चीन और पाकिस्तान ने जैविक हथियारों का निर्माण करने के लिए किया खुफ़िया समझौता – ऑस्ट्रेलियन खोज़ पत्रकार का दावा

बीजिंग – पाकिस्तान के साथ अँथ्रेक्स, इबोला और इनसे भी भयंकर विषाणुओं का अनुसंधान करके, उनका निर्माण करने के लिए चीन ने खुफ़िया समझौता किया है। पाकिस्तान को जैविक हथियारों से सज्जित करने के लिए चीन ने किया हुआ यह समझौता, भारत एवं पश्‍चिमी देशों की सुरक्षा के लिए ख़तरा होने का दावा ऑस्ट्रेलियन खोज़ पत्रकार अँथनी क्लॅन ने किया है। चीन की ‘वुहान इन्स्ट्यिट्युट ऑफ वायरोलॉजी’ और पाकिस्तानी सेना के नियंत्रण में होनेवाली प्रयोगशाला के बीच यह समझौता हुआ है। विश्‍व में डेढ़ करोड़ से भी अधिक लोगों को मृत करनेवाले कोरोना वायरस का निर्माण चीन के इसी वुहान प्रयोगशाला में होने का आरोप पश्‍चिमी देश कर रहे हैं। इसी कारण क्लॅन ने किए इस दावे की ओर बड़ी गंभीरता से देखा जा रहा है।

China-Pakistan‘क्लॅक्सान’ इस अपनी वेबसाईट पर प्रकाशित किए लेख में खोज़पत्रकार क्लॅन ने, चीन और पाकिस्तान में हुए इस समझौते की एवं उसके परिणामों की जानकारी साझा की है। चीन की वुहान लैब एवं पाकिस्तानी सेना के कब्ज़े में होनेवाली ‘डिफेन्स सायन्स ॲण्ड टेक्नोलॉजी ऑर्गनायझेशन’ (डीईएसटीओ-डेस्टो) के बीच हुए इस समझौते की अवधि तीन वर्ष की है। इस समझौते के तहत चीन पाकिस्तान को, भविष्य में संक्रमण फ़ैलानेवाले विषाणु का अनुसंधान और इस विषाणु का नियंत्रण प्राप्त करने के लिए सहायता प्रदान करेगा, यह जानकारी इस वेबसाईट पर साझा की गई है। लेकिन, चीन की वुहान लैब में और पाकिस्तानी सेना के बीच हुए इस खुफ़िया समझौते पर, गुप्तचर यंत्रणा से संबंधित सूत्रों ने गंभीर चिंता व्यक्त की है, यह बात भी इस वेबसाईट पर कही गई है।

चीन की वुहान लैब, इस जैविक अनुसंधान के लिए पाकिस्तान को पूरी तरह से आर्थिक, वैज्ञानिक एवं अन्य स्तर की सहायता प्रदान करेगी। पाकिस्तान की सेना का इसमें किसी भी प्रकार से आर्थिक निवेश नहीं रहेगा, यह बात भी इस वेबसाईट ने स्पष्ट की है। साथ ही, पाकिस्तान की सरकार या सरकार से जुड़ी संस्थाएँ, इस खुफ़िया समझौते से एवं इन विषाणुओं पर हो रहे अनुसंधान से दूर रखी गईं हैं। इस वज़ह से, सीधे पाकिस्तानी सेना के हाथ में रहनेवाली प्रयोगशाला में होनेवाले इस अनुसंधान कार्य की ओर अधिक आशंका से देखा जा रहा है, यह जानकारी गुप्तचर अधिकारियों ने इस वेबसाईट से की बातचीत के दौरान बयान की। यह समझौता कब हुआ यह क्लॅन ने स्पष्ट नहीं किया है। लेकिन, पाकिस्तानी सेना की लैब में जैविक हथियारों से संबंधित अनुसंधान एवं निर्माण शुरू होने का दावा इस वेबसाईट ने किया है।

China-Pakistanचीन और पाकिस्तान के बीच हुआ यह समझौता हालाँकि जैविक विषाणु के अनुसंधान के लिए हुआ है, लेकिन इससे प्राप्त होनेवाली तकनीकी जानकारी की वजह से पाकिस्तान का यह कार्यक्रम खतरनाक साबित होने की बात इस वेबसाईट ने कही है। चीनी लैब की सहायता से पाकिस्तान ने अँथ्रेक्स और इबोला जैसें विषाणु का निर्माण किया है। यह सहयोग ऐसे ही जारी रहा तो पाकिस्तान जल्द ही चीन की सहायता से जैविक हथियारों का निर्माण करेगा। ऐसा हुआ, तो भारत और पश्‍चिमी देशों की सुरक्षा के लिए खतरा बढ़ेगा, यह चेतावनी कुछ लष्करी विश्‍लेषकों ने दिया होने की बात क्लॅन ने कही है। पाकिस्तान में जैविक हथियारों का निर्माण करके चीन पाकिस्तान को भारत के विरोध में खड़ा कर रहा है। साथ ही, अपने देश में इन जैविक हथियारों का निर्माण करने से दूर रहने की बड़ी चाल चीन चल रहा है, यह आरोप भी यह विश्‍लेषक कर रहे हैं।

इसी बीच, विश्‍वभर में कोहराम मचा रहें कोरोना वायरस का निर्माण चीन की वुहान लैब में होने का आरोप अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और तैवान कर रहे हैं। यह महामारी यानी जैविक हमले का प्रकार होने का आरोप अमरीका ने किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published.