सायबर हमलों की वजह से सच में युद्ध शुरू होगा – ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री का इशारा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरकैनबरा/बीजिंग – दुनिया के प्रमुख एवं प्रगत देशों के लिए इंटरनेट तथा सायबर सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील मुद्दा हुआ हैं और कोई भी सायबर हमला बड़े युद्ध के लिए जिम्मेदार हो सकता है, ऐसी गंभीर चेतावनी ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मारिस पेन ने दी है| फिलहाल दुनिया के अधिकतम देशों के सामने सायबर हमलों की समस्या होकर प्रस्थापित कानून एवं मानदंड की मर्यादा लांघकर सायबर हमले किए जा रहे हैं, ऐसा भी सूचित किया है| पिछले महीने में ऑस्ट्रेलिया के संसद एवं कई सदस्यों के यंत्रणा पर सायबर हमला होने की बात सामने आई थी| इसके पीछे चीन का हाथ होने का दावा गुप्तचर यंत्रणा ने व्यक्त किया था|

दुनिया भर में सायबर हमले करनेवाले हैकर्स प्रस्थापित कानून एवं मान्यता प्राप्त जागतिक मानदंड की मर्यादा लांघकर हमले कर रहे हैं| इस प्रकार का कोई सायबर हमला अगर संबंधित देशों से योग्य रूप से नहीं संभाला गया, तो मामला बिगड़कर उसका रूपांतर युद्ध में हो सकता है| सायबर क्षेत्र में एक ऐसा भाग है, जिसके विरोध में कार्रवाई नहीं हो सकती, पर बदकिस्मती से हमला करनेवाले उसका फायदा उठाने का प्रयत्न कर रहे हैं, ऐसी चेतावनी ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री ने दी है|

पिछले ४ वर्षों में ऑस्ट्रेलिया के सरकारी कंप्यूटर नेटवर्क पर ३ बड़े सायबर हमले हुए हैं| फरवरी महीने में संसदीय यंत्रणा पर हुए हमलों से पहले ऑस्ट्रेलियन सरकार के तापमान विभाग तथा सांख्यिकी विभाग के नेटवर्क पर सायबर हमले चढ़ाए गए थे| इन हमलो के पीछे चीन का हाथ होने का संदेह व्यक्त किया जा रहा था| पर चीन ने उनपर लगे यह आरोप ठुकराए थे|

२०१८ वर्ष में ऑस्ट्रेलिया के गुप्तचर प्रमुख डंकन लुईस और विदेश व्यवहार एवं व्यापार विभाग के सचिव फ्रांसिस ऐडम्स ने चीन से होनेवाले सायबर हमलों के बारे में गंभीर चेतावनी दी थी| चीन के साथ विविध मुद्दों पर हुए तनाव के बाद चीन सरकार का समर्थक गुट या यंत्रणा ऑस्ट्रेलिया पर बड़े सायबर हमले कर सकता है, इसकी तरफ गुप्तचर विभाग से ध्यान केंद्रित किया गया था| इस पृष्ठभूमि पर ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री ने सायबर हमलों का उल्लेख करके उसका संबंध पारंपारिक युद्ध से जोड़ना ध्यान केंद्रित करनेवाला ठहरा है|

दुनिया के अनेक प्रमुख देश एवं गुटों से सायबर हमले यह युद्ध की आगे जाकर रणभूमि होगी, ऐसे संकेत देकर उसके लिए तैयारी शुरू की है| अमरिका, इस्राइल, ब्रिटेन, रशिया जैसे देशों ने सायबर वेपंस विकसित करने की जानकारी सामने आ रही है|

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