सीरिया में ‘आयएस’ के हमले मे ३७ सैनिक मारे गए

दमास्कस – ‘आयएस’ के आतंकियों ने सीरिया के पूर्वीय ओर स्थित ‘देर अल झोर’ प्रांत में स्थित सीरियन सेना के बस पर हमला करके ३७ सैनिकों को मार गिराया। बीते वर्ष से‘आयएस’ ने सीरियन सेना पर किया यह सबसे बड़ा भयंकर हमला समझा जा रहा हैं। इस वर्ष सीरिया में हुए संघर्ष मे कम से कम ६,८०० लोग मारे गए हैं, ऐसी जानकारी सीरिया स्थित मानव अधिकार संगठन ने साझा की हैं।

सीरिया के ‘पालमिरा’ शहर के करीब खोबाजेप इलाके में आतंकियों ने इस बस को हमला करके लक्ष्य किया। इस हमले का स्वरूप अभी स्पष्ट नही हो सका हैं। सीरियन मुखपत्र ने इस हमले में आम नागरिकों के मारे जाने की बात कही हैं। लेकिन, मानव अधिकार संगठन इस हमले में सीरियन सेना के सैनिकों को मारे जाने का दावा कर रही हैं। मारे गए सैनिकों में आठ अफसरों का समावेश हैं, ऐसा भी मानव अधिकार संगठन का कहना है। सीरियन सैनिक छुट्टी लेकर घर जा रहे थे, तभी आतंकियों ने इन्हें निशाना बनाया, यह जानकारी मानव अधिकार संगठन ने प्रदान की है।

इसके अलावा सीरिया स्थित सूत्रों के दाखिले से अंतरराष्ट्रीय माध्यमों ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार सीरियन सेना की ‘फोर्थ ब्रिगेड’ नामक ‘पैरा’ सैनिकों के दल पर आतंकियों ने हमला किया है। सीरियन सेना के लिए यह काफी बड़ा झटका होने की बात कही जा रही हैं। इस क्षेत्र में ईरान और ईरान से जुड़े आतंकी संगठनों के भी अड्डे होने का दावा किया जा रहा हैं। इराक की सीमा से करीबी सीरिया के इस क्षेत्र में ईरान ने लष्करी अड्डे एवं हथियारों के भंड़ार खड़े किए हैं। इसके साथ ही ईरान ने सीरिया में चरमपंथियों की भर्ती शुरू की हैं, ऐसीं खबरें भी सामने आ रही हैं।

ईरान के रिव्होल्युशनरी गार्डस्‌ ने सीरिया में लष्करी प्रशिक्षण केंद्र शुरू किया हैं। ‘देर अल-झोर’ प्रांत के ‘अल मयादान’ क्षेत्र में रिव्होल्युशनरी गार्डस्‌ के सैनिक चरमपंथियों को ४० दिनों का प्रशिक्षण दे रहें हैं और कम से कम १०० स्थानीय चरमपंथी वहां पर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, ऐसी जानकारी सीरियन मानव अधिकार संगठन ने प्रदान की है। सीरिया के मयादान में ईरान समर्थकों की संख्या काफी हैं। अमरीका के हमले में मारे गए मेजर जनरल कासेम सुलेमानी का इसी क्षेत्र पर बड़ा प्रभाव था, यह दावा भी किया जा रहा हैं।

इसी बीच, बीते कुछ वर्षों से ‘देर अल-झोर’ पर अमरीका ने हवाई हमलें करके ईरान और ईरान समर्थक आतंकी गुटों को लक्ष्य किया हैं। इस वर्ष सितंबर महीने में इस्रायल ने भी यहां के अल-बुकमल में स्थित ईरान के लष्करी अड्डे पर हमलें किए थे, ऐसा आरोप सीरियन माध्यमों ने किया था।

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