रशियन विध्वंसक पर प्रतिद्वंद्वियों को भ्रमित करनेवाले ‘बीम वेपन’ तैनात

यह हथियार दुश्मन सैनिकों का स्वास्थ्य बिगाडने की क्षमता से लैस होने का भी दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर
मास्को/लंदन – रशिया के विध्वंसकों पर प्रतिद्वंद्वियों को भ्रमित करने वाली, शत्रु के सैनिकों की तबीयत खराब करने की क्षमता होने वाले ‘बीम वेपन सिस्टम’ तैनात किए गए हैं| कुछ ही दिनों पहले ब्रिटेन के पास के समुद्री क्षेत्र से यात्रा करने वाले रशियन विध्वंसक पर ‘फिलिन ५पी-४२’ नाम की प्रणाली तैनात करने की जानकारी ब्रिटिश समाचार माध्यमों ने दी हैं| यह प्रणाली ‘नाईट विजन’ प्रणाली की तरह हैं साथ ही ‘लेजर सेन्सर्स’ को निष्फल करनेवाली होने का दावा किया गया हैं| रशिया में तैनात की यह प्रणाली दूसरे महायुद्ध के समय में इस्तेमाल किए गए ‘व्हिज्युअल ऑप्टिकल इंटरफिअरन्स’ तंत्रज्ञान का उन्नत चरण होने की बात कही गयी है|

रशिया के ‘ऍडमिरल गोर्शकोव्ह’ इस उन्नत विध्वंसक ने हाल ही में ही ब्रिटेन के पास के समुद्री क्षेत्र से यात्रा की हैं| यह यात्रा जारी होते हुए खराब मौसम के कारण वर्णित विध्वंसक और उसके साथ होनेवाले तीन जहाज स्कॉटलंड के समुद्री क्षेत्र में रुके थे| ब्रिटेन के समुद्री क्षेत्र से बाहर निकलते हुए ब्रिटेन के ‘एचएमएस डिफेन्डर’ इस लड़ाकू जहाज ने रशियन बेड़े पर नजर रखी थीं| इसी अवधि में ब्रिटिश समाचार माध्यमों ने रशियन लड़ाकू जहाज पर तैनात किए ‘बीम वेपन सिस्टम’ की जानकारी दी हैं|

रशिया के ‘रॉस इलेक्ट्रॉनिका इस कंपनी ने ‘व्हिज्युअल ऑप्टिकल इंटरफिअरन्स’ तंत्रज्ञान का उपयोग होने वाली ‘फिलिन ५पी-४२’ प्रणाली विकसित की हैं| यह प्रणाली लगभग ५ किलोमीटर तक हमला करने की क्षमता रखती है, ऐसा दावा किया गया हैं और लड़ाकू जहाज पर उपयोग किये जानेवाले दूरबीन, लेजर सेंसर और मिसाइल के लिए उपयोग में आने वाले ‘एमिंग सिस्टम’ को प्रभावी करने की क्षमता इस प्रणाली में होने का बताया जाता हैं| वर्णित प्रणाली प्राथमिक रूप से रात को तथा भोर के समय में अधिक प्रभावी साबित होने का सूत्रों ने स्पष्ट किया हैं|

प्रतिद्वंद्वी देशों की प्रणाली निष्फल करने के साथ ही लड़ाकू जहाजों पर होने वाले सैनिकों को भी ‘फिलिन ५पी-४२’ लक्ष्य कर सकता हैं| इस प्रणाली से छोड़े गए उच्च क्षमता के प्रकाश के प्रहार से सैनिकों को चक्कर आना, जी मिचलाना जैसी परेशानी होने का खुलासा हुआ हैं| उसी समय सैनिक कुछ समय के लिए भ्रमित होने का, विचित्र अवस्था में घूमने का परीक्षण से प्रतीत हुआ हैं| वर्तमान में रशिया ने दो विध्वंसकों पर यह प्रणाली तैनात करते हुए और दो लड़ाकू जहाजों पर तैनात करने की प्रक्रिया शुरू है|

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