अमरीका के विदेशमंत्री की तालिबान को चेतावनी

वॉशिंग्टन – ‘तालिबान २९ फ़रवरी को हुए शांतिसमझौते का पालन करें और अफगानिस्तान में अमेरिकन्स पर हमला ना करें’, ऐसी चेतावनी अमरीका के विदेशमंत्री माईक पॉम्पिओ ने दी। सोमवार रात को विदेशमंत्री पॉम्पिओ ने क़तार में तालिबान के प्रतिनिधि मुल्लाह बरदार के साथ व्हिडिओ कॉन्फरन्स के माध्यम से चर्चा की। इस समय पॉम्पिओ ने तालिबान को शांतिसमझौते की शर्तों की याद दिलाई। इस चर्चा के कुछ ही घंटे पहले अफगानिस्तान में हुए बमविस्फोट एवं मार्टर्स हमले में २३ लोगों की मृत्यु हुई। तालिबान और अफगानी लष्कर एक-दूसरे पर इस हमले के आरोप कर रहे हैं। उसी समय, तालिबान में दरार पैदा हुई है और उनमें से एक गुट ने अफगानिस्तान में भयंकर हमलों का सिलसिला शुरू किया होने की खबर है।

USA-Taliban२९ फ़रवरी को कतार के दोहा में तालिबान और अमरीका में शांतिकरार संपन्न हुआ था। इस समझौते के अनुसार तालिबान ने अफगानिस्तान में हमले रोकने की बात मान ली थी। लेकिन इस समझौते के कुछ ही घंटे बाद तालिबान ने अफगानिस्तान में ख़ूनख़राबा शुरू किया। कुछ समय पहले, तालिबान ने एक ही हफ़्ते में अफगानी सुरक्षा बलों पर ४२२ हमलें कर २९१ अफगानी जवानों को मार दिया था। आज भी अफगानिस्तान में तालिबान का हमलों का सिलसिला जारी है। इस पृष्ठभूमि पर, विदेशमंत्री पॉम्पिओ ने तालिबान को शांतिसमझौते से जुड़े रहने की चेतावनी दी। तालिबान अफगानिस्तान में अमेरिकन्स पर हमलें ना करें; साथ ही, अफगानी भूमि का इस्तेमाल अन्य किसी को भी करने ना दें। शांतिसमझौते में तालिबान ने, अफगानी भूमि का इस्तेमाल अल-कायदा इस आतंकवादी संगठन को करने नहीं देंगे, ऐसा क़बूल किया था। विदेशमंत्री पॉम्पिओ ने इसकी याद दिला दी।

तालिबान अमरीका के ख़िलाफ़ हमलें नहीं करेगा, ऐसा आश्वासन तालिबान का प्रतिनिधी बरदार ने इस समय विदेशमंत्री पॉम्पिओ को दिया। साथ ही, समझौते के अनुसार, तालिबान अफगानिस्तान की भूमि का इस्तेमाल अमरीका और अन्य किसी भी देश के ख़िलाफ़ नहीं करेगा, ऐसा बरदार ने आगे कहा। इसी बीच, अमरीका ने अफगानिस्तान के लिए नियुक्त किये विशेषदूत झल्मे खलिलझाद क़तार दौरे पर होकर, वे पाकिस्तान का भी दौरा करनेवाले हैं। इस समय अफगानिस्तान के बारे में चर्चा होनेवाली है।

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