दिल्ली-मुंबई ‘एक्सप्रेस वे’ के पहले चरण का लोकार्पण

दौसा – दिल्ली और मुंबई को जोड़ने वाले ‘एक्सप्रेस वे’ के दिल्ली-दौसा-लालसोत के पहले चरण का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों लोकार्पण किया गया। २४६ किलोमीटर के इस राजमार्ग से दिल्ली और राजस्थान की दूरी काफी कम होगी। इन स्थानों की यात्रा का समय भी काफी कम होगा। यह कहा जा रहा है कि, नई दिल्ली-मुंबई ‘एक्सप्रेस वे’ प्रकल्प के पहले चरण के राजमार्ग के लिए करीबन १८ हज़ार करोड़ रुपये खर्च हुए।

‘एक्सप्रेस वे’देश की राजधानी नई दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई को जोड़ने वाले राजमार्ग का निर्माण करने के महत्वाकांक्षी प्रकल्प का साल २०१८ में ऐलान किया गया था। इसके लिए करीबन ९८ हज़ार करोड़ रुपयों का निवेश करने का ऐलान किया गया था। कुल १,३८६ किलोमीटर दूरी के इस राजमार्ग का दिल्ली से राजस्थान के दौसा तक के पहले चरण का काम पूरा हुआ और इसका प्रधानमंत्री के हाथों लोकार्पण किया गया।

‘एक्सप्रेस वे’राजमार्ग, बंदरगाह, रेल्वे, ऑप्टिकल फायबर, वैद्यकीय महाविद्यालयों में जब सरकार बड़ी मात्रा में निवेश करती हैं इससे आम जनता को काफी बड़े लाभ प्राप्त होते हैं। छोटे व्यापारी, छोटे उद्यमी और उद्योग क्षेत्र को भी इस निवेश से कई लाभ पहुँचते हैं। बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए निवेश करने से नए निवेश होते हैं और कारोबार को गति मिलती है, यह विश्वास प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर व्यक्त किया। इस एक्सप्रेस वे के पहले चरण की वजह से जयपूर से दिल्ली तक यात्रा करने का समय आधे से कम होगा, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा। कारोबार के लिए दिल्ली जा रहे जयपुर निवासी इस राजमार्ग की वजह से अपना काम पूरा करके शाम तक घर लौट आ सकेंगे। साथ ही इस राजमार्ग से जुड़े स्थानिय लोगों का भी काफी विकास होगा। क्यों कि, इस राजमार्ग के दोनों ओर छोटे विक्रेताओं के लिए बाज़ार बनाए जा रहे हैं। इससे कारागीर और छोटे कारोबियों को लाभ मिलेगा, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा।

इसी बीच, नई दिल्ली और मुंबई को जोड़ने वाला यह ‘एक्सप्रेस वे’ देश में अबतक बना सबसे लंबा राजमार्ग साबित होगा और दिल्ली से हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से मुंबई पहुँच रहे इस राजमार्ग की वजह से आर्थिक विकास को गति प्राप्त होगी, यह विश्वास भी व्यक्त किया जा रहा हैं।

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