०७. जोसेफ़ की इजिप्त में रवानगी, वहाँ से कारागृह में

०७. जोसेफ़ की इजिप्त में रवानगी, वहाँ से कारागृह में

कई साल अपने मामा – लॅबान की ग़ुलामी में रहकर जेकब अपने घर कॅनान लौटा था। उसने अपने भेड़ों के बड़े बड़े झुँड़ों के चरने हेतु, पास ही की शेकेम नगरी में अच्छीख़ासी ज़मीन ख़रीद ली। उसके बेटे अब वहाँ की व्यवस्था देखने लगे और वह स्वयं हिब्रॉन में अपने पिता के घर रहने लगा। […]

Read More »

०६. जेकब का पुनश्‍च नामकरण

०६. जेकब का पुनश्‍च नामकरण

जेकब तक पहुँचने के बाद लॅबान ने, सपने में भगवान ने दिये आदेश के अनुसार जेकब को कुछ भी हानि नहीं पहुँचायी। लेकिन घर से ग़ायब हुई देवता की मूर्ति के बारे में उसे पूछा। मग़र जेकब को इस माजरे की कुछ भी जानकारी नहीं थी। उसने लॅबान को अपने लोगों की तलाशी लेने की […]

Read More »

०५. जेकब का लॅबान के घर वास्तव्य; जेकब की शादियाँ

०५. जेकब का लॅबान के घर वास्तव्य; जेकब की शादियाँ

एसाऊ के मन में जेकब के प्रति होनेवाली बदले की भावना को रिबेका भली-भाँति जानती थी। इस कारण उसने, जेकब के लिए पत्नी की खोज करने का बहाना बनाकर, आयझॅक की अनुमति से जेकब को हरान नगरी स्थित अपने भाई – लॅबान के पास भेज दिया। बीच रास्ते में ही एसाऊ द्वारा भेजे गये हमलावरों […]

Read More »

०४. अब्राहम-आयझॅक की परीक्षा; आयझॅकपुत्र जेकब परंपरा का अधिकारी

०४. अब्राहम-आयझॅक की परीक्षा; आयझॅकपुत्र जेकब परंपरा का अधिकारी

भगवान ने अब्राहम की कई बार परीक्षा ली होने का उल्लेख भी ज्यू धर्मियों के धर्मग्रंथ में आता है। उनमें से सबसे कठिन परीक्षा यह होने की बात बतायी जाती है, जब भगवान ने अब्राहम के बेटे की – आयझॅक की बलि चढ़ाने की आज्ञा अब्राहम को की। दरअसल इस आयझॅक के ज़रिये ही आगे […]

Read More »

०३. ईश्‍वर का अब्राहम के साथ ‘क़रारनामा’ (द कॉवेनन्ट)

०३. ईश्‍वर का अब्राहम के साथ ‘क़रारनामा’ (द कॉवेनन्ट)

ईश्‍वर के आदेश के अनुसार ऊर प्रांत से कॅनान प्रांत में आकर बसे अब्राहम ने अब अपने परिजनों एवं समर्थकों के साथ कॅनान प्रांत में अपनी जड़ें फैलाना शुरू किया था। सबकुछ शून्य में से ही शुरू करना पड़ने के कारण जनजीवन में दैनंदिन व्यवहार में ज़रूरत पड़नेवाले विभिन्न व्यवसायिकों के काम लोगों ने सिख […]

Read More »

०२. ईश्‍वर का ‘बुलावा’

०२. ईश्‍वर का ‘बुलावा’

गत कुछ सालों से इस्रायल का नाम आन्तर्राष्ट्रीय मंच पर कई कारणों से चर्चा में है। इस्रायल की नीतियाँ, उनके अनुसार इस्रायल द्वारा किये जानेवाले क्रियाकलाप इनकी कई बार आलोचना की जाती है। लेकिन इस्रायल की नीति को दरअसल ‘एककलमी’ (सिंगल-पॉईंट) ही कहा जा सकता है। ‘हमारे आद्य पूर्वज अब्राहम को ईश्‍वर ने अभिवचन देकर […]

Read More »

०१. इस्रायल : एक प्रवास – प्रदीर्घ, लेकिन सफल!

०१. इस्रायल : एक प्रवास – प्रदीर्घ, लेकिन सफल!

‘‘इस्रायल यह ऐसी भूमि है, जिसमें प्राकृतिक संसाधनों की कमी ही है। लेकिन इसलिए, हमारे पास जो नहीं है उसका दुख न करते हुए, हम इस्रायली लोगों ने, हमारे पास जो था यानी हमारे राष्ट्रभक्तिप्रेरित मन और लगन – उन्हीं को राष्ट्रकारण के लिए उपयोग में लाने का निश्‍चय किया! हमारे पास होनेवाले इन्हीं प्राकृतिक […]

Read More »

इस्रायल : एक प्रवास – प्रदीर्घ, लेकिन सफल! – प्रस्तावना

इस्रायल : एक प्रवास – प्रदीर्घ, लेकिन सफल! – प्रस्तावना

इस्रायल यानी एक छोटे-से समुदाय ने सँभालकर रखी हुई दुर्दम्य इच्छाशक्ति का ऐतिहासिक, भौगोलिक और राजनीतिक आविष्कार! हज़ारों वर्षों की सांस्कृतिक धरोहर प्राप्त इस देश ने मुश्किल से मुश्किल चुनौतियों का मुक़ाबला करके अपना राष्ट्र-अभिमान और धर्म-अभिमान धधकता रखा और अपने भूभाग को भी अथक संघर्ष करके पुनः प्राप्त किया। यह इस्रायली समाज अपनी मातृभूमि […]

Read More »
1 10 11 12