येमन के मरिब में हुए संघर्ष में ४७ लोगों की मौत – सऊदी और अरब देशों के हवाई हमले

yemen-maribदुबई – येमन के मरिब शहर पर कब्ज़ा करने के लिए, सऊदी अरब का समर्थनप्राप्त येमन का लष्कर और हाउथी बागी इनमें जारी संघर्ष में ४७ लोगों की मौत हुई। पिछले तीन दिनों से मरिब पर कब्ज़ा करने के लिए घनघोर खूनखराबा शुरू हुआ होकर उसमें १७० लोग मारे गए हैं। मरिब में जारी यह संघर्ष अगर नहीं रुका, तो लाखों विस्थापितों के सामने भयंकर समस्या खड़ी होगी, ऐसा संयुक्त राष्ट्र संघ ने जताया है।

येमन के उत्तरी ओर का मरिब यह एक ईंधनसंपन्न प्रदेश के रूप में जाना जाता है। यह प्रदेश येमन की सऊदीसमर्थक सरकार के कब्ज़े में है। इस कारण येमन के इस सबसे अहम शहर पर कब्ज़ा करने के लिए, पिछले दो महीनों से हाउथी बागियों द्वारा हमले शुरू हैं।

इससे पहले ही हाउथियों ने राजधानी सना पर कब्ज़ा किया होकर, मरिब पर कब्ज़ा हाउथियों के सामर्थ्य में बढ़ोतरी करनेवाला साबित हो सकता है। वहीं, यह प्रदेश हथियों के कब्जे में ना जाएँ, इसके लिए सऊदी अरब और अरब मित्र देशों ने हवाई हमलों के जरिए येमन के लष्कर की सहायता शुरू की है।

पिछले चौबीस घंटों में मरीब प्रांत में भड़के संघर्ष में २० जवानों की मृत्यु हुई और २७ हाउथी बागी ढेर हुए। इस संघर्ष में येमन का लष्कर और हाउथियों ने तोपों का इस्तेमाल किया। इससे पहले शुक्रवार के संघर्ष में ५३ और शनिवार के संघर्ष में ७० लोग मारे गए थे।

yemen-maribमरिब प्रांत के कस्सारा, अल-मशजा और जबल मुराद शहरों में बड़ा संघर्ष शुरू होने की खबरें सामने आ रही है। इस संघर्ष में हाउथी बागियों के वाहन, टैंक्स और तोपें नष्ट कीं होने का दावा येमन के लष्कर ने किया है।

राजधानी सना से १२० किलोमीटर की दूरी पर होने वाले मरीज में जारी इस संघर्ष पर, पिछले महीने में ही संयुक्त राष्ट्र संघ ने चिंता ज़ाहिर की थी। यहाँ के संघर्ष में हाउथियों किए हमलों में शरणार्थियों की मृत्यु हुई थी। पिछले छः सालों से येमन में जारी संघर्ष के कारण विस्थापित हुए कम से कम २० लाख लोगों ने मरिब में आश्रय लिया है।

इन विस्थापितों के लिए मरिब में १४० जगहों पर शिविरों का निर्माण किया गया है। ऐसी परिस्थिति में, ईंधनसंपन्न मरिब पर कब्ज़ा करने के लिए जारी संघर्ष यहाँ के विस्थापितों की समस्या और भी गंभीर बनाएगा, ऐसी चेतावनी संयुक्त राष्ट्र संघ दे रहा है।

yemen-maribइसी बीच, पिछले महीने में सऊदी अरब ने येमन में जारी संघर्ष रोकने के लिए हाउथी बागियों को संघर्ष बंदी का प्रस्ताव दिया था। लेकिन हाउथियों ने इस प्रस्ताव को ठुकराकर, सऊदी पर बैलिस्टिक क्षेपणास्त्र और ड्रोन के हमले जारी रखे हैं। अमरीका के बायडेन प्रशासन ने हाउथी बागियों को आतंकवादियों की सूची से हटाकर सऊदी पर दबाव बढ़ाया था। उसके बाद सऊदी बागियों की आक्रामकता में अधिक से अधिक बढ़ोतरी होती जा रही है।

हर दिन हाउथियों द्वारा सऊदी के शहर, हवाई अड्डे, लष्करी अड्डे और ईंधन प्रोजेक्ट्स पर हमले किए जाते हैं। सऊदी ने हाउथियों के इन हमलों का सफलतापूर्वक सामना किया है। लेकिन हाउथियों का एकाद हमला भी यदि कामयाब साबित हुआ, तो उसमें से भयंकर दुर्घटना हो सकती है। उसके बाद हाउथी बागियों के विरोध में सऊदी का संघर्ष अधिक ही उग्र होने की गहरी संभावना है।

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