चीन के बढते खतरे की पृष्ठभूमि पर ऑस्ट्रेलिया ने किया ‘स्पेशल फोर्सेस’ के लिए अतिरिक्त प्रावधान

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरकैनबेरा: इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की बढती आक्रामक गतिविधियां और अमरिका के साथ बने तनाव की पृष्ठभूमि पर ऑस्ट्रेलिया ने अपनी ‘स्पेशल फोर्सेस’ के लिए अतिरिक्त प्रावधान करने का ऐलान किया है| ऑस्ट्रेलिया की सुरक्षा को चुनौती देनेवालों का सामना करने के लिए ‘स्पेशल फोर्सेस’ को नए और प्रगत हथियारों से सज्जित करने के लिए यह प्रावधान करने का ऐलान प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने किया है| इसके अलावा प्रशांत महासागर के छोटे देशों को आर्थिक एवं लष्करी सहायता प्रदान करने के लिए भी ऑस्ट्रेलिया पहल कर रही है|

ऑस्ट्रेलियन सेना की ‘स्पेशल फोर्सेस’ के लिए प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने ‘प्रोजेक्ट ग्रेफिन’ की शुरूआत की है| इसके तहेत स्पेशल फोर्सेस को ड्रोन्स, अतिप्रगत संपर्क यंत्रणा, पोलादी कवच और अत्याधुनिक हथियारों के साथ सज्जित किया जाएगा| इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए बनी चुनौतीयों का सामना करने के लिए ‘स्पेशल फोर्सेस’ की तैयारी बढाने का निर्णय किया गया है| इसी कारण ऑस्ट्रेलियन सरकार ने स्पेशल फोर्सेस के लिए अगले बीस वर्षों में तीन अरब डॉलर्स का अतिरिक्त प्रावधान करने का निर्णय किया है| इनमें से ६० करोड डॉलर्स अगले चार वर्षों में उपलब्ध करने के लिए मंजुरी दी गई है, यह जानकारी प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने दी|

ऑस्ट्रेलिया के हितसंबंधों को अगले दिनों में बडा खतरा होने की संभावना है| इस खतरे का सामना करने के लिए स्पेशल फोर्सेस को अतिप्रगत हथियारों से सज्जित करने की जानकारी प्रधानमंत्री मॉरिसन ने दी| साथ ही इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया के हितसंबंधों की सुरक्षा करने के नजरिए से स्पेशल फोर्सेस के सामने भविष्य में काफी बडी चुनौतियां खडी होंगी, यह एहसास रक्षामंत्री लिंडा रेनॉल्डस् ने कराया| प्रधानमंत्री मॉरिसन और रक्षामंत्री रेनॉल्डस् उजागर तौर पर चीन का जिक्र करने से दूर रहें|

मॉरिसन ने ऑस्ट्रेलिया की सत्ता संभालने के साथ ही चीन का आर्थिक और राजनयिक दबाव ठुकराकर कम्युनिस्ट हुकूमत की नीति को चुनौती देना शुरू किया है| ऑस्ट्रेलिया के नाता जाहीर तौर पर चीन की आक्रामकता के विरोध में पुख्ता भूमिका अपना रहे है| ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र में चीन ने शुरू किया लष्करीकरण ऑस्ट्रेलिया की सुरक्षा के लिए खतरा होने की आलोचना ऑस्ट्रेलियन नेता कर रहे है| वही, कुछ दिन पहले ऑस्ट्रेलिया में बडे नेता ने चीन की राक्षसी महत्त्वाकांक्षा की तुलना दुसरे विश्‍वयुद्ध के दौरान रहे नाजी जर्मनी के साथ की थी|

इसके लिए पिछले कुछ महीनों से चीन ने ऑस्ट्रेलिया के समुद्री क्षेत्र के निकट शुरू की हुई लष्करी गतिविधियां कारण बताई जा रही है| चीन ने वनातू द्विपों पर लष्करी अड्डा शुरू करने के लिए गतिविधियां बढाई है और इसपर ऑस्ट्रेलियन सेना अधिकारियों ने चिंता व्यक्त की थी| इस दौरान ‘इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के छोटे देशों पर चीन प्रभाव बढा रहा है और यह मुद्दा प्रधानमंत्री मॉरिसन ‘पैसिफिक आयलैंड फोरम’ की बैठक में उपस्थित करेंगे| इस बैठक में ऑस्ट्रेलिया के साथ ही अमरिका भी चीन की आक्रामकता के विरोध में भूमिका रखने की तैयारी में है|

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