ट्रम्प की धमकी के बाद ‘डब्ल्यूएचओ’ द्वारा कोरोना की स्वतंत्र तहकिक़ात की घोषणा

वॉशिंग्टन,  (वृत्तसंस्था) – अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने, ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनायझेशन’ यानी ‘डब्ल्यूएचओ’ चीन के हाथ की कठपुतली बना है, ऐसी आलोचना करके इस संगठन की निधि स्थायी रूप में रोकने की धमकी दी है। इस धमकी की पृष्ठभूमि पर, ‘डब्ल्यूएचओ’ ने कोरोना महामारी की स्वतंत्र तहकिक़ात करने की माँग का स्वीकार किया है। इस कारण, चीन के इशारों पर काम करनेवाला ‘डब्ल्यूएचओ’ फिलहाल तो अमरीका के साथ आंतर्राष्ट्रीय समुदाय के दबाव के आगे झुका हुआ दिखायी दे रहा है।

कोरोना महामारी के मुद्दे पर चीन तथा ‘डब्ल्यूएचओ’ को लगातार लक्ष्य करनेवाले अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने सोमवार को नया हमला किया। ” ‘डब्ल्यूएचओ’ यह चीन के हाथ की कठपुतली है। उन्होंने हमेशा चीन के ही पक्ष में काम किया होकर, हमें बहुत ही बुरे मशवरें दिये हैं”, ऐसा आरोप ट्रम्प ने किया। यह हमला करने के बाद राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने पत्र के द्वारा ‘डब्ल्यूएचओ’ को नयी धमकी भी दी।

‘डब्ल्यूएचओ’ के प्रमुख टेड्रॉस घेब्रेयेसुस को लिखे पत्र में ट्रम्प ने, संगठन में ३० दिनों के अन्दर महत्त्वपूर्ण सुधार करायें, ऐसी माँग की है। यदि ये सुधार ना करायें, तो अमरीका ‘डब्ल्यूएचओ’ का फंडिंग हमेशा के लिए बंद कर देगी और इस संगठन से विदा लेगी, इन शब्दों मे अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने धमकी दी। अमरीका ‘डब्ल्यूएचओ’ को पूरे ४० करोड़ डॉलर्स से अधिक निधि देती है; वहीं, चीन ज़्यादा से ज़्यादा ८ करोड डॉलर्स, ऐसा कहकर ट्रम्प ने नाराज़गी ज़ाहिर की थी।

टेड्रॉस और ‘डब्ल्यूएचओ’ ने लगातार की हुईं बड़ी ग़लतियों की बड़ी क़ीमत दुनिया को चुकानी पड़ी, ऐसा आरोप भी ट्रम्प ने अपने पत्र में किया है। अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष से एक के बाद एक किये गए इन हमलों की पृष्ठभूमि पर, ‘डब्ल्यूएचओ’ ने सोमवार को ‘कोरोना’ महामारी के स्वतंत्र तहकिक़ात करने की माँग को मान्यता दी है। तब, कोरोना महामारी के हॅंडलिंग में कुछ कमियाँ रह गयीं होने की कबुली भी ‘डब्ल्यूएचओ’ ने दी।

इसी बीच, अमरीका के साथ साथ आंतर्राष्ट्रीय समुदाय से भी, चीन और ‘डब्ल्यूएचओ’ में मिलीभगत होने के आरोप हो रहे हैं और वहाँ चीन ने ‘डब्ल्यूएचओ’ को पूरे दो अरब डॉलर्स की सहायता देने की घोषणा की है।

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