इस्रायली ईंधन टैंकर पर ओमान के करीब हुआ हमला

israel-oil-oman-ship-2लंदन – संयुक्त अरब अमीरात की दिशा में जा रहे ईंधन टैंकर पर ओमान के करीब हमला हुआ। इस हमले में लक्ष्य किए गए टैंकर का मालिकाना हक इस्रायली उद्यमी के पास होने की जानकारी ब्रिटेन के लष्करी गुट ने प्रदान की है। इस हमले के पीछे समुद्री ड़कैत होने का दावा किया जा रहा है। लेकिन, इस्रायल और ईरान के बीच बढ़ रहे तनाव की पृष्ठभूमि पर इस टैंकर पर हुए हमले को संदिग्धता से देखा जा रहा है। बीते महीने से इस्रायली जहाज़ पर हुआ यह दूसरा हमला है।

israel-oil-oman-ship-1ओमान की राजधानी मस्कत से तकरीबन ३०० किलोमीटर दूरी पर यात्रा कर रहे ‘मर्सर स्ट्रीट’ नामक ईंधन टैंकर पर गुरूवार देर रात हमला हुआ। यह टैंकर लंदन स्थित इस्रायली कारोबारी के एअल ओफर की ‘ज़ोडियाक मेरिटाईम कंपनी’ का होने की जानकारी ब्रिटेन के ‘युनायटेड किंगडम मेरिटाईम ट्रेड ऑपरेशन्स’ ने साझा की। शुरू में इस्रायली कंपनी इस विषय पर प्रतिक्रिया दर्ज़ करने से दूर रही थी। लेकिन शुक्रवार दोपहर के समय वर्णित कंपनी ने ‘मर्सर स्ट्रीट’ पर हमला होने की बात स्वीकारी। लेकिन, लक्ष्य किए गए इस टैंकर का मालिकाना हक जापान का है और हमारी कंपनी सिर्फ इस टैंकर को चला रही थी, यह बात भी वर्णित कंपनी ने स्पष्ट की। फिर भी इस्रायल और ईरान के बीच तनाव की पृष्ठभूमि पर इस टैंकर पर हुआ हमला चिंता बढ़ानेवाला होने का दावा अंतरराष्ट्रीय माध्यम कर रहे हैं।

इसी बीच, बीते कुछ महीनों के दौरान हिंद महासागर, ओमान की खाड़ी, रेड़ सी एवं सीरिया के समुद्री क्षेत्र में यात्रा कर रहे इस्रायल और ईरान के मालवाहक एवं लष्करी जहाज़ों पर होनेवाले हमलों में बढ़ोतरी हुई है। इस्रायल और ईरान के बीच जारी अघोषित युद्ध का यह एक हिस्सा होने की बात दिखाई देने लगी है।

इस्रायल से संबंधित एवं यूएई की दिशा में जा रहे जहाज़ों को लक्ष्य किया जा रहा है, इस मुद्दे पर भी विश्‍लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। जुलाई के शुरू में भी ‘यूएई’ जा रहे एक मालवाहक जहाज़ पर हमला हुआ था। इस्रायल और यूएई के बीच स्थापित  सहयोग की पृष्ठभूमि पर इन दोनों हमलों की ओर देखा जा रहा है।

साबर हमलों के ज़रिये जहाज़ों को डुबोने की ईरान की साज़िश – ऑस्ट्रेलियन समाचार चैनल की जानकारी

कैनबेरा – सायबर हमलों के ज़रिये इस्रायल, अमरीका, ब्रिटेन और फ्रान्स के मालवाहक जहाज़ों को डुबोने की साज़िश ईरान ने रची है। इसके पीछे ईरान की रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ होने की जानकारी ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष समाचार चैनल ने सार्वजनिक की है। ब्रिटेन के रक्षामंत्री बेन वॉलेस ने इस पर चिंता भी जताई है। इन सायबर हमलों की वजह से ब्रिटेन की बुनियादी सुविधाएँ प्रभावित हो सकती हैं, ऐसा बयान भी वॉलेस ने किया है।

ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ ने ‘शहिद कावेह’ नामक सायबर युनिट गठित किया है। इस्रायल, अमरीका, ब्रिटेन और फ्रान्स पर सायबर हमले करने का ज़िम्मा इस सायबर युनिट पर होने का बयान ऑस्ट्रेलियन समाचार चैनल ने ५७ पन्नों के गोपनीय दस्तावेज़ों का दाखिला देकर किया है। इसमें संबंधित देशों के मालवाहक जहाज़, पेट्रोल पंप और अन्य ठिकानों के सैटेलाईट फोटो होने की बात इस समाचार चैनल ने कही है।

इसके अलावा अमरीका की ‘एअरोस्पेस डिफेन्स कंपनी’ को लक्ष्य करने के लिए ईरानी हैकर्स ने सोशल मीडिया पर जाली अकाउंटस्‌ बनाने की बात भी स्पष्ट हुई है। ईरान ने सायबर हमलों के ज़रिये इन देशों की यंत्रणाओं को नुकसान पहुँचाने की बड़ी तैयारी जुताई होने का दावा पश्‍चिमी माध्यम कर रहे हैं।

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