चीन से मुकाबला करने के लिए खड़ा होना पडेगा – विदेशमंत्री एस.जयशंकर

एस.जयशंकरनई दिल्ली – चीन सीमा की स्थिति और चीन के द्विपक्षिय संबंधों को अलग करके देखना संभव नहीं है। सीमा पर चीन की जारी हरकतों का असर चीन के साथ हो रहे व्यापार पर होना सहज है, इन स्पष्ट शब्दों में विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने चेतावनी दी है। साथ ही भारत को चीन का मुकाबला करने के लिए खड़ा होना ही पडेगा, यह कहकर उन्होंने चीन को कड़ी चेतावनी दी है। सीमा पर बने तनाव के मुद्दे पर भारत और चीन के वरिष्ठ अधिकारियों की अगले चरण की चर्चा शुरू होने से पहले विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने यह इशारा देकर चीन पर बनाया दबाव भारत कम नहीं करेगा, यह संकेत दिए हैं।

लद्दाख में भारत और चीन में बने तनाव को अब 90 दिन बीत चुके हैं और यह तनाव कम करने के लिए पांचवे चरण की चर्चा हो रही है। इससे पहले हुई चर्चा के दौरान चीन ने पैन्गॉन्ग त्सो क्षेत्र के फिंगर 4 और फिंगर 8 से अपने सैनिक हटाने का वादा किया था। लेकिन, हमेशा की तरह चीन ने यह वादा निभाने की ज़गह दगाबाज़ी की है। इस कारण पांचवे चरण की यह चर्चा पहले रद की गई थी और अब रविवार से इस चर्चा की शुरूआत की गई है।

पैन्गॉन्ग त्सो के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए चीन तैयार ना होने की बात पहले ही स्पष्ट हो चुकी है। इस वजह से पैन्गॉन्ग त्सो के इलाके में मौजूद चीन की तैनाती सबसे बड़ा विवाद का मुद्दा बना हुआ है। भारत ने भी कहा पैन्गॉन्ग त्सो के मुद्दे पर चर्चा किए बिना किसी अन्य मुद्दे पर चर्चा नहीं करेंगे और चीन को इस क्षेत्र से अपने सैनिक पीछे हटाने ही होंगे। यह बात चीन के सामने ड़टकर रखी गई है।

एस.जयशंकर

इस कारण यह बैठक शुरू होने से कुछ घंटे पहले विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने एक समाचार पत्र को दिए साक्षात्कार में चीन को दिए इस इशारे की अहमियत बनती है। बीते तीन दशकों से सीमा पर शांति बनी रहेगी, इसी विचार से भारत ने चीन के संबंध सामान्य करने पर ज़ोर दिया। यह सरकार की नीति का हिस्सा था। इसी वजह से सीमा पर बनी स्थिति और भविष्य में दोनों देशों के संबंधों को अलग करके देखना संभव नहीं होगा, यह बात विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने रेखांकित की। चीन की बराबरी करना आसान नहीं है। लेकिन यह कसौटी का अवसर है और भारत को मुकाबले के लिए तैयार रहना ही होगा, यह बयान विदेशमंत्री ने दिया है।

साथ ही सीमा पर बने विवाद का असर ब्योपार पर होगा, यह ज़ाहिर है, यह बात भी एस.जयशंकर ने स्पष्ट की। दो दिन पहले भारत में नियुक्त चीन के राजदूत सन वेईडोन्ग ने यह दावा किया था कि, ‘दोनों देशों के व्यापारी संबंध ज़बरन तोड़ने की कोशिश होने पर दोनों देशों को इससे बड़ा नुकसान भुगतना पडेगा।’ इस पृष्ठभूमि पर भी विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने चीन को खड़े बोल सुनाए हैं।

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