लष्करप्रमुख जनरल नरवणे ने किया लद्दाख का दौरा

 नई दिल्ली, (वृत्तसंस्था) –  लद्दाख में भारत-चीन के बीच तनाव बड़े पैमाने पर बढ़ा हुआ है; ऐसे में, लष्करप्रमुख जनरल मनोज नरवणे लद्दाख पहुँचे हैं। शुक्रवार को नरवणे ने लेहस्थित लष्कर के १४-कोर के मुख्यालय की भेंट की। उसके बाद उन्होंने नॉर्थन कमांड के प्रमुख अधिकारियों से चर्चा की और लद्दाख में सेना की सिद्धता का जायज़ा लिया। पिछले तीन हफ़्तों में लद्दाख में चार स्थानों पर चीन ने घुसपैँठ की कोशिशें कीं और सीमा पर अपने जवानों की तैनाती भी बढ़ायी है। भारत ने भी उसके बाद सैनिकों की तैनाती बढ़ायी होकर, इस पृष्ठभूमि पर लष्करप्रमुख का लद्दाख दौरा बहुत ही अहम साबित होता है।

हाल ही में लद्दाख, सिक्कीम और हिमाचल प्रदेश की सीमा पर चीन ने घुसपैंठ की कोशिशें कीं थीं। इनमें लद्दाख तथा सिक्कीम में दोनों देशों के सैनिक आमनेसामने खड़े हुए थे और दोनों देशों के सैनिकों में मुठभेड़ भी हुई थी। पिछले तीन हफ़्तों में लद्दाख में चार जगहों पर चीन ने घुसपैंठ की कोशिशें की होने की ख़बरें आ रहीं हैं। पॅंगोग सरोवर क्षेत्र के साथ ही, गोगरा और पॉईंट १४ इस सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण भाग में चिनी सैनिकों ने घुसपैंठ की होकर, गलवान नाला से पॉईंट १४ के बीच चीन खंदक खोद रहा होने कीं और यहाँ चिनी सैनिकों ने तंबू गाड़े होने कीं ख़बरें आ रहीं हैं।

लद्दाख में बनें तनाव की पृष्ठभूमि पर, चीन ने हालाँकि वह राजनैतिक स्तर पर भारत से चर्चा कर रहा है ऐसा कहा है, फिर भी सीमा पर चीन आक्रमक और उक़साऊ हरक़तें कर रहा होने की बात स्पष्ट हो रही है। पिछले चार महीनों में चीन ने १७० बार भारतीय सीमा में घुसपैंठ की कोशिशें कीं। इनमें से १३० कोशिशें लद्दाख में हुईं ऐसी जानकारी सामने आ रही है।

हाल ही में, अमरीका के विदेश विभाग की दक्षिण और मध्य एशिया के लिए होनेवालीं उपमंत्री एलिस वेल्स ने लद्दाख में बनें तनाव के लिए चीन की उक़साऊ वृत्ति ज़िम्मेदार है, ऐसा बताकर भारत का समर्थन किया था। भारत द्वारा सीमा क्षेत्र में किया जानेवाला बुनियादी सुविधाओं का विकास रोकने के लिए चीन भारत पर दबाव बढ़ाने की कोशिशें कर रहा है, ऐसा विश्लेषकों का कहना है। भारत ने पाकिस्तान गिलगिट बाल्टिस्तान खाली करने के लिए कहा था। उसके बाद पाकिस्तान द्वारा सीमा पर गोलीबारी की जाने कीं तथा आतंकियों को घुसपैंठ करने में सहायता की जाने की घटनाएँ बढ़ीं है। उसी समय चीन ने पूर्वी सीमाओं पर ये हरकतें शुरू कीं। इस कारण विश्लेषक दावें कर रहे हैं कि चीन और पाकिस्तान की हरक़तें सुनियोजित हैं।

      इस पृष्ठभूमि पर लष्करप्रमुख जनरल नरवणे ने लद्दाख का दौरा किया। इस लद्दाख दौरे में से लष्करप्रमुख ने ऐसा स्पष्ट संदेश दिया लगता है कि भारत ऐसे दबाव की परवाह नहीं करेगा और चीन की हरक़तों पर भारत की बारिक़ी से नज़र है।

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