वॉर्डन क्लिफ टॉवर

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डॉ. टेसला ने कोलोरॅडो स्प्रिंग्ज से न्यूयार्क लौटने पर सेंच्युरी मॅगज़िन में एक विलक्षण भविष्य की उड़ान भरने वाला लेख लिखा| इस लेख में सूर्य की ऊर्जा अर्थात सौर ऊर्जा अँटिना की सहायता से कैसे प्राप्त की जा सकती है, इस बात का विस्तृत उल्लेख किया था| उसमें डॉ. टेसला ने विद्युत् ऊर्जा के जोर पर हवामान नियंत्रित किया जा सकता है, इस बात की संभावना व्यक्त की थी| उन्होंने कहा कि उन्हें अवकाश से कुछ अतिरिक्त संदेश लहरें प्राप्त हुई थीं| वे परग्रहवासियों की ओर से आयी होंगी ऐसा डॉ. टेसला को लगता था| डॉ. टेसला ने इस लेख में युद्ध होने ही नहीं देंगे, ऐसे कुछ अतिप्रगत यंत्रों का उल्लेख किया था| बहुतों को ये कल्पना बेहुदा लग सकती है, लेकिन जानकार डॉ.टेसला के विचार एवं उनकी संकल्पनाओं को बड़ी गंभीरता से लेते थे|

इस लेख ने दुनिया के सबसे सामर्थ्यशाली व्यक्ति के रुप में जाने-पहचाने जाने वाले का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया| और वे व्यक्ति थे अमरीका के सर्वत्र उद्योग को अपने तक समेटने का स्वप्न देखनेवाले जे.पी.मॉर्गन| इस लेख के प्रदर्शित होने पर जे.पी.मॉर्गन ने डॉ.टेसला के साथ संपर्क स्थापित किया|

डॉ.टेसला ने बिलकुल विज्ञान कथा में सुशोभित हो इस प्रकार की योजना मॉर्गन के सामने प्रस्तुत किया| और यह योजना थी, ‘वर्ल्ड सिस्टीम ऑफ वायरलेस कम्युनिकेशन्स’| इस यंत्रणा के माध्यम  से सात समुद्र पार से भी टेलिफोन संदेशों का वहन; समाचार, संगीत, शेअर बाजारों की जानकारी, विशेष संदेश, सुरक्षित सैन्य संदेश वहन एवं छायाचित्र ये सभी बातें दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने तक सहज ही संभव होनेवाला था| डॉ.टेसला के शब्दों में कहा जाये तो, इस ‘वर्ल्ड सिस्टीम ऑफ इंटेलिजन्ट ट्रान्समिशन’ में एक अनोखे वर्ल्ड रेडिओ सेंटर का समावेश था| इस सेंटर के माध्यम से आज की दुनिया में उपलब्ध होनेवाला, इंटरकनेक्टेड रेडिओ, टेलिफोन, नेटवर्क्स, सिंक्रोनाईज्ड टाईम सिग्नल्स, पॉकेट रिसिव्हर्स, प्रायव्हेट कम्युनिकेशन एवं प्रेस रेडियो सर्विस जैंसी सभी  सेवाएँ प्रस्तुत करना सहज संभव हो सकता था| ‘वायरलेस दुनियाभर में उपलब्ध हो जाने पर पृथ्वी का रुपांतर एक विशाल मस्तिष्क के रुप में हो गया होता; एक ऐसा मस्तिष्क जो उसके हर एक भाग को सहज ही प्रतिसात दे सके’, यह डॉ.टेसला ने मॉर्गन से कहा|

