‘रेअर अर्थ’ खनिज क्षेत्र में चीन को चुनौती देने के लिए ऑस्ट्रेलिया तैयार – चीन के ‘रेअर अर्थ मिनरल्स’ की निर्यात में १८ प्रतिशत गिरावट

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरकैनबेरा/वॉशिंगटन: ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच पिछले कुछ वर्षों से तनाव बढ रहा है| और अब यह तनाव नया मोड लेने के संकेत प्राप्त होने लगे है| ‘साउथ चाइना सीऔर देश के अंदरुनी मसलों पर हस्तक्षेप करने के मुद्दों पर चीन के कान खिंचनेवाले ऑस्ट्रेलिया नेरेअर अर्थ मिनरल्सक्षेत्र में चीन को खुली चुनौती देने की तैयारी शुरू की है| इसके लिए अमरिका के साथ जापान और दक्षिण कोरिया से भी बातचीत हुई है और निवेष एवं उत्पाद बढाने की गतिविधियां शुरू हुई है|

पिछले महीने में अमरिका में हुई संयुक्त राष्ट्रसंघ की परीषद की पृष्ठभूमि पर एक खास बैठक का आयोजन किया गया था| इस दौरान अमरिका के विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने रेअर अर्थ इनिशिएटिव्ह में ऑस्ट्रेलिया समेत नौ देशों ने शामिल होने की तैयारी दिखाने का ऐलान किया था| पोम्पिओ ने दी जानकारी के अनुसार इसमें ऑस्ट्रेलिया, ब्राजिल, बोटस्वाना, पेरू, अर्जेंटिना, डीआर कांगो, नामिबिआ, फिलिपाईन्स और झांबिया इन देशों में अमरिका के इस उपक्रम में शामिल होन का तय किया था|

इस पृष्ठभूमि पर ऑस्ट्रेलिया ने की हुई पहल ध्यान आकर्षित कर रहीहै| ऑस्ट्रेलिया केरिसोर्सेस मिनिस्टरमैट कैनाव्हन ने ऑस्ट्रेलिया नेरेअर अर्थ मिनरल्सक्षेत्र में शुरू किए कोशिशों की जानकारी दी| इस दौरान उन्होंने चीन का नाम लिए बिना इस क्षेत्र में बना एकाधिकार तोडने की जरूरत होने का स्पष्ट इशारा दिया|

रेअर अर्थ खनिजकी सप्लाई एक जगह पर केंद्रीत ना हो, इस लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग शुरू होना आवश्यक है और फिलहाल इस सहयोग के लिए अच्छा अवसर है| इन खनिजों का बाजार एक ही हिस्से में रहना सुरक्षा के नजरिए से खतरा हो सकता है| काफी संवेदनशील होनेवाले रेअर अर्थ खनिजों की सप्लाई सही प्रकार से और उचित दामों से होना जरूरी है, इन शब्दों में उन्होंने इस क्षेत्र में चीन ने बनाए वर्चस्व पर ध्यान आकर्षित किया|

ऑस्ट्रेलिया ने चीन के इस प्रभाव को चुनौती देने के लिए अमरिका के साथ नए से बातचीत की है| इसी तरह जापान और दक्षिण कोरिया के साथ भी पिछले महीने में बातचीत होने की जानकारी ऑस्ट्रेलिया के मंत्री ने दी| ऑस्ट्रेलिया में रेअर अर्थ खनिजों के खदान रखनेवाली एवं चीन के बाहर सबसे अधिक सप्लाई करनेवालीलिनासकंपनी की अगस्त महीने में अमरिका के रक्षा विभाग से बातचीत होने की बात सामने आयी है| इस कंपनी ने अमरिका के टेक्सास प्रांत में रेअर अर्थ खनिजों का कारखाना शुरू करने की तैयारी भी शुरू की है|

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प नेरेअर अर्थ मिनरल्सका मुद्दा अहम बनाया है और राष्ट्रीय सुरक्षा की पृष्ठभूमि पर इसपर किसी भी प्रकार का समझौता ना करने की स्पष्ट निती अपनाई है| इसके लिए अमरिका में फिलहाल कार्यरत कंपनी को भी अतिरिक्त सुविधा निर्माण करने के लिए सहायता करने की तैयारी हो रही है| अमरिकी यंत्रणाओं ने पिछले वर्ष ऑस्ट्रेलिया में रेअर अर्थ खनिजों के खदान एवं परियोजनाओं को भेंट भी दी थी|

स्मार्टफोन्स, कम्प्युटर्स और ईवाहन के निर्माण के लिए आवश्यक खनिजों के सबसे बडे उत्पादक के तौर पर चीन की पहचान हुई है| ‘रेअर अर्थ मिनरल्सनाम से जानेवाले १७ खनिजों के दुनिया के लगभग ३० प्रतिशत से अधिक भंडार चीन में होने का दावा है| फिलहाल दुनिया में हो रहेरेअर अर्थके उत्पाद में चीन का योगदान करीबन ९५ प्रतिशत है| वही, अमरिका को जरूरीरेअर अर्थखनिजों में से ८० प्रतिशत खनिज चीन से आयात होते है|

लेकिन, अमरिका ने शुरू किए व्यापारयुद्ध की पृष्ठभूमि पर चीन नेरेअर अर्थ मिनरल्सके निर्यात में भी गिरावट होने की बात सामने रही है| सितंबर महीने में चीन ने ,७५१ टनरेअर अर्थखनिजों का निर्यात किया है और अगस्त महीने में हुई निर्यात की तुलना में इसमें १९. प्रतिशत कमी देखी गई है| चीन नेरेअर अर्थका इस्तेमाल व्यापार युद्ध में आक्रामक विकल्प के तौर पर करने के संकेत इससे पहले भी दिए थे| इस वजह से चीन के रेअर अर्थ खनिजों की निर्यात में देखी गई गिरावट ध्यान आकर्षित कर रही है|

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