पाकिस्तान के कराची में बलोच बाग़ियों का हमला – सात मृत

कराची – पाकिस्तान के कराची शहर की स्टॉक एक्सचेंज की ईमारत पर हमलावरों ने किये हमले में सात लोगों की मृत्यु हुई। ‘बलोचिस्तान लिबरेशन आर्मी’ (बीएलए) इस पाकिस्तानस्थित विद्रोही गुट ने इस हमले की ज़िम्मेदारी का स्वीकार किया है। पाकिस्तानी पुलीस की कार्रवाई में मारे जाने से पहले इन बाग़ियो ने ‘बलोचिस्तान जिंदाबाद’ और ‘सिंधुदेश जिंदाबाद’ ऐसे नारे लगाये थे। इस कारण, पाकिस्तान में ‘स्वतंत्र बलोचिस्तान’ तथा ‘स्वतंत्र सिंधुदेश’ का मुद्दा पुन: चर्चा में आया है।Pakistan-Karachi-Attack

पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी के रूप में मशहूर होनेवाले कराची शहर के शेअर बाज़ार की ईमारत पर सोमवार सुबह हमला हुआ। इस हमले में एक पुलिस जवान और दो सुरक्षारक्षक मारे गए। अगले कुछ मिनटों में ही, पाकिस्तान की पुलीस ने इस ईमारत को घेरकर की हुई कार्रवाई में, चारों हमलावरों को मार गिराया। पाकिस्तान की सुरक्षा यंत्रणाओं दी जानकारी के अनुसार, ‘बलोचिस्तान लिबरेशन आर्मी’ ने इस हमले की ज़िम्मेदारी का स्वीकार किया है। ‘बीएलए’ की ‘माजिद ब्रिगेड’ ने यह हमला किया होने का आरोप पाकिस्तानी सुरक्षा यंत्रणाओं ने किया है। बलोच बाग़ियों ने कराची शहर में किया हुआ यह दूसरा हमला है। इससे पहले सन २०१८ में बलोच बाग़ियों ने कराचीस्थित चीन के दूतावास पर हमला किया था।Pakistan-Karachi

इस हमले के उपलक्ष्य में, स्वतंत्र बलोचिस्तान और स्वतंत्र सिंधूदेश ये दोनों मुद्दें पुन: चर्चा में आये हैं। गत कुछ दशकों से पाकिस्तान के बलोचिस्तान और सिंध प्रांत से स्वतंत्रता की पुकार गुँज रही है। स्वतंत्र बलोचिस्तान के लिए बलोच बाग़ियों ने पाकिस्तानी लष्कर के विरोध में संघर्ष छेड़ा है। इन बलोच बाग़ियों को भारत से सहायता होने का आरोप पाकिस्तानी यंत्रणाएँ कर रही हैं। भारत की तरह ही अफगाणिस्तान भी बलोच बाग़ियों का अपने ख़िलाफ़ इस्तेमाल कर रहा होने का दोषारोपण पाकिस्तान ने रखा है। लेकिन भारत और अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के ये आरोप ठुकराये हैं। साथ ही, पाकिस्तान बलोच नागरिकों के अधिकार पैरोंतले कुचल रहा होने का आरोप भारत ने किया है।

इससे पहले बलोचिस्तान में पाकिस्तानी सैनिकों पर तथा चिनी काँट्रॅक्टर्स पर बलोच बाग़ियों ने हमलें किये हैं। बलोचिस्तान के ग्वादर बंदरगाह में चीन का निवेश और इस बंदरगाह का लष्करीकरण इनका बलोच बाग़ियों ने कड़ा विरोध किया है। इस विरोध को दर्शाने के लिए बलोच बाग़ियों द्वारा चिनी परियोजनाओं पर तथा चिनी कर्मचारियों पर हमलें किये जाते हैं। वहीं, पिछले वर्ष बलोच बाग़ियों ने चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग को चेतावनी भी दी थी। बलोचिस्तान यह स्वतंत्र देश होकर, जिनपिंग अपने कर्मचारियों को यहाँ से हटायें; अन्यथा उन्हें बलोच जनता के ग़ुस्से का सामना करना पड़ेगा’, ऐसी धमकी बलोच बाग़ियों ने दी थी।

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