केंद्रीय मंत्री गडकरी के हाथों हुआ मणिपुर के राजमार्ग की १३ परियोजनाओं का उद्घाटन

नई दिल्ली – केंद्रीय सड़क और राजमार्ग मंत्री नितीन गडकरी ने सोमवार के दिन वीडियो कान्फरन्सिंग के ज़रिए राजमार्ग की 13 परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इसके लिए तीन हज़ार करोड़ रुपयों का प्र्रावधान किया गया है। इस परियोजना के ज़रिए मणिपुर में 316 किलोमीटर दूरी के रास्तों का निर्माण होगा। ईशान्य राज्यों में विकास और भारत की ‘ऐक्ट ईस्ट नीति’ के नज़रिए से यह परियोजना काफी अहम है।

Manipurसोमवार के दिन आयोजित किए गए इस वर्च्युअल कार्यक्रम के दौरान ईशान्य राज्यों के विकास के लिए नियुक्त किए गए डॉ.जितेंद्र सिंह, सड़क यातायात और राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल वी.के.सिंह, मणिपुर के मुख्यमंत्री बिरेन सिंह उपस्थित थे। प्रधानमंत्री मोदी के आदेशों के अनुसार ईशान्य के राज्यों का विकास किया जा रहा है। वहां पर बुनियादी सुविधाओं का निर्माण कार्य जारी है, यह बयान गडकरी ने इस दौरान किया। मणिपुर की राजमार्ग परियोजना इसी का एक अंग होने की बात उन्होंने आगे कही। मणिपुर में यह शुरूआत हो रही है। भविष्य में इस राज्य में 16 हज़ार करोड़ रुपयों के अतिरिक्त नई परियोजनाएं शुरू होंगी, यह अहम जानकारी भी गडकरी ने इस दौरान साझा की।

तभी मणिपुर में 13 राजमार्गों का निर्माण कार्य पूरा होने पर कनेक्टिविटी बढ़ेगी। यहां की बुनियादी सुविधाओं का विकास होगा। मणिपुर राज्य सामाजिक और आर्थिक नज़रिए से सक्षम होगा। रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे, यह विश्‍वास मणिपुर के मुख्यमंत्री ने व्यक्त किया। नागालैण्ड के कोहिमा से मणिपुर के इंफाल तक 2,663 करोड़ रुपए खर्च करके 106.5 किलोमीटर दूरी के चार लेन के राजमार्ग का निर्माण होगा। इंफाल से जिरानेब के बीच 5,425 करोड़ रुपए खर्च करके 225 किलोमीटर दूरी का चार लेन का राजमार्ग एवं ‘एन 129-ए’ पर 1,765 करोड़ रुपए खर्च करके दो लेन के मार्ग का निर्माण कार्य होगा। इन परियोजनाओं से मणिपुर का विकास होगा और साथ ही आग्नेय एशियाई देशों से जुडना भी आसान होगा। मणिपुर के मुख्यमंत्री ने इन परियोजनाओं को लेकर प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया और ‘ऐक्ट ईस्ट परियोजना’ की सराहना की।

इसी बीच, ईशान्य भारत अब ‘आग्नेय एशियाई देशों’ का प्रवेशद्वार है। इस कारण ईशान्य के राज्यों में विकास होने पर भारत की ‘ऐक्ट ईस्ट’ नीति को गति प्राप्त होगी। ऐसी स्थिति में मणिपुर की परियोजनाओं की अहमियत बनती है। मणिपुर के साथ बीते कुछ वर्षों से ईशान्य के अन्य राज्यों में भारत ने बड़ी मात्रा में बुनियादी सुविधाओं का निर्माण किया है। इसे प्राथमिकता भी दी है। इसकी वजह से अन्य राज्य ईशान्य के राज्यों से जुड़ गए है।

इसी बीच, जुलाई महीने में उत्तराखंड में बादल फटने से और भूस्खलन होने की वजह से चीन की सीमा के करीबी क्षेत्र में अहम पुल टूट गया था। ‘बॉर्डर रोड़ ऑर्गनायझेशन’ (बीआरओ) ने रिकॉर्ड समय में कई चुनौतियों का मुकाबला करके 180 फीट के इस पुल का दुबारा निर्माण किया था। इससे 20 गांवों के 15 हज़ार लोगों को लाभ होगा। साथ ही इसकी वजह से भारतीय सेना को चीन की सीमा के करीब गतिविधियां करना आसान होगा।

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