यह योजना सुनकर मॉर्गन के दिलो-दिमाग में यह विचार उठने लगा कि, डॉ.टेसलाके प्रस्तावित यंत्रणा पर पूर्णत: अधिकार स्थापित कर उससे अधिकाअधिक फायदा कैसे उठाया जा सकता है| अपने स्वप्न को साकार करने के लिए डॉ.टेसला को और भी अधिक बड़े टॉवर्स की किंबहुना दुनियाभर में टॉवर्स का जाल निर्माण करने की आवश्यकता महसूस होने लगी थी| उनकी इस योजना को जानकर मॉर्गन ने डॉ.टेसला को डेढ़ लाख डॉलर्स देना कबूल करके उसके बदले में उनके इस नये प्रकल्प में मॉर्गन को ५१ प्रतिशत हिस्सा देना होगा, यह मॉंग रखी| यह डेढ़ लाख डॉलर्स डॉ.टेसला को एक विशाल ट्रान्समिशन टॉवर्स एवं उर्जा प्रकल्प का निर्माण करने के लिए उपयुक्त साबित हो सकता था|

सच पूछा जाये तो उन्हें अपने इस प्रकल्प के लिए १० लाख डॉलर्स की ज़रूरत थी, परन्तु डॉ.टेसला ने मॉर्गन के पास से मिलनेवाली रकम को लेकर अपना काम शुरु कर दिया| मॉर्गन का उद्देश्य चाहे कितना भी स्वार्थी क्यों न हो परन्तु डॉ.टेसला को मात्र अपने वायरलेस सिस्टम से होनेवाला लाभ संपूर्ण जगत को मुफ्त में ही उपलब्ध करवाना था|

डॉ.टेसला का विशाल प्रकल्प अब आकार लेने लगा था| उन्होंने पहली बार मिलने वाले पैसों से शोरहॅम बंदरगाह के पासवाली कुल २०० एकड़ जमीन खरीद ली बाहरी दुनिया से दूर रहकर शांतिपूर्वक अपने संशोधन कार्य पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए यह स्थान अत्यन्त उपयुक्त था| इस भव्य दिव्य वॉर्डन क्लिफ टॉवर की ऊँचाई १८७ फुट थी| इस टॉवर के नीचे १२० फुट गहरी एवं १२ फुट चौड़ा कुआँ खोदा गया| इस सभी कार्य पर डॉ.टेसला ने बड़ी बारीकी से नज़र रखी थी| कुछ ही महीनों में इसी स्थान पर डॉ.टेसला की नयी प्रयोगशाला भी बन कर तैयार हो गई| इस टॉवर को बनाते समय बड़े-बड़े लकड़ी के खंभों का एवं स्टिल के रॉड्स उपयोग किया गया था| टॉवार के सर्वोच्च स्थान पर कुल ५५ टन वजन का, ६८ फुट का वर्तुलाकार आकार के कॉईल का डोम था| यह डोम इस भारी-भक्कम टेसला कॉईल की तरह बनने वाले टॉवर के ऊपर के तॉंबे के गोले का काम करने वाला था|

भविष्य को बदल देने वाली इन बातों की निर्मिति के लिए ही डॉ.टेसला ने व्यक्तिगत रूप में स्वयं ध्यान केन्द्रीत कर रखा था| यांत्रिक कार्य के अलावा वॉर्डनक्लिफ के अन्य निर्मिती कार्य की रचना स्टॅनफोर्ड व्हाईट इस वास्तु विशारद ने की थी|

यही एक टॉवर ‘वर्ल्डवाईड वायरलेस कम्युनिकेशन्स’ की अर्थात वैश्‍विक धरातल पार बिनातार के संदेशवहन करने वाली संपूर्ण यंत्रणा पर काबू पाने में सक्षम था| उसमें शब्द, आवाज एवं चित्र भी दुनिया के किसी भी कोने-कोने में भेजने की क्षमता थी| इतना ही नहीं बल्कि हवामान की गति नियंत्रित करने एवं मध्यरात्रि के समय भी आकाश को प्रकाशित कर देने जैसी बातें भी इसके कारण संभव होने वाली थीं| ऐसे ही किसी प्रदेश अथवा पूरे देश के चारों ओर ‘फोर्स फिल्ड’ अर्थात उर्जा का कवच तैयार करना, पृथ्वी के किसी भी दुर्गम स्थान पर, उस स्थान के अचूक अक्षांश रेखांश का मापन करके उस अचूक हिस्से पर इलेक्ट्रोमॅग्नेटीक एनर्जी केन्द्रीत करके वहॉं के लक्ष पर निशान साधने की क्षमता भी इस टॉवर में थी| उसी प्रकार रास्ते पर की गाड़ियॉं, समुद्र के जहाज़ एवं पणडुब्बियॉं इन सब को उर्जा मिलकर वे कार्यरत रहेंगे| इस मार्गानुसार बगैर वायर के दुनिया भर में विद्युत उर्जा का भार संवहन करना संभव था| आज ११४ वर्षों के बाद भी ये अतर्क्य लगने वाली बातें डॉ.टेसला के नये टॉवर द्वारा संभव होने वाली थीं|

