अमरीका के बाद ऑस्ट्रेलिया-चीन के बीच व्यापार युद्ध भड़कने के संकेत

कैनबेरा/बीजिंग – चीन के खिलाफ़ जारी संघर्ष अधिक तीव्र करने के संकेत अमरीका से प्राप्त हो रहे हैं, और अब ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच नया व्यापार युद्ध भड़कने के संकेत विश्‍लेषकों ने दिए हैं। बीते कुछ महीनों में चीन ने ऑस्ट्रेलिया को धमकाने की मात्रा बढ़ाई है और साथ ही ऑस्ट्रेलिया से हो रही आयात पर प्रतिबंध भी लगाए हैं। इसी बीच ऑस्ट्रेलिया ने लगातार आक्रामक भूमिका अपनाने की वजह से इन देशों के बीच संघर्ष होगा, ऐसा इशारा विश्‍लेषकों ने दिया है। फिलहाल ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच २३५ अरब डॉलर्स से अधिक द्विपक्षीय व्यापार हो रहा है और व्यापार युद्ध से सबसे अधिक नुकसान चीन को उठाना पडेगा, यह दावा ऑस्ट्रेलियन विश्‍लेषकों ने किया है।

व्यापार युद्ध

वर्ष २०१५ में ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच मुक्त व्यापार समझौता किया गया था। यह घटना दो देशों के आर्थिक और व्यापारी सहयोग में चरम स्तर समझा जा रहा है। उस समय दोनों देशों के बीच १०० अरब डॉलर्स से अधिक व्यापार हो रहा था। अगले चार सालों में इस व्यापार में दुगुनी से अधिक बढ़ोतरी हुई दिख रही है। फिर भी दोनों देशों के संबंधों में कटूता निर्माण होने की बात पर ऑस्ट्रेलियन अभ्यासगुटों ने ध्यान केंद्रीत किया है। वर्ष २०१७ में ऑस्ट्रेलिया में चीन की दखलअंदाज़ी करने का मुद्दा स्पष्ट तौर पर सामने आया था। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में चीन की जारी हरकतें एक के पीछे एक सामने आने लगी थीं।

ऑस्ट्रेलिया के लिए बड़ा बाज़ार बने चीन से व्यापारी संबंध बरकरार रखने के लिए ऑस्ट्रेलियन सरकार कार्रवाई नहीं करेगी, यह उम्मीद चीन को थी। लेकिन, ऑस्ट्रेलियन नेताओं ने अपनाई आक्रामक भूमिका की वजह से चीन के सामने मुश्‍किलें खड़ी हुईं। प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलिया ने बीते डेढ़ वर्षों में चीन के खिलाफ अपनी भूमिका अधिक आक्रामक करने की नीति अपनाई है। मॉरिसन की सरकार ने अपने देश पर बना चीन का प्रभाव कम करने के लिए कई साहसी निर्णय किए हैं। इसमें चीन का ऑस्ट्रेलिया में हो रहा निवेश और दखलअंदाज़ी रोकने के लिए किए गए कानून का भी समावेश है। ५-जी क्षेत्र में चीन की हुवेई कंपनी पर पाबंदी लगानेवाले ऑस्ट्रेलिया ने चीन का पैसिफिक क्षेत्र में बढ़ता प्रभाव रोकने के लिए स्वतंत्र नीति का ऐलान किया था।

कोरोना की पृष्ठभूमि पर ऑस्ट्रेलिया ने अपनाई भूमिका दोनों देशों का तनाव बढ़ानेवाली साबित हुई। इस मामले में चीन ने ऑस्ट्रेलिया को परिणाम भुगतने की धमकी भी दी थी। इसके बाद चीन ने ऑस्ट्रेलिया के उत्पादनों पर ८० प्रतिशत से अधिक कर लगाया। इसके बाद चीनी जनता ऑस्ट्रेलिया के उत्पादनों पर बहिष्कार करेगी, यह इशारा भी दिया गया। यह घटनाएं ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच व्यापार युद्ध भड़कने के संकेत दे रही है, ऐसा दावा ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटेजिक पॉलिसी इन्स्टिट्यूट एवं चायना मैटर्स नामक गुटों ने किया है।

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