रशिया, चीन, ईरान और उत्तर कोरिया से अमरिका पर प्रगत सायबर हमलें होने की संभावना – अमरिकी सायबर कमांड के प्रमुख

Third World Warवॉशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समुद्री सामर्थ्य के लिए पहचाने जा रहे अमरिकी नौसेना की ही सायबर सुरक्षा गंभीर खतरे में आने का इशारा अमरिकी सुरक्षा यंत्रणा ने दिया है| कुछ दिनों पहले अमरिकी नौसेना के ‘एडमिरल’ स्तर के अधिकारियों को सायबर हमले का सामना करना पडा है| यह चौकानेवाली जानकारी उजागर होने की पृष्ठभूमि पर अमरिकी नौसेना ने यह इशारा दिया है| इस दौरान आनेवाले समय में रशिया, चीन, ईरान और उत्तर कोरिया से प्रगत तरीके से सायबर हमलें होने की संभावना होने का इशारा अमरिकी सायबर कमांड के प्रमुख जनरल पॉल नॅकासोन इन्होंने दिया है| साथ ही इन सायबर हमलों का सामना करने के लिए अमरिकी सायबर कमांड तैयार होने का भरोसा जनरल नॅकासोन इन्होंने व्यक्त किया है|

अमरिका में प्रशासकिय और लष्करी यंत्रणा एवं निजी कंपनीयों पर सायबर हमलें होने की तादाद में बढोतरी हुई है| कुछ ही दिन पहले अमरिकी नौसेना ने प्रसिद्ध किए अंतर्गत सुरक्षा विषयक अहवाल में इस सायबर हमले के बारे में जानकारी दी गई है| कुछ हफ्तें पहले अमरिकी नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों को सायबर हमलों से लक्ष्य किया गया था| अमरिकी संरक्षण मुख्यालय पेंटॅगॉन से सूचना प्राप्त होने से पहले ही इस जानकारी की चोरी होने की घटना सामने आयी थी| अमरिकी नौसेना के एडमिरल स्तर के लगभग २२ अधिकारियों के बारे में यह घटना हुई है|

रशिया, चीन, ईरान, उत्तर कोरिया, अमरिका, प्रगत, सायबर हमलें, संभावना, अमरिकी सायबर कमांड, प्रमुख, अमरिकी नौसेनाअमरिकी नौसेना की ‘ऑपरेशन कमांड’ के प्रमुख एडमिरल जॉन रिचर्डसन इन्होंने भी दो दिन पहले इस बारे में जानकारी दी थी| यह सायबर हमलें कौन से देश से हुए है, इस बारे में जानकारी देने से एडमिरल रिचर्डसन दूर रहे| लेकिन, अमरिकी नौसेना पर सायबर हमलों का संकट और भी चिंताजनक होने की बात उन्होंने कही| अमरिकी नौसेना ने इस घटना का गंभीरता से संज्ञान लिया है और अपने एडमिरल स्तर के अधिकारियों की नियुक्ती एवं युद्धपोतोंं की तैनाती को लेकर गोपनियता बरतनी शुरू की है| साथ ही इन सायबर हमलों को जवाब देने के लिए नौसेना की कोशिश शुरू है, ऐसा बताया जा रहा है|

अमरिका की सायबर कमांड के प्रमुख जनरल नैकासोन इन्होंने भी अमरिकी नौसेना अधिकारियों पर हुए सायबर हमले पर चिंता व्यक्त की है| फिलहाल रशिया, चीन, उत्तर कोरिया और ईरान इन देशों से अमरिका की सायबर सुरक्षा के लिए सबसे अधिक खतरा होने की याद जनरल नैकासोन इन्होंने दिलाई है| इसके पहले भी इन देशों से अमरिका पर सायबर हमलें हुए थे| लेकिन, इसके आगे के समय में सायबर हमले ज्यादा संवेदनशील और खतरनाक होंगे, यह इशारा अमरिकी सायबर कमांड के प्रमुख ने दिया है| नए सायबर हमलों के लिए ईरानी हैकर्स अधिक प्रगत तकनीक का इस्तेमाल कर रहे है, यह पिछले महीने में ही स्पष्ट हुआ था| वही, अमरिका के साथ शुरू व्यापार युद्ध की वजह से चीन से प्रगत तकनीक का इस्तेमाल करके सायबर हमलें हो सकते है, ऐसा भी कहा जा रहा है|

लेकिन, इन सायबर हमलों के विरोध में अमरिकी रक्षाबल तैयारी बढा रही है, यह जानकारी नैकासोन इन्होंने दी| अमरिका के अगले रक्षा बजट में सायबर क्षेत्र के लिए दस प्रतिशत की बढोतरी की गई है और इस वजह से सायबर हमलों का सामना करने के लिए सहायता होगी, यह दावा जनरल नैकासोन इन्होंने अमरिकी कॉंग्रेस की ‘आर्मड् सर्व्हिसेस कमिटी’ के सामने बोलते समय किया|

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