’एरो इंडिया’ में अमरीका के अतिप्रगत लड़ाकू विमान भी शामिल

बंगलुरू – अमरिकी वायुसेना के अतिप्रगत लड़ाकू विमान ‘एफ-३५ए लाईटनिंग २’ और ‘एफ-३५ए जॉईंट स्ट्राईक फाईटर’ बंगुलूरु में आयोजित ‘एरो इंडिया’ में शामिल हुए हैं। इन विमानों के सामर्थ्य का प्रदर्शन करने के लिए एरो इंडिया सबसे अच्छा मंच होने का दावा अमरीका की वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी मेजर जनरल जुलियन सी.शेटर ने किया। एरो इंडिया में अमरिका के अति प्रगत विमानों की मौजूदगी भारत को प्रदान करने के लिए अमरीका के उत्सुक होने की बात दर्शाती है। इसके साथ ही ‘एफ/ए-१८एफ सुपर होर्नेट’ और ‘एफ/ए-१८ई’ एवं ‘एफ-१६ फाल्कन’ जैसे अमरिकी लड़ाकू विमान भी एरो इंडिया का हिस्सा हैं।

’एरो इंडिया’भारत ११४ लड़ाकू विमान खरीदने की तैयारी में है और यह ठेका पाने के लिए लड़ाकू विमानों का निर्माण कर ही विश्वभर की प्रमुख कंपनियों की स्पर्धा शुरू हुई है। अमरिकी कंपनियां भी इस स्पर्धा में उतरी हैं और एक समय पर भारत को प्रगत प्रौद्योगिकी और रक्षा सामान प्रदान करने के लिए उत्सुक नहीं रही अमरीका अब भारत को सिर्फ अपने ग्राहक देश के तौर पर नहीं देखती, बल्कि भागीदार के तौर पर देखने के दावे कर रही है। अपने लड़ाकू विमान भारत के लिए सबसे बेहतर होने के दावे अमरिकी जनप्रतिनिधि कर रहे हैं। अमरिकी नेता और वरिष्ठ राजनीतिक अधिकारियों के भारत दौरे में भी भारत को अधिकाधिक मात्रा में अमरिकी हथियार और रक्षा सामान एवं लड़ाकू विमान प्रदान करने का मुद्दा उठाया जा रहा है।

अमरिकी विदेश कारोबार विभाग की उप-मंत्री विक्टोरिया न्यूलैण्ड ने भारत के दौरे से पहले अमरिकी हथियार और रक्षा सामान भारत को प्रदान करने का मुद्दा उठाने का ऐलान किया था। इसके बाद बंगलुरु में शुरु हुए एरो इंडिया में अमरीका ने अब तक का सबसे बड़ा शिष्टमंड़ल रवाना किया है। यह महज़ संजोग नहीं है। लड़ाकू विमान एवं अन्य रक्षा सामान खरीदने के लिए अमरीका ही भारत के लिए सबसे अच्छा भागीदार देश साबित होगा, यही अलग-अलग तरीके से भारत को समझाने की बड़ी कोशिश अमरीका कर रही है। एरो इंडिया में शामिल हुए ‘एफ/ए-१८एफ सुपर होर्नेट’ और ‘एफ/ए-१८ई’ जैसे अतिप्रगत लड़ाकू विमान इसी की साक्ष देते हैं। चीन जैसे ताकतवर देश से खतरा होने वाला भारत अपने इन प्रगत विमान खरीदे, यही अमरीका सूचित करना चाहती है। भारतीय रक्षा बलों के पूर्व अधिकारी और सामरिक विश्लेषक इसका संज्ञान ले रहे हैं। अमरीका से पेश हो रहे इस प्रस्ताव पर भारत में चर्चा जारी होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

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