पिछले चार दिनों से अमरिकी ‘बी-५२’ बॉम्बर विमान चीन की सीमा के पास में स्थित तालिबान के ठिकानों पर हमले कर रहे हैं। ‘यह प्राथमिक कार्रवाई है और अमरिका तालिबान को कहीं पर भी छिपने का मौका नहीं देने वाला है’, ऐसा इशारा अमरिका के अफ़ग़ानिस्तान के कमांड प्रमुख ‘जनरल जॉन निकोल्सन’ ने दिया है।

अमरिकी हवाई दल ने दी हुई जानकारी के अनुसार, पिछले ९६ घंटों से अमरिकी बॉम्बर विमान अफ़ग़ानिस्तान के चीन के पासवाले सीमा इलाके में हमले कर रहे हैं। अफ़ग़ानिस्तान के पश्चिमोत्तर सीमा इलाके के ‘बडाखशान’ प्रान्त में यह कार्रवाई शुरू है। अमरिकी बॉम्बर विमान सटीक हमले कर रहे हैं, ऐसा दावा अमरिकी और अफगानी लष्कर ने किया है।

पिछले चार दिनों में ‘बी-५२’ बॉम्बर विमानों ने लगभग २४ मिसाइल हमले किए है। इन हमलों में तालिबान के लष्करी तल, प्रशिक्षण केंद्र, संपर्क यंत्रणाओं के तल साथ ही आर्थिक स्त्रोत भी नष्ट करने का दावा अमरिकी हवाई दल ने किया है। उसी के साथ ही अफगानी लष्कर की तरफ से तालिबान ने चुराए लष्करी वाहनों पर भी हमले किए गए हैं। तालिबान ने इन लष्करी वाहनों में विस्फोटक भर के उन्हें हमलों के लिए तैयार रखा है, यह जानकारी अमरिकी यंत्रणाओं ने दी है।

अफ़ग़ानिस्तान में चीन की सीमा के पास स्थित ‘वाखण’ का हिस्सा मतलब तालिबान का केंद्र बना था, ऐसा कहकर जनरल निकोल्सन ने इस कार्रवाई के महत्व को अधोरेखित किया। दौरान, पिछले हफ्ते चीन ने अफ़ग़ानिस्तान से की हुई माँग की वजह से ‘वाखण’ चर्चा में आया था। वाखण में लष्करी तल निर्माण करने की अनुमति मिले, यह चीन ने माँग रखी थी। इस पर चर्चा शुरू है और अफगानिस्तान इस पर जल्द ही फैसला करेगा, ऐसा कहा जा रहा है।

‘वाखण’ के बारे में चीन ने की हुई इस माँग की पृष्ठभूमि पर पिछले चार दिनों से अमरिका ने इस जगह पर स्थित तालिबान के तल पर किए हमले अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होते हैं। इन दिनों तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान में आतंकवादी हमलों का भयानक सत्र शुरू किया है और राजधानी काबुल भी तालिबान से सुरक्षित नहीं है, ऐसा दिखाई दे रहा है।

इस आतंकवादी हमले की कठोर शब्दों में निर्भत्सना करके अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने आने वाले समय में अफ़ग़ानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ युद्ध तीव्र करने की घोषणा की थी। उसके परिणाम दिखाई दे रहे हैं और ‘वाखण’ में हुए अमरिकी बॉम्बर का हमला इस के आगे अमरिका की ‘तीव्र कार्रवाई’ का पहला पड़ाव साबित होगा, ऐसे संकेत मिल रहे हैं। जनरल निकोल्सन ने भी तालिबान को यही इशारा दिया है, ऐसा दिखाई दे रहा है।

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