असम में भारत-जापान की नीतियों का समन्वय हुआ है – जापान के राजदूत सातोशी सुज़ूकी

गुवाहाटी – ‘भारत की ‘ऐक्ट ईस्ट’ और जापान की ‘मुक्त इंडो-पैसिफिक’ संबंधित नीति का समन्वय भारत के ईशान कोण क्षेत्र में हुआ है। अगले दिनों में भारत के ईशान कोण राज्यों का विकास करने में जापान का योगदान काफी बड़ा होगा’, यह बात भारत में नियुक्त जापान के राजदूत सातोशी सुज़ूकी ने कही है। तभी, असम राज्य भारत की ‘ऐक्ट ईस्ट’ नीति के लिए ‘स्प्रिंगबोर्ड’ का काम करेगा, ऐसा विश्‍वास भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने व्यक्त किया है।

विदेशमंत्री जयशंकर और जापान के राजदूत सुज़ूकी ने असम की यात्रा करके इस राज्य में जापान के सहयोग से हो रहे विकास प्रकल्पों के काम का जायजा किया। ‘जापान इंटरनैशनल को-ऑपरेशन एजन्सी’ (जेआयसीए) ने असम में कुछ प्रकल्पों के लिए सहायता प्रदान की है। अंतरराष्ट्रीय भागीदारी द्वारा राज्यों का विकास अधिक तेज़ी से करना संभव हो सकता है, यह बात असम का यह प्रकल्प दिखा रहा है, ऐसा विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने कहा है। साथ ही असम भारत की ‘ऐक्ट ईस्ट नीति’ के लिए ‘स्प्रिंगबोर्ड’ का काम करेगा, यह विश्‍वास भी विदेशमंत्री ने व्यक्त किया। असम में अधिक निवेष आकर्षित करके इन राज्यों का इस्तेमाल पूर्वीय देशों को जोड़ने के लिए किया जाएगा, यह वादा भी इस दौरान विदेशमंत्री ने किया।

सातोशी सुज़ूकीजापान के राजदूत ने असम एवं ईशान कोण के अन्य राज्यों के विकास के लिए जापान काफी बड़ी भूमिका निभाने के लिए उत्सुक होने की बात कही। भारत की ‘ऐक्ट ईस्ट’ और जापान की ‘मुक्त इंडो-पैसिफिक’ नीति का समन्वय असम में हुआ है, ऐसा कहकर राजदूत सु्ज़ूकी ने असम की अहमियत रेखांकित की। साथ ही दूसरे विश्‍वयुद्ध के बाद खाक हुए जापान को भारत ने काफी बड़ी सहायता प्रदान की थी, इसका कृतज्ञता से जापान के राजदूत ने स्मरण किया।

‘भारत ने प्रदान की हुई सहायता ध्यान में रखकर जापान को अपनी ज़िम्मेदारी निभानी है। अशिया में सबसे पहले विकसित हुई अर्थव्यवस्था के तौर पर जापान की पहचान बनी है। इस मोर्चे पर प्राप्त हुए अनुभव का लाभ जापान एशियाई देशों को प्रदान कर सकता है। एशियाई देशों के लिए उपलब्ध करने के लिए जापान के हाथों में काफी कुछ है। जापान को भारत के साथ अभी काफी बातें ‘शेअर’ करनी हैं’, ऐसा सूचक बयान राजदूत सुज़ूकी ने किया। साथ ही हमारे लिए असम दूसरा घर होने का अहसास होता है, यह बात कहकर सुज़ूकी ने इस राज्य के प्रति आत्मियता व्यक्त की।

असम एवं ईशान के अन्य राज्यों में बुनियादी सुविधाएं एवं अन्य विकास प्रकल्प शुरू करने के लिए जापान भारत की सहायता कर रहा है। इन विकास योजनाओं में जापान की दिख रही रूचि चीन की चिंता बढ़ा रही है। इस पर चीन ने आपत्ति भी जताई थी। लेकिन, जापान ने इस पर पुख्ता भूमिका अपनाकर चीन ने जताई आपत्ति ठुकराई थी।

भारत ईशान के राज्यों में बड़ी मात्रा में बुनियादी सुविधाओं का विकास कर रहा है और इसके लिए जापान की सहायता प्राप्त कर रहा है, यह बात चीन की बेचैनी बढ़ा रही है। भारत और जापान का सहयोग हमें चुनौती देने के लिए है, ऐसा आरोप चीन लगा रहा है। लेकिन, एशिया के प्रमुख जनतंत्र देश के तौर पर भारत और जापान का सहयोग एक बड़ी सहज बात है, ऐसी भूमिका दोनों देशों ने ड़टकर अपनाई है। चीन ने निर्माण किए सीमा विवाद का मुकाबला कर रहे भारत और जापान के बीच आर्थिक, राजनीतिक और सामरिक स्तर पर सहयोग इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की स्थिरता बरकरार रखकर इस क्षेत्र में संतुलन निर्माण करेगा, ऐसा विश्‍वास विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे हैं। चीन की आक्रामकता की वजह से इस क्षेत्र में निर्माण हुए असंतुलन की पृष्ठभूमि पर भारत और जापान की इस धारणात्मक सहयोग की अहमियत कई गुना बढ़ी होने का अहसास विश्‍लेषक दे रहे हैं।

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