सुरक्षा परिषद का अध्यक्षपद प्राप्त होने के बाद भारत की प्राथमिकता आतंकवाद विरोधी कार्रवाईयाँ और समुद्री सुरक्षा के प्रति होगी – संयुक्त राष्ट्रसंघ में भारत के राजदूत तिरूमुर्ती

संयुक्त राष्ट्रसंघ – जिस महीने में भारत की स्वतंत्रता का अमृतमहोत्सव शुरू हो रहा है उसी अगस्त महीने में भारत को संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद का अध्यक्षपद प्राप्त हो रहा है। यह अप्रतिम संयोग है, ऐसा कहकर संयुक्त राष्ट्रसंघ में भारत के राजदूत टी.एन.तिरूमुर्ती ने इस पर खुशी जताई। अपने अध्यक्षपद के कार्यकाल के दौरान भारत आतंकवाद विरोधी कार्रवाईयाँ, समुद्री सुरक्षा और शांति मुहिमों के लिए विशेष प्राथमिकता देगा, यह ऐलान तिरूमुर्ती ने किया।

सुरक्षा परिषद का अध्यक्षपदभारत को १ जनवरी, २०२१ के दिन संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता प्राप्त हुई थी। १ अगस्त से भारत को सुरक्षा परिषद का अध्यक्षपद प्राप्त होगा। इस बात का ज़िक्र करके भारत के राजदूत ने अपने देश की प्राथमिकताएं स्पष्ट कीं। अध्यक्षपद के पहले महीने में ही भारत समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी गतिविधियों को अहमियत देगा, ऐसा बयान राजदूत तिरूमुर्ती ने किया। चीन की गैरज़िम्मेदाराना वर्चस्ववादी हरकतों की वजह से समुद्री सुरक्षा के लिए खतरा बना है। विश्‍वभर के प्रमुख देश यही आरोप भी लगा रहे हैं। ऐसी स्थिति में भारतीय राजूदत का यह ऐलान ध्यान आकर्षित करता है।

इसके साथ ही आतंकवाद विरोधी गतिविधियों के लिए भारत सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष के तौर पर प्राथमिकता देगा और इस पर खास जोर दिया जाएगा, ऐसा राजदूत तिरूमुर्ती ने कहा। इसकी वजह से पाकिस्तान की चिंता बढ़ सकती है। अफ़गानिस्तान में तालिबान की हिंसा पूरे विश्‍व के लिए चिंता का विषय है और ऐसे में तालिबान का समर्थन कर रहे पाकिस्तान की विश्‍वभर में बेईज्जती हो रही है। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियां विश्‍व के सामने लाने का बड़ा अवसर सुरक्षा परिषद के अध्यक्षपद प्राप्त होने के साथ ही भारत को प्राप्त हुआ है। इसका इस्तेमाल करने की तैयारी भारत ने जुटाई होने की बात तिरूमुर्ती के इस बयान से स्पष्ट हो रही है।

सुरक्षा परिषद के सदस्य के तौर पर भारत का चयन और इसके लिए भारत को अन्य देशों से प्राप्त हुए समर्थन पर पाकिस्तान ने बड़ी चिंता जताई थी। सुरक्षा परिषद की सदस्यता प्राप्त होने के बाद भारत हर संभव मार्ग से पाकिस्तान को लक्ष्य करेगा, यह ड़र पाकिस्तानी विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे हैं। इस वजह से भारत के राजदूत ने किए बयान की गूँज पाकिस्तान में सुनाई देने की कड़ी संभावना है। भारत ने सुरक्षा परिषद में पहले भी आतंकवाद के मुद्दे पर पुख्ता भूमिका अपनाई थी।

आतंकवादी संगठन और उनका समर्थन करनेवाले देशों पर कार्रवाई करने की कोशिशों में अड़ंगा ड़ालनेवालों का भारत सख्त विरोध करेगा और उनकी कोशिशों को नाकाम करेगा, यह बयान भारतीय राजदूत तिरूमुर्ती ने हाल ही में किया था।

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