ऑस्ट्रेलिया चीन के विरोध में ‘डब्ल्यूटीओ’ में तक़रार करेगी – ऑस्ट्रेलियन व्यापारमंत्री की चेतावनी

कॅनबेरा/बीजिंग – चीन ने व्यापारी क्षेत्र में शुरू किये कारनामों के विरोध में ‘जागतिक व्यापार संगठन’ (डब्ल्यूटीओ) में शिक़ायत दर्ज़ करने की चेतावनी ऑस्ट्रेलिया ने दी। पिछले कुछ महीनों से चीन ने ऑस्ट्रेलिया से आयात होनेवाले उत्पादनों पर अचानक निर्बंध लगाना शुरू किया है। इस मामले में ठोस स्पष्टीकरण देने की ऑस्ट्रेलिया की माँग को भी चीन ने अनदेखा किया। इस कारण ऑस्ट्रेलिया ने अधिक आक्रामक भूमिका अपनाते हुए ‘डब्ल्यूटीओ’ में जाने का निर्णय किया है। ऑस्ट्रेलिया के व्यापारमंत्री सायमन बर्मिंगहॅम ने यह जानकारी दी। ऑस्ट्रेलिया की इस चेतावनी से यही संकेत मिल रहे हैं कि दो देशों में व्यापारयुद्ध अधिक तीव्र होनेवाला है।

aus-china-wtoपिछले कुछ सालों में चीन की सत्ताधारी हुक़ूमत ऑस्ट्रेलिया में बड़े पैमाने पर दख़लअन्दाज़ी कर रहीं होने की कई घटनाएँ सामने आयीं थीं। वित्त, व्यापार, निवेश, शिक्षा इन क्षेत्रों के साथ साथ राजनीतिक क्षेत्र में भी चीन के बढ़ते प्रभाव के परिणाम ज़ाहिर हुए थे। इस कारण ऑस्ट्रेलिया सरकार ने चीन के विरोध में आक्रामक भूमिका अपनाकर ठेंठ क़ानूनी कार्रवाई हाथ में ली थी। यह कार्रवाई शुरू थी कि तभी कोरोना महामारी के पीछे चीन ही सूत्रधार होने का शक़ ज़ाहिर करके ऑस्ट्रेलिया ने जाँच की माँग की। ऑस्ट्रेलिया की इस भूमिका से बौखला गये चीन ने आर्थिक परिणामों की धमकी देना शुरू किया था।

लेकिन उसे भी ऑस्ट्रेलिया ने नज़रअन्दाज़ करने पर चीन ने ख़ुफ़िया व्यापार युद्ध छेड़ा होने की बात सामने आ रही है। मई महीने में चीन ने ऑस्ट्रेलिया से आयात होनेवाली बार्ली पर सीधे सीधे ८० प्रतिशत आयात कर लाद दिया। चीन के उत्पादकों को नुकसान हो रहा होने का बहाना बनाकर यह कर लादा गया था। ऑस्ट्रेलिया ने इस मामले में की हुई स्पष्टीकरण की माँग भी चीन ने ठुकरा दी। अब इससे भी आगे जाकर चीन ने ऑस्ट्रेलिया से चीन में आनेवाले उत्पादनों को बंदरगाहों में ही रोकना शुरू किया है। इस बारे में ऑस्ट्रेलियन सरकार को अधिकृत स्तर पर कोई भी जानकारी नहीं दी होने के कारण, उसपर तीव्र प्रतिक्रिया उठी है।

aus-china-wto‘चीन द्वारा व्यापारी मुद्दों पर लगातार ऑस्ट्रेलिया के विरोध में फ़ैसलें किये जा रहे हैं। डब्ल्यूटीओ की बैठक में हमने इस मामले में चिंता ज़ाहिर की थी। लेकिन चीन के क़ारनामें बढ़ रहे हैं और इसके आगे डब्ल्यूटीओ के माध्यम से उसे उचित प्रत्युत्तर दिया जायेगा’, ऐसी चेतावनी ऑस्ट्रेलिया के व्यापारमंत्री सायमन बर्मिंगहॅम ने दी। चीन आर्थिक स्तर पर ज़बरदस्ती की नीति अपना रहा होकर, दुनियाभर में उसके ख़िलाफ़ असंतोष बढ़ रहा है, इसपर भी उन्होंने ग़ौर फ़रमाया। उसी समय, चीन की इस नीति के ठेंठ परिणाम जागतिक अर्थव्यवस्था पर हो सकते हैं, इसका एहसास चीन ने रखना चाहिए, ऐसा भी व्यापारमंत्री बर्मिंगहॅम ने चेताया।

ऑस्ट्रेलिया ने डब्ल्यूटीओ में जाने के बारे में दी हुई चेतावनी, चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच के संबंध और भी बिगाड़नेवाली साबित होगी, ऐसा दावा विश्‍लेषकों ने किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.