परग्रहवासियों की खोज के लिए ‘आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस’ का इस्तेमाल होगा – अमरिकी संसद का एक करोड़ डॉलर्स का प्रावधान

वॉशिंगटन – परग्रहवासियों के खोज की कोशिश फिर से तेज होने के संकेत मिल रहे हैं। अमरिकी संसद ने इसके लिया पहल की है और इसके लिए एक करोड़ डॉलर्स का प्रावधान किया जाने वाला है। रिपब्लिकन पार्टी के संसद सदस्य लॅमारस्मिथ ने इस संदर्भ में प्रस्ताव रखा है। परग्रहवासियों की खोज के लिए ‘आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस’ का इस्तेमाल हो सकता है, ऐसे संकेत भी दिए गए हैं और इस मामले में रिपोर्ट अमरिका के विज्ञान विषय के मासिक में हाल ही में प्रसिद्ध हुई है।

संसद में प्रस्तुत होने वाले विधेयक के अनुसार अमरिका की अंतरिक्ष खोज संस्था ‘नासा’ को एक करोड़ डॉलर्स का निधि दिया जाने वाला है। अगले दो सालों के लिए यह निधि है और ‘सर्च फॉर एक्स्ट्राटेरेस्ट्रिअल इंटेलिजेंस’ (सेटी) इस उपक्रम का पुनरुज्जीवन किया जाने वाला है। सन १९९२ में ‘नासा’ ने इस उप्रकम की शुरुआत की थी। उसके लिए दो भव्य टेलिस्कोप का निर्माण किया गया था। ‘प्युर्टो रिको’ और ‘कैलिफ़ोर्निया’ में निर्माण किए गए टेलिस्कोप की सहायता से परग्रहवासियों के बारे में अन्तरिक्ष संदेश दर्ज करने की जिम्मेदारी इस उपक्रम की थी।

‘आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस’

नासा के अर्थसंकल्प में इस सन्दर्भ में प्रावधान नहीं, ऐसी भूमिका अपनाकर इस उपक्रम को बंद कर दिया गया था। लेकिन अब संसद के ‘हाउस साइंस कमिटी’ की पहल से फिर एक बार ‘सेटी’ का पुनरुज्जीवन करने की कोशिश शुरू हुई है। संसद में रखे जाने वाले विधेयक में अगले दो सालों में रेडियो संदेश जैसे संकेत ढूंढने के लिए विविध तकनीकों का इस्तेमाल करने के मुद्दे को उपस्थित किया गया है। प्रमुख बात यह है कि परग्रहवासियों की खोज के लिए पारंपरिक पद्धति का इस्तेमाल करने के बजाय ‘आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस’ का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया गया है।

‘साइंटिफिक अमेरिकन’ इस विज्ञान विषय के मासिक में इस सन्दर्भ में रिपोर्ट प्रसिद्ध हुई है। परग्रह की सृष्टि में मानवीय बुद्धिमत्ता से भी अलग प्रकार की और अधिक प्रगत बुद्धिमत्ता वाला ‘जीवन’ हो सकता है, इस संभावना को ध्यान में रखकर ‘आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस’ का इस्तेमाल उचित साबित होगा, ऐसा कहा गया है। मानव बुद्धिने कभी सोचा भी नहीं होगा, ऐसी संभावनाएं और पद्धति ‘आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस’ की सहायता से निर्माण की गयी यंत्रणाएं अंमल में लाई जा सकती हैं, ऐसा दावा भी इसमें किया गया है।

‘सेटी’ की भूतपूर्व प्रमुख जिल टार्टर ने संसद के संभाव्य विधेयक और प्रावधान पर समाधान व्यक्त किया है। विधेयक मंजूर हुआ तो वह अमरिका की संसद की नीति में बहुत बड़ा बदलाव साबित होगा, ऐसा उन्होंने दावा किया है। नासा का यह उप्रकम अंतर्राष्ट्रीय स्तर के अभ्यासकों के लिए भी बड़ा मौका साबित होगा, ऐसा भी डॉक्टर टार्टर ने कहा है।

वर्तमान में विश्व के बहुतांश क्षेत्र में ‘आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस’ का इस्तेमाल तेजी से शुरू हुआ है और आने वाले दो दशकों में इस तकनीक पर आधारित यंत्रणा मानव बुद्धि को मात देने इतनी प्रगत होगी, ऐसा दावा अभ्यासक और खोजकर्ता कर रहे हैं।

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