हारे हुए मालिकों के गुलाम लड़ नहीं सकते – अफ़गान सरकार को तालिबानी कमांडर का इशारा

taliban-commando-afghan-1काबुल – ‘तालिबान को इस धरती से नष्ट करेंगे, यह विचार घमंड़ी अमरीका रखती थी। लेकिन, तालिबान ने अमरीका और उसके सहयोगियों को पराजित किया। अमरीका जब यहां से पूरी तरह से पीछे हट जाएगी, उसके बाद अफ़गान सरकार पांच दिन भी टिक नहीं सकेगी। हारे हुए मालिकों के गुलाम तालिबान से लड़ नहीं सकते’, ऐसी धमकी तालिबान के वरिष्ठ कमांडर मुल्ला मिसबाह ने दिया है। इस वजह से अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा करने के लिए तालिबान जोरदार लष्करी बढ़त बनाने की तैयारी में जुटी होने की बात दिख रही है। बीते कुछ दिनों में तालिबान के हमलों की तीव्रता काफी मात्रा में बढ़ी है और इस वजह से सेना वापसी का ऐलान करने के बाद अमरीका ने भी इस वापसी की गति कम करने के संकेत दिए हैं।

तालिबान ने दो दिन पहले ही अफ़गान-ताजिकिस्तान सीमा पर स्थित शीर खान बंदार चौकी पर कब्ज़ा किया। एक घंटे तक चले संघर्ष के बाद वहां पर तैनात १३४ अफ़गान सैनिक वहां से भाग निकलने की खबरें प्राप्त हुई हैं। इसी दौरान कुछ अफ़गान सैनिकों ने जान के ड़र से सुरक्षित आश्रय लेने के उद्देश्‍य से ताजिकिस्तान की सीमा पार की है, यह जानकारी एक लष्करी अफसर ने अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्था से साझा की।

तालिबान के प्रवक्ता ज़बिहुल्ला मुजाहिद ने इस हमले का ब्यौरा साझा करते हुए यह ऐलान किया कि, शीर खान बंदार सीमा चौकी का कब्ज़ा आगे से तालिबान के हाथों में ही रहेगा। तभी अफ़गानिस्तान के गज़नी प्रांत पर कब्ज़ा करनेवाला तालिबान के वरिष्ठ कमांडर मुल्ला मिसबाह ने अफ़गान सेना को धमकाया। तालिबान के सामने हार स्वीकारने के बाद अमरीका पीछे हट रही है, यह दावा भी मुल्ला मिसबाह ने किया।

taliban-commando-afghan-2‘अमरीका की सेना वापसी होने के बाद अफ़गानिस्तान में जल्द ही तालिबानी हुकूमत स्थापित होगी। क्योंकि, जिस दिन अमरीकी सेना की वापसी पूरी हो जाएगी उसके बाद अफ़गान सेना अगले पांच दिन भी तालिबान के सामने टिक नहीं पाएगी’, यह दावा मुल्ला मिसबाह ने किया। साथ ही तालिबान के साथ संघर्ष करके जान गंवाने से बेहतर है कि अफ़गान सैनिक तालिबान की शरण में आएं, यह सुझाव मिसबाह ने दिया है।

इसी बीच तालिबान ने मई से अब तक अफ़गानिस्तान के ५० से अधिक जिलों पर कब्ज़ा किया है और यह बात चिंताजनक होने का बयान राष्ट्रसंघ के विशेषदूत डेबोरा लियॉन्स ने किया है। अमरीका और नाटो सेनाओं की वापसी के ऐलान के बाद तालिबान के हमलों में बढ़ोतरी होने की बात पर भी लियॉन्स ने ध्यान आकर्षित किया है।

तालिबान को प्राप्त हुई सफलता अल्पकालीन है और जल्द ही अफ़गान सुरक्षा यंत्रणा तालिबान ने कब्ज़ा किए अड्डे दोबारा प्राप्त करने में कामयाब होगी, यह दावा अफ़गान सरकार कर रही है। रोज़ाना सौ से अधिक तालिबानी ढ़ेर करने का दावा अफ़गान रक्षा मंत्रालय कर रहा है। गुरूवार के दिन भी हेरात प्रांत में १३० तालिबानी आतंकियों ने आत्मसमर्पण का ऐलान अफ़गान यंत्रणाओं ने किया। लेकिन, अमरीका की वापसी के बाद अगले छह महीनों में अफ़गानिस्तान की सरकार टूट जाएगी और अफ़गानिस्तान पर तालिबानी हुकूमत स्थापित होगी, यह दावा अमरिकी गुप्तचर यंत्रणाओं ने किया है।

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