अमरीका द्वारा चीन के प्रवासी विमानों पर पाबंदी की घोषणा

वॉशिंग्टन/बीजिंग – अमरीका ने चीन में जानेवाले और चीन से आनेवाले प्रवासी विमानों की यातायात पर पाबंदी की घोषणा की है। कोरोना महामारी की पृष्ठभूमि पर बंद हुई विमान यातायात शुरू करने के लिए अमरीका की दो प्रवासी विमान कंपनियों ने चीन के पास अनुमति माँगी थी। लेकिन चीन ने अनुमति नकारने के कारण अमरीका ने कार्रवाई के तौर पर चीन के विमानों पर पाबंदी के आदेश दिये हैं। अमरीका का यह फ़ैसला दोनों देशों के बीच का तनाव अधिक ही बढ़ानेवाला साबित हुआ है।china passenger planes

चीन में से शुरू हुई कोरोनावायरस महामारी की पृष्ठभूमि पर अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के ख़िलाफ़ पूर्णरूप से प्रवासबंदी के आदेश दिये थे। इस कारण अमरीका की यात्री विमान कंपनियों ने चीन में जानेवाले और चीन से आनेवाले प्रवासी विमानों की उड़ानों को पूरी तरह रोक़ दिया था। महामारी की पृष्ठभूमि पर, चीन के प्रवासी विमानों की यातायात पूरी तरह रोकनेवाला अमरीका यह पहला देश साबित हुआ था। ट्रम्प के फ़ैसले पर उस समय चीन ने ज़ोरदार आलोचना की थी। लेकिन दुनियाभर में फ़ैली कोरोना की महामारी से, ट्रम्प ने उस समय किया फ़ैसला सही था यह साबित हुआ था।

कोरोना महामारी के कारण ठप पड़ गये व्यवहार पुन: शुरू करने के लिए दुनिया के विभिन्न देश प्रयास कर रहे हैं। उसी के एक भाग के रूप में, प्रवासी विमानों की यातायात चालू करने की गतिविधियाँ जारी हैं। इसीके तहत अमरीका की ‘डेल्टा’ तथा ‘युनायटेड’ इन दो प्रवासी विमान कंपनियों ने सरकार के पास उड़ानें शुरू करने की इजाज़त माँगी थी। लेकिन चीन की यंत्रणा ने, विदेशी विमान कंपनियों के संदर्भ में बनाये गए नये नियमों का कारण बताते हुए अभी भी अमरिकी कंपनियों को अनुमति नहीं दी है।us china flag

चीन की चार प्रवासी विमान कंपनियों को अमेरीका में अनुमति होते हुए, अमरिकी कंपनियों को अनुमति नकारना, यह ‘एअर ट्रान्स्पोर्ट एग्रीमेंट’ का भंग साबित होता है, ऐसा आरोप अमरीका के ट्रान्सपोर्टेशन डिपार्टमेंट ने किया है। चीन की आततायी नीति के प्रत्युत्तर के रूप में अमरीका ने भी चिनी कंपनियों को, अमरीका में प्रवास करने की मनाही करने की घोषणा की है। यह पाबंदी १६ जून से लागू होनेवाली है, ऐसा हालाँकि बताया जा रहा है, फिर भी यदि राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने आदेश दिए, तो उससे पहले भी पाबंदी पर अमल किया जा सकता है, ऐसी जानकारी अमरिकी अफ़सरों ने दी।

ट्रम्प प्रशासन का यह नया फ़ैसला चीन के ख़िलाफ़ जारी आक्रमक व्यापारी और राजनैतिक संघर्ष का भाग है। कोरोना महामारी की पृष्ठभूमि पर, अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने सभी ओर से चीन पर दबाव बनाने की कोशिशें शुरू कीं हैं। चीन यदि पीछे नहीं हटा, तो ज़रूरत पड़ने पर चीन से संबंध तोड़ने जैसा आत्यंतिक कदम भी अमरीका उठा सकती है, यह प्रवासी विमान कंपनियों पर लगायी पाबंदी के फ़ैसले से साफ़ साफ़ दिखायी दे रहा है।

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