पुलवामा हमले की साज़िश में शामिल ‘जैश’ का पाकिस्तानी कमांडर लंबू जम्मू-कश्‍मीर में हुई मुठभेड़ में ढ़ेर

श्रीनगर – जम्मू-कश्‍मीर के पुलवामा का ‘मोस्ट वाँटेड’ आतंकी अबू सैफुल्लाह उर्फ लंबू मुठभेड़ में मारा गया है। भारत में घुसपैठ करने के बाद बीते चार वर्षों से लंबू कश्‍मीर घाटी में आतंकी हमलों को अंजाम देने में सक्रिय था। लंबू सिर्फ ‘जैश’ का कमांडर ही नहीं था, बल्कि वह ‘जैश’ का प्रमुख और अंतरराष्ट्रीय आतंकी मौलाना मसूद अज़हर का रिश्‍तेदार भी था। साथ ही उसने अफ़गानिस्तान में तालिबान के साथ मिलकर नाटो की सेना के खिलाफ भी आतंकी गतिविधियों को अंज़ाम दिया था। इस वजह से मुठभेड़ में लंबू के मारे जाने से सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। लंबू का खात्मा जम्मू-कश्‍मीर में मौजूद आतंकी संगठनों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

लंबूपुलवामा के नामिबियन और मरसार जंगर क्षेत्रों में सुरक्षा बलों ने संयुक्त सर्च मुहिम चलाई थी। इस जंगल क्षेत्र में कुछ आतंकी छिपे होने की सूचना सुरक्षा बलों को प्राप्त हुई थी। इसके बाद यह ऑपरेशन किया गया था। इस दौरान आतंकी और सुरक्षा बलों के सैनिक आमने-सामने खड़े हुए। सैनिकों को देखते ही आतंकियों ने गोलिबारी शुरू की। जिस हिस्से में यह सर्च मुहिम चलाई गई थी, वह क्षेत्र काफी दुर्गम था और वहां पर सर्च मुहिम चलाना बड़ा कठिन होने की जानकारी प्राप्त हो रही है।

लगभग पांच घंटों तक चली इस मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए। मारे गए इन आतंकियों की पहचान करने के लिए ज्यादा समय नहीं लगा। मारे गए इन आतंकियों में से एक का नाम सैफुल्लाह उर्फ लंबू उर्फ अदनान उर्फ इस्लाम अल्वी होने की जानकारी सेना और पुलिस ने साझा की। छह फीट से अधिक लंबाई के सैफुल्लाह को लंबू नाम से पहचाना जाता था। गाड़ियों में ‘आयईडी’ लगाने का वह विशेषज्ञ समझा जाता था। घुसपैठ करके भारत पहुँचने से पहले उसने अफ़गानिस्तान में तालिबान के साथ मिलकर नाटो सेना के खिलाफ कार्रवाईयाँ की थीं।

लंबूवर्ष २०१९ में पुलवामा में ‘सीआरपीएफ’ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में ४० सैनिकों की शहादत हुई थी। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान में हवाई कार्रवाई करके जैश के अड्डे तबाह किए थे। पुलवामा के हमले में विस्फोटकों से भरी गाड़ी में लगाया गया ‘आयईडी’ लंबू ने ही तैयार किया था, यह जानकारी सुरक्षा बलों ने प्रदान की। पुलवामा हमले की साज़िश में शामिल कुछ आतंकियों को पहले ही ढ़ेर किया गया था। लेकिन, लंबू फरार था। पुलवामा हमले की साज़िश में शामिल १९ में से ७ आतंकियों को अब तक मारा गया है और ७ की गिरफ्तारी हुई है। इस हमले के ५ साज़िशकर्ता अभी भी फरार हैं।

लंबू वर्ष २०१७ में घुसपैठ करके भारत पहुँचा था। यहां पहुँचने पर युवकों को आतंकी संगठन में शामिल करने का काम कर रहा था। बीते तीन वर्षों में कश्‍मीर घाटी में हुए कुछ हमलों में भी लंबू शामिल था। लंबू के साथ मारा गया अन्य आतंकी स्थानीय नागरिक होने की और उसका नाम आदिल होने की जानकारी सेना ने प्रदान की। मुठभेड़ के ठिकाने से बड़ी मात्रा में हथियारों का भंड़ार भी बरामद हुआ है। इनमें चीनी निर्माण के पिस्तौल, दो एके-४७ राइफल्स भी हैं।

इसी बीच, जम्मू-कश्‍मीर में इस वर्ष में अब तक ८९ आतंकियों को मारा गया है और अभी भी २०० आतंकी घाटी में सक्रिय हैं। लेकिन, कश्‍मीरी युवकों का आतंकी संगठनों में शामिल होने की मात्रा कम हुई है। साथ ही इस वर्ष एक भी पाकिस्तानी आतंकी भारत में घुसपैठ करने में कामयाब नहीं हुआ है, यह जानकारी सेना के १५ कोर के अधिकारी लेफ्टनंट जनरल डी.पी.पांडे ने प्रदान की।

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