रेलवे की सुरक्षा के लिए ‘ड्रोन्स’ का इस्तेमाल

मुंबई – रेल स्थानक, रेल यार्ड, फैक्टरीज्‌ जैसे रेल की सम्पत्ति की सुरक्षा के लिए और इन पर नज़र रखने के लिए मध्य रेल के मुंबई विभाग ने दो ‘निन्जा ड्रोन्स’ खरीद किए हैं। सुरक्षा के लिए तैनात कर्मियों की क्षमता बढ़ाने के लिए और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के उद्देश्‍य से रेल प्रशासन ड्रोन्स का इस्तेमाल कर रहा है। रेल की सुरक्षा के लिए आरपीएफ जल्द ही और १७ ड्रोन्स की खरीद करेगा।

‘ड्रोन्स’

मुंबई में मध्य रेल के मार्ग पर बड़ी संख्या में यात्री और कार्गो ट्रेन की आवाजाही होती है। इसकी वजह से सीमित सुरक्षाकर्मियों के साथ कई जगहों पर सुरक्षा व्यवस्था रखने में कई बार मुश्‍किलें आती हैं। ऐसे में ड्रोन्स का इस्तेमाल करने का निर्णय किया गया है। सुरक्षा के साथ रेल विभाग की सम्पत्ति पर हो रहा अतिक्रमण भी चिंता का कारण बना है और इस पर लगाम लगाने के लिए सम्पत्ति का मैपिंग करने के लिए ड्रोन्स का इस्तेमाल किया जाएगा। रियल टाईम ट्रैकिंग, वीडियो स्ट्रीमिंग करने के लिए आवश्‍यक क्षमता यह निन्जा ड्रोन्स रखते हैं। यह ड्रोन्स दो किलोमीटर के दायरे में २५ मिनिटों तक उड़ान भर सकते हैं। यह ड्रोन्स २ किलो भार के साथ भी उड़ान भर सकते हैं।

‘ड्रोन्स’

रेलवे की सुरक्षा के लिए ड्रोन्स का इस्तेमाल बढ़ाने का निर्णय आरपीएफ ने किया है और अब तक ३१.८७ लाख रुपए खर्च करके दक्षिण-पूर्व, मध्य रेलवे, मॉडर्न कोच फैक्टरी, रायबरेली और दक्षिणी-पश्‍चिमी रेलवे के लिए नौं ड्रोन्स की खरीद की गई है। इसके अलावा जल्द ही और १७ ड्रोन्स खरीद करने का प्रस्ताव है। रे्लवे की सम्पत्ति और यार्ड, कारशेड पर नज़र रखने के लिए ड्रोन्स का इस्तेमाल करना आसान होगा, रेलवे के इलाके में हो रहा जुआ, कूड़ा फेंकने की घटना, फेरिवालों से हो रही बिक्री को रोकने के लिए भी यह यंत्रणा उपयुक्त साबित होगी। कम मनुष्यबल का प्रयोग करके अधिक से अधिक जगह पर नज़र रखने के लिए ड्रोन्स का इस्तेमाल अहम और कम खर्च का होने की बात सामने आ रही है।

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