शांति के बावजूद कई मोर्चों पर युद्ध शुरू – रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

नई दिल्ली – भारत शांतिप्रिय देश है लेकिन किसी ने चुनौती दी या टेढी नज़र से देखा तो भारत उसे मुँहतोड़ प्रत्युत्तर दिए बिना नहीं रहेगा, ऐसी चेतावनी रक्षामंत्री ने दी है। ‘लाल बहादुर शास्त्री नैशनल अकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन’ (एलबीएसएनएए) द्वारा आयोजित समारोह में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह बोल रहे थे। शांति और युद्ध दोनों में से एक ही कायम रह सकता है, यही स्थिति पीछे छूट गयी है। मौजूदा समय में शांति के बावजूद अन्य कई मोर्चों पर जंग शुरू होती है, इस वास्तव का स्पष्ट अहसास रक्षामंत्री ने कराया है।

हाल ही में कुछ हफ्तों से भारत के ‘एलएसी’ के करीब चीन की गतिविधियाँ बढ़ी हैं। इस क्षेत्र के करीब चीन ने अपनी वायुसेना का सामर्थ्य बढ़ाकर दोगुना किया है। साथ ही चीन ने ‘एलएसी’ के करीब सेना के लिए निर्माणकार्य शुरू करके भारत को उकसाया है, ऐसी खबरें भी प्रसिद्ध हो रही हैं। इसका संज्ञान अमरिका ने भी लिया है और चीन की यह गतिविधियाँ चिंताजनक होने का बयान अमरिकी रक्षामंत्री लॉईड ऑस्टिन ने किया था। इस पृष्ठभूमि पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारत की भूमिका स्पष्ट शब्दों में रखी। भारत दूसरे देश की एक इंच ज़मीन पर भी कब्ज़ा नहीं करेगा। भारत शांतिप्रिय देश है। लेकिन, भारत को यदि कोई टेढी नज़र से देखेगा तो हम उसे मुँहतोड़ जवाब दिए बिना नहीं रहेंगे, ऐसा रक्षामंत्री ने कहा।

इस चेतावनी के साथ रक्षामंत्री ने सटीक शब्दों में मौजूदा समय की सुरक्षा संबंधी स्थिति का अहसास देशवासियों को कराया है। पहले के समय की तरह शांति या युद्ध इन दोनों में से एक ही स्थिति बनी रहने जैसी स्थिति नहीं है। मौजूदा समय में शत्रु के साथ पूरी तरह से युद्ध नहीं हो रहा है और शांति के बावजूद कई मोर्चों पर युद्ध होता ही रहता है, ऐसा काफी अहम बयान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया।

पूरा युद्ध शत्रु के लिए जीतना विध्वंसक होता है उतना ही यह युद्ध करनेवाले देश के लिए भी नुकसान पहुँचानेवाला होता है। इसका अहसास होने से पिछले कुछ दशकों से सीधे युद्ध नहीं किया जाता है। इसके बजाय छुपा युद्ध और सीधे संघर्ष शुरू ना करनेवाले युद्ध की तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, ऐसी चेतावनी रक्षामंत्री ने दी है।

साथ ही तकनीक और व्यापार का हथियार की तरह इस्तेमाल करने की कोशिश चिंता बढ़ानेवाली बात होती है, इस ओर भी रक्षामंत्री ने देश का ध्यान आकर्षित किया। इसके साथ ही देश के बढ़ते सामर्थ्य पर रक्षामंत्री ने संतोष व्यक्त किया। अब भारत सिर्फ स्वयं के लिए हथियारों का निर्माण नहीं करता, बल्कि मित्रदेशों को भी ज़रूरी हथियारों की सप्लाई कर रहा है, ऐसा राजनाथ सिंह ने कहा।

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