डॉ.निकोल टेसला ने दुनिया के एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण बात की खोज़ की थी| बीसवी सदी के कुछ समय पहले घटित होनेवाली यह बात दुनिया की सर्वोच्च खोज़ साबित हुई होती! उनके कोलोरॅडो स्प्रिंग्ज के टॉवर ने पृथ्वी के गर्भ से प्रचंड प्रमाण में उर्जा प्राप्त करवाना संभव हो सकता है यह करके दिखा दिया था|

वातावरण में बिलकुल ऊँचाई पर आयनोस्फेअर के हिस्से से भी विद्युत उर्जा मिलना सहज संभव है यह डॉ.टेसला ने दिखा दिया था| समुद्र की नीचली सतह हो, बंदरगाह हो अथवा ऊँचा शिखर हो अथवा कोई भी दुर्गम भाग; बिलकुल कहीं भी हवा से बिजली प्राप्त करना सहज ही संभव था| यह संपूर्ण पृथ्वी पर निर्माण किया गया उर्जा के टॉवर्स का जाल अर्थात अखिल मानवजाति की जीवनवाहिनी ही बन गई होती|

डॉ.टेसला को इस बात का पूरा अहसास था कि अपने शोधकार्य से जनता अंधकारमय युग से बाहर निकलकर बहुत बड़े पैमाने पर प्रगति कर सकती है| आधुनिक काल के प्रतिभाशाली के रुप में अपनी पहचान रखने वाले डॉ.टेसला के समान संशोधन कर्ताने विज्ञान अथवा इलेक्ट्रिकल इंजिनियरिंग जैसे क्षेत्र दुनिया को कहॉं से कहॉं तक पहुँचा सकते हैं, इस बात की अलक दिखलाने का श्रीगणेश कर दिया था|

बीसवी सदी के आरंभ में ही मानवी समाजने डॉ.टेसला के मार्ग पर चलना शुरु किया होता तो, जो कुछ भी अद्भूतपूर्व प्रगति साध्य हुई होती, उससे वॉर्डनक्लिफ को मिलने वाली सफलता से संपूर्ण जगत का कायापालट हो चुका होता|

परन्तु ऐसा हो न सका!

वॉर्डनक्लिफ टॉवर कभी पूरा हुआ ही नहीं| आज १८७ फुट टॉवर का जो कुछ छायाचित्र देखने में आता है वह अपूर्ण अवस्था में हीं है|

डॉ.टेसला की संपूर्ण मानवी समाज को सबकुछ मुफ्त में देने की योजना है, यह बात धीरे-धीरे मॉर्गन के समझ में आने लगी| डॉ.टेसला द्वारा की गई  प्रगति के कारण उस समय में कार्यरत रहनेवाला विद्युतभार संवाहन का उद्योग पूर्णत: मिट्टी में मिल जाता| उसी प्रकार सभी कार्य वायरलेस इलेक्ट्रिसिटी पर चलने लगती तब इंधन का उपयोग बंद हो जाता और उससे होने वाले इतने बड़े लाभ पर पानी फिर जाता| इसी कारण उद्योगक्षेत्र के लॉबी पर नियंत्रण रखकर चलने वाले जे.पी.मॉर्गन का दिवाला निकल जाता| जे.पी.मॉर्गन को उर्जा के संपूर्ण व्यापार क्षेत्र पर अपना प्रभुत्त्व जमाना था और डॉ.टेसला की योजना बिलकुल उनके सोच के विरुद्ध दिशा की थीं|

