आतंकवादविरोधी युद्ध में ‘किंतु….परंतु’ की भाषा का कोई उपयोग नहीं – भारत के विदेशमंत्री की चेतावनी

नई दिल्ली – आतंकवाद का सामना करते समय ‘किंतु….परंतु’ की भाषा नहीं हो सकती और आतंकियों में ‘अच्छे’ और ‘बुरे’ ऐसा फ़र्क़ नहीं कर सकते, ऐसा विदेशमंत्री एस. जयशंकर ने जताया है। संयुक्त राष्ट्र की परिषद की वर्च्युअल बैठक को संबोधित करते हुए भारत के विदेशमंत्री ने, ठेंठ नाम न लेते हुए, आतंकियों का समर्थन करनेवाले पाकिस्तान को निशाना बनाया। आतंकवाद को मिटाना है, तो प्रबल राजनीतिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता है। किसी भी प्रकार से आतंकवाद का समर्थन किया नहीं जा सकता, इसपर सभी देशों में सहमति होना आवश्यक है, ऐसा जयशंकर ने कहा।

संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद की एक वर्च्युअल परिषद को संबोधित करते समय विदेशमंत्री जयशंकर ने, आतंकवाद के मामले में कठोर भूमिका अपनाने की आवश्यकता प्रस्तुत की। ‘आतंकवादविरोधी युद्ध में ‘किंतु….परंतु’ की भाषा नहीं की जा सकती। साथ ही, आतंकवाद के मामले में दोगलापन नहीं दिखाया जा सकता। इस प्रकार की कोशिशें करके आतंकियों में ‘अच्छे’ और ‘बुरे’ ऐसा फ़र्क़ करनेवालों का खुद का अजेंडा होता है। इस तरह से आतंकवादियों का बचाव करनेवाले भी इन आतंकवादियों जितने ही अपराधी साबित होते हैं’, इन शब्दों में भारत के विदेशमंत्री ने ठेंठ नाम से उल्लेख न करते हुए पाकिस्तान को लक्ष्य किया।

आतंकियों का बचाव तथा समर्थन करने की यह अपप्रवृत्ति कट्टरपंथियों को बल देती है और अन्य समुदायों में ख़ौफ़ और अविश्‍वास का वातावरण निर्माण करती है, इसपर भी विदेशमंत्री जयशंकर ने ग़ौर फ़रमाया। कुछ देश आतंकवादियों की हरसंभव सहायता करते हैं, उनके लिए निधि इकट्ठा करा देते हैं। वहीं, ऐसे देशों का बचाव करने की नीति कुछ देशों ने अपनायी है, ऐसा कहकर जयशंकर ने पाकिस्तान के साथ चीन को भी लक्ष्य किया। इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद की पाकिस्तान पर प्रस्तावित कार्रवाई चीन ने नकाराधिकार (वेटो) का इस्तेमाल करके टाली थी। उसका संदर्भ जयशंकर के बयान से दिया जा रहा है।

इसी बीच, एक तरफ़ भारत आतंकवादियों को समर्थन देनेवाले पाकिस्तान पर कठोर कार्रवाई की भाषा कर रहा है; वहीं, दूसरीं तरफ़ पाकिस्तान ने, भारत ही आतंकवाद का इस्तेमाल कर रहा होने का झूठा होहल्ला शुरू किया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने, भारत अपने देश में आतंकवादी क़ारनामें करके अस्थिरता मचा रहा होने का आरोप एक अख़बार को दिये इंटरव्यू के दौरान किया। पाकिस्तानी गुप्तचर यंत्रणाओं को इसका यक़ीन हुआ है, ऐसा इम्रान खान ने कहा है। कुछ हफ़्तें पहले पाकिस्तान ने भारत के कथित आतंकवाद के सबूत संयुक्त राष्ट्र के सामने प्रस्तुत किये थे। लेकिन किसीने भी उसे कुछ ख़ास अहमियत नहीं दी है, ऐसी आलोचना पाकिस्तानी माध्यमों द्वारा ही अपनी सरकार पर की जा रही है।

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