इस्राइल यह खाडी राष्ट्र है – इस्राइली प्रधानमंत्री के दौरे के बाद ओमान के विदेश मंत्री की घोषणा

मनामा / मस्कत / जेरूसलम: इस्राइल यह खाड़ी राष्ट्र है और हम सभी को इसका एहसास है। दुनिया को भी यह बात मालूम है। अब इस्राइल के साथ अन्य देशों की तरह बर्ताव करने का समय आया है और उसी तरह कर्तव्य भी निभाने होंगे ऐसे शब्दों में ओमान के विदेश मंत्री ने खाड़ी देशों को इस्राइल को स्वीकारने का आवाहन किया है। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने शुक्रवार को ओमान को ऐतिहासिक भेंट दी थी। इस पृष्ठभूमि पर ओमान से यह प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

शुक्रवार को इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने ओमान को भेट दी है। ओमान के सुल्तान काबूस बिन सईद अल सईद इनके न्योते से यह भेंट होने का दावा किया जा रहा है। इससे पहले १९९४ वर्ष में तत्कालीन इस्राइली प्रधानमंत्री इत्झैक रैबिन एवं १९९६ वर्ष में प्रधानमंत्री शिमोन पेरेस ने ओमान को भेट दी थी। उसके बाद पिछले २२ वर्षों में एक भी इस्राइली नेता ने ओमान को भेंट नहीं दी है और पेरेस इनके भेंट के बाद भेंट देने वाले नेत्यान्याहू यह पहले प्रधानमंत्री ठहरे हैं।

इस्राइल, खाडी राष्ट्र, इस्राइली प्रधानमंत्री, दौरे, ओमान, विदेश मंत्री, घोषणाखाड़ी में इजिप्त और जॉर्डन इन दोनों देशों से इस्राइल के राजनैतिक संबंध होकर अन्य देशों के साथ गोपनीय स्तर पर संबंध प्रस्थापित करने की गतिविधियां शुरू हुई है। ओमान के इस्राइल के साथ अधिकृत राजनैतिक संबंध नहीं है, फिर भी इस्राइल के अधिकारी ओमान में गोपनीय रूप से सक्रिय होने की बात कही जा रही है। इस्राइल के प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने पिछले कई वर्षों में खाड़ी देशों से गोपनीय रूप से संबंध प्रस्थापित करने के लिए विशेष प्रयत्न शुरू किए हैं और ओमान की भेंट भी उसी का महत्वपूर्ण स्तर माना जा रहा है।

इस्राइली प्रधानमंत्री ओमान के ऐतिहासिक भेंट पर आने से पहले ओमान के नेताओं ने पिछले वर्ष में दो बार इस्राइल से चर्चा की थी। फरवरी महीने में ओमान के विदेश मंत्री यूसुफ़ बिन अलावी ने जेरूसलम में अल अक्सा मस्जिद एवं वेस्ट बैंक को भेंट दी थी। उसके बाद मार्च महीने में अमरिका में हुए इस्राइल एवं अरब देशों के अधिकारियों की बैठक में ओमान के अधिकारी शामिल हुए थे।

इस पृष्ठभूमि पर इस्राइली प्रधानमंत्री की भेंट अत्यंत महत्वपूर्ण हो रही है और इस्राइल पैलेस्टाइन शांति चर्चा एवं ईरान इन दोनों की दृष्टि से ध्यान केंद्रित करने वाली ठहरी है। ओमान ने इससे पहले भी पैलेस्टाइन के मुद्दे पर अधिक सक्रियता नहीं दिखाई थी, फिर भी उसके लिए प्रयत्न करने के संकेत दिए थे। पर यह प्रयत्न मध्यस्थि के तौर पर नहीं होंगे ऐसा स्पष्ट कहा था। ओमान यह सऊदी अरेबिया के गल्फ काउंसिल में शामिल है। फिर भी ईरान से अच्छे संबंध होने वाले देशों में से एक के तौर पर पहचाना जा रहा है।

इससे पहले भी पश्चिमात्य देश तथा अन्य अरब देशों से ईरान को संदेश देने के लिए अथवा चर्चा के लिए ओमान का उपयोग किया गया था। इस्राइली प्रधानमंत्री के इस भेंट के पीछे यह उद्देश्य होने की आशंका इस्राइल प्रसार माध्यम एवं विश्लेषकों से जताई जा रही है।

प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू इनके ओमान भेंट पर ईरान ने जोरदार आलोचना की है। इस्राइल की सल्तनत इस्लामी देशों में दरार करने का प्रयत्न कर रही है, ऐसी आलोचना ईरान के विदेश प्रवक्ता बहराम कासेमी ने की है। इस्राइली प्रधानमंत्री के इस ऐतिहासिक ओमान भेट से पहले पैलेस्टाईन के अध्यक्ष महमूद अब्बास ने भी ३ दिनों का ओमान का दौरा करने की जानकारी सामने आ रही है।

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