इसीलिए मॉर्गन ने डॉ.टेसला के भविष्य की सारी योजनाओं को आर्थिक सहायता देना बंद कर दिया| मॉर्गन का प्रसार माध्यम पर नियंत्रण होने के कारण, उन्होंने डॉ.टेसला के कार्य को मिलनेवाली प्रसिद्धि बंद कर दी और उन्हें व्यवसाय से पूर्णरुप में बाहर कर देने का निश्‍चय कर लिया| आर्थिक सहायता न मिल पाने के कारण डॉ.टेसला को अपना सबसे बड़ा स्वप्न अधूरा छोड़ना पड़ा|

१९०५ में डॉ.टेसला ने अपने इस भव्य स्वप्न को, उससे मिलने वाले यश को कुछ समय के लिए रोक दिया|

परन्तु डॉ.टेसला के स्वप्न को पूर्णता प्रदान करने से रोकने के लिए सच में देखा जाये तो जे.पी.मॉर्गन ही जिम्मेदार थे कि डॉ.टेसला ने स्वयं ही अपना महत्त्वपूर्ण संशोधन कार्य गलत हाथों में न पड़े, और मानवी समाज में इसका गलत उपयोग न होने पाये इसीलिए उसे रोक देने का निश्‍चय कर लिया? सभी शहरों को विद्युतभार संवाहन किया जा सके, ऐसा यांत्रिक ज्ञान उन्हीं शहरों के विनाश के लिए भी उपयोग में लाया जा सकता था| मानवी समाज के सर्वांगिण प्रगति के लिए डॉ.टेसला द्वारा निर्माण किए गए शक्तिशाली इलेक्ट्रिकल टॉवर्सों के जाल गलत हाथों में यदि पड़ गया तब उसका उपयोग किसी भूभाग को नष्ट करने के लिए भी उपयोग में लाया जा सकता था| शायद डॉ.टेसला को संपूर्ण सृष्टि का विनाश किया जा सके इस प्रकार का शस्त्र तैयार करके उसे गलत व्यक्ति के हाथों में पड़ जाये ऐसा खतरा नहीं उठाना था, ऐसा भी कहा जाता है| अपने इस महत्त्वाकंक्षी योजना को बंद करते समय डॉ.टेसला को कैसा महसूस हुआ होगा यह भी देखना चाहिए|
डॉ.टेसला ने अपने आत्मकथा में इसके बारे में बिलकुल गिने-चुने शब्दों में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है| ‘‘कुछ खुदगर्ज़ लोगों को मेरी कोशिशों पर पानी फेरने का संतोष मैं कभी भी प्राप्त नहीं होने दूँगा| ऐसे लोग मेरी नज़रों में किसी बीमारी के विषाणु के समान हैं| मेरे प्रकल्प में नैसर्गिक नियमानुसार वत्यय आ गया होगा| कारण यह समय के अनुसार बहुत आगे की बात है| शायद दुनिया अभी इसके लिए परिपक्व अवस्था में नहीं हैं| परन्तु यह नैसर्गिक नियमों के साथ सुसंगत विज्ञान ही आखिरकार यशस्वी साबित होगा| और उसी को निर्णायक यशा प्राप्त होगा|’’

यहॉं पर हमें डॉ.टेसला के श्रद्धा एवं बलोत्कट इच्छाशक्ति का प्रत्यय मिलता है| मेरे चारों ओर घटित होने वाली हर एक बात भगवान की इच्छा से ही घटित हो रही है, इस बात पर उन्हें पूरा विश्‍वास था| और इसी कारण ईश्‍वर के प्रति उनकी दृढ़ श्रद्धा थी|

डॉ. टेसला का ‘वॉर्डनक्लिफ टॉवर’ अमरीका ने १९१७ में नष्ट तो कर दिया, परन्तु डॉ.टेसला ने उसके जरिये  जनहित की दृष्टि में  बहुत कुछ हासिल कर लिया था| भले ही यह टॉवर पूरा न हुआ हो, लेकिन इतना तो निश्‍चित है कि डॉ. टेसला की मेहनत बिलकुल भी बेकार नहीं गई|

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