भारतीय नौसेना चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए तैयार – रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

नई दिल्ली – भारतीय नौसेना सुरक्षा से संबंधित किसी भी चुनौती का मुकाबला करने के लिए तैयार होने का विश्‍वास रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने व्यक्त किया। साथ ही प्रमुख एवं संवेदनशील समुद्री क्षेत्र में भारतीय हितसंबंधों की सुरक्षा करने के लिए भी नौसेना सक्षम होने का सूचक बयान करके रक्षामंत्री ने चीन को चेतावनी देने की बात दिख रही है। राजधानी नई दिल्ली में हो रही ‘नेवल कमांडर्स कॉन्फरन्स’ को संबोधित करते समय रक्षामंत्री बोल रहे थे। दो दिन पहले ही नौसेना के ईस्टर्न कमांड के प्रमुख ने भी अपने अधिकारी और सैनिकों को तैयार रहने की सूचनाएं जारी की थीं।

indian-navyबुधवार को दिल्ली में तीन दिन की कमांडर्स कॉन्फरन्स की शुरूआत हुई। पहले दिन रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस बैठक को संबोधित किया। तीन दिनों की इस बैठक के दौरान नौसेना की रक्षा तैयारी का जाएज़ा किया जाएगा। बुधवार के दिन इस बैठक में हिंद महासागर की सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा हुई। इस पृष्ठभूमि पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने भारतीय नौसेना के सामने मौजूद चुनौतियां और तैयारी का ज़िक्र किया।

भारतीय नौसेना किसी भी चुनौती का मुकाबला करने के लिए तैयार होने का बयान रक्षामंत्री ने किया। साथ ही संवेदनशील सागरी क्षेत्र में तैनात भारतीय युद्धपोतों के लिए खतरा निर्माण करने पर नौसेना मुँहतोड़ जवाब देगी, यह इशारा भी रक्षामंत्री ने इस दौरान दिया। इस दौरान रक्षामंत्री ने सीधा नाम नहीं लिया हो लेकिन, उनका यह बयान चीन के लिए ही इशारा था। हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी जहाज़ों की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए भारतीय नौसेना ने तेज़ गति से १० प्रगत ड्रोन्स खरीद करने के लिए कदम उठाया है। इसके अलावा भारतीय नौसेना के बेड़े में मौजूद ‘पी-८आय’ विमानों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। इसके अलावा भारत स्वदेशी निर्माण की छह स्टेल्थ पनडुब्बियों का निर्माण कर रहा है और रशिया एवं फ्रान्स से भी पनडुब्बियों की खरीद कर रहा है।

लद्दाख की गलवान वैली में भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ने पर चीन ने हिंद महासागर में गतिविधियां बढ़ाई थीं। इसके बाद भारतीय नौसेना ने भी हिंद महासागर में अतिरिक्त युद्धपोत तैनात किए हैं और साथ ही अंड़मान-निकोबार के क्षेत्र में अमरीका और जापान के साथ युद्धाभ्यास का आयोजन करके चीन को कड़ी चेतावनी दी थी। भारतीय नौसेना अधिकारी भी हिंद महासागर क्षेत्र में जारी चीन की बढ़ती हरकतों से बन रहे खतरों को लेकर इशारा दे रहे हैं। कुछ दिन पहले ही नौसेना के वाईस एडमिरल अतुल कुमार जैन ने यह इशारा दिया था कि, हिंद महासागर में उभर रहे खतरों का मुकाबला करने के लिए भारत सज्जित हो। इस पृष्ठभूमि पर हो रही इस बैठक को बड़ी अहमियत प्राप्त हो रही है।

इसी बीच वर्णित बैठक में भारतीय नौसेना के मिशन सागर और ऑपरेशन समुद्र सेतू की भी रक्षामंत्री ने सराहना की। मिशन सागर के तहत नौसेना ने कोरोना वायरस के संकट में हिंद महासागर क्षेत्र के देशों तक सहायता पहुँचाई थी। तभी ‘ऑपरेशन समुद्र सेतू’ के तहत नौसेना ने ईरान और मालदीव में फंसे पड़े चार हज़ार भारतीय नागरिकों को सहिसलामत स्वदेश लाया